Greater Noida News : आय से अधिक संपत्ति की जांच में अहम सबूत मिलने के बाद झांसी की विजिलेंस इकाई ने चित्रकूट के पूर्व डीएम ओम सिंह देशवाल, पूर्व सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी समेत 5 अफसरों और 4 कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। ओम सिंह देशवाल ओम सिंह देशवाल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भी ACEO के पद पर तैनात रह चुके हैं। फिलहाल ये सभी अफसर रिटायर हो चुके हैं। सभी चित्रकूट में ही तैनात थे। विजिलेंस ने इनकी संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। दावा किया जा रहा है कि इन अफसरों को जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है।
6 साल में बढ़ी संपत्ति
चित्रकूट में 2004 से 2010 तक जिलाधिकारी रहे ओम सिंह देशवाल, पूर्व सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी, परियोजना निदेशक प्रेमचंद्र द्विवेदी, सोमपाल, सहायक अभियंता बुद्धिराम चौधरी समेत 9 कर्मचारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के साथ अवैध खनन की शिकायत की गई थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद झांसी की विजिलेंस इकाई ने मई 2022 से जांच शुरू की थी। इसकी जांच करीब 2 साल तक चली।
ठोस सबूत मिलने के बाद केस दर्ज
इकाई ने 27 अफसरों और कर्मचारियों से पूछताछ की। 369 फाइलें खंगाली गईं। विजिलेंस टीम ने उनकी संपत्ति का ब्योरा खंगालना शुरू कर दिया। रजिस्ट्री दफ्तर में उनकी चल-अचल संपत्ति, बैंक खातों का ब्योरा और बाजार में निवेश की जांच की गई। आय से अधिक संपत्ति के ठोस सबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने पूर्व जिलाधिकारी समेत नौ लोगों के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की है।
चल-अचल संपत्तियों की जांच शुरू
एसपी (विजिलेंस) आलोक शर्मा के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। टीम इनकी चल-अचल संपत्तियों की भी जांच कर रही है। तत्कालीन डीएम ओम सिंह देशवाल निवासी नई दिल्ली, सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी निवासी प्रतापगढ़, परियोजना निदेशक प्रेमचंद द्विवेदी निवासी प्रयागराज, डीआरडीए के प्रदीप कुमार माथुर निवासी चित्रकूट, मुन्नालाल तिवारी निवासी बांदा, रामस्वरूप श्रीवास्तव निवासी चित्रकूट, आरईएस के सहायक अभियंता बुद्धिराम चौधरी निवासी सिद्धार्थनगर, परियोजना निदेशक सोनपाल निवासी झांसी व देवनारायण तिवारी निवासी बाराबंकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।