Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) से एक बड़ी खबर सामने आई है, जो क्षेत्र के विकास और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई है। YEIDA द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि अभी तक राजस्व रिकॉर्ड में अथॉरिटी के नाम दर्ज नहीं हो पाई है। इस खामी का फायदा उठाते हुए कुछ किसान इन जमीनों पर अवैध रूप से बैंकों से लोन ले रहे हैं और यहां तक कि निजी व्यक्तियों को जमीन बेच रहे हैं।
कार्रवाई की मांग की
इस गंभीर मामले के प्रकाश में आने के बाद, YEIDA के सीईओ (CEO) डॉ. अरुणवीर सिंह ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने राजस्व विभाग से अधिग्रहित या खरीदी गई जमीन को जल्द से जल्द अथॉरिटी के नाम दर्ज करने का आग्रह किया है।इस संबंध में प्राधिकरण के सीईओ ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को एक विस्तृत पत्र भेजा है। इस पत्र में 9 गांवों की एक सूची शामिल है, जिसमें 533 बैनामों को YEIDA के नाम दर्ज करने का प्रस्ताव है। यह जानकारी जेवर के उपजिलाधिकारी को भी भेजी गई है।
जल्द इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए : किसान
YEIDA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। अथॉरिटी की जमीन पर तीसरे पक्ष का हित उत्पन्न हो रहा है, जो भविष्य में कानूनी जटिलताओं को जन्म दे सकता है। स्थानीय किसान नेता ने कहा कि कई किसान अनजाने में इस स्थिति का शिकार हो रहे हैं। अथॉरिटी और प्रशासन को जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए ताकि किसानों को कोई नुकसान न हो। इस बीच राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वे जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई शुरू करेंगे। YEIDA के साथ मिलकर काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सभी अधिग्रहित भूमि का रिकॉर्ड सही तरीके से अपडेट किया जाए।