चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच पूरी, एक और अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

बड़ी खबर : चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच पूरी, एक और अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच पूरी, एक और अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

Tricity Today | चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच पूरी

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले से जुड़ी जांच पुलिस ने पूरी कर ली है। इस मामले में एक और अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र जिला न्यायालय में दाख़िल किया गया है। इस भूमि घोटाले के लिए कुल मिलाकर 12 अभियुक्तों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने चार्जशीट दाख़िल की है। इनमें अंतरराज्यीय भू-माफिया यशपाल तोमर और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के रिश्तेदार भी शामिल हैं।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
चिटहेरा भूमि घोटाले के जांच अधिकारी और क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त शामजीत प्रमिला सिंह ने बताया कि इस भूमि घोटाले की जांच पूरी कर ली गई है। गौतमबुद्ध नगर जिला एवं सत्र न्यायालय में आईपीसी की धारा 420, 467,468, 471, 384, 120B, अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम की धारा 3(1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चौथी चार्जशीट दाख़िल की गई है। इस मामले में 12 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इस भूमि घोटाले में शामिल अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पूर्व में गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा चुकी है। गैंगस्टर अधिनियम के मुक़दमे में एक अभियुक्त नरेंद्र कुमार फ़रार चल रहा है। उसके ख़िलाफ़ 25 हज़ार रुपए का ईनाम घोषित किया गया है।

अरबों के घोटाले में गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने केवल दो को आरोपी बनाया
अरबों रुपए के इस भूमि घोटाले के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने केवल लेखपाल शीतला प्रसाद और राजस्व निरीक्षक गोवर्धन को आरोपी बनाया है। दादरी तहसील के बाक़ी तमाम अधिकारियों को क्लीनचिट दे दी गई है। अंतिम आरोप पत्र में पुलिस ने लिखा है कि दादरी तहसील के बाक़ी किसी अधिकारी या कर्मचारी की इस भूमि घोटाले में संलिप्तता उजागर नहीं हुई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या केवल लेखपाल और कानूनगो इतने ताक़तवर हो गए कि उन्होंने अंतरराज्यीय भू-माफ़िया यशपाल तोमर व उसके गैंग को सैकड़ों बीघा ज़मीन दे दी। तहसील के बाक़ी किसी अधिकारी और कर्मचारी को भनक तक नहीं लग पाई।

वंदिता श्रीवास्तव ने सुहास एलवाई को सौंपी थी एक हजार पन्नों की रिपोर्ट
आपको बता दें कि आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल "ट्राईसिटी टुडे" ने चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के इस भूमि घोटाले का ख़ुलासा किया था। जिस पर तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (वित एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव को जांच सौंपी थी। वंदिता श्रीवास्तव ने क़रीब एक हज़ार पन्नों की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी थी। जिसके आधार पर जिलाधिकारी ने दादरी तहसील प्रशासन को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। 

पूर्व मुख्यमंत्री के समधी-समधन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
दादरी के राजस्व निरीक्षक पंकज निर्वाल की शिकायत पर पुलिस ने मुक़दमा अपराध संख्या 280/2022 दर्ज किया था। जिसमें गैंगस्टर भूमाफिया यशपाल तोमर, उत्तराखंड में तैनात आईएएस और आईपीएस अफसरों के तीन रिश्तेदार, यशपाल तोमर के तीन नौकरों और कंपनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने जांच शुरू की और इन सारे लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की। बाद में यकायक पहली चार्जशीट को तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (अपराध) मिनाक्षी कात्यायन ने रद्द कर दिया। नई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाख़िल की गई। जिसमें उत्तराखंड कैडर के आईएएस और आईपीएस अफसरों के तीनों रिश्तेदारों को क्लीनचिट दे दी गई। पुलिस ने जांच करके बताया कि त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के दो निदेशक अनिल राम और साधनाराम हैं। आपको बता दें कि यह दोनों उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के समधी-समधन हैं। इनके ख़िलाफ़ भी चार्जशीट दाख़िल की गई है।

चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच कर रहे मुख्य इंस्पेक्टर निलंबित
दूसरी ओर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभियुक्तों की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए इस प्रकरण का ट्रायल एक वर्ष में पूरा करने का आदेश दिया है। आपको यह भी बता दें कि चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच गौतमबुद्ध नगर क्राइम ब्रांच के मुख्य इंस्पेक्टर गिरीश राज प्रसाद कर रहे थे। पिछले दिनों पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने इंस्पेक्टर गिरीश राज प्रसाद को निलंबित कर दिया है। गिरीश राज प्रसाद पर मुकदमों की जांच में गड़बड़ी करने, उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं करने और मनमानी करने के गंभीर आरोप हैं। इतना ही नहीं हत्या से जुड़े एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गिरीश राज प्रसाद की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे।

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