अब माफिया की पड़ोसी गांवों को लूटने की तैयारी, तीन पड़ोसी गांवों में दलितों के पट्टे हड़पने की तैयारी

चिटहेरा भूमि घोटाला : अब माफिया की पड़ोसी गांवों को लूटने की तैयारी, तीन पड़ोसी गांवों में दलितों के पट्टे हड़पने की तैयारी

अब माफिया की पड़ोसी गांवों को लूटने की तैयारी, तीन पड़ोसी गांवों में दलितों के पट्टे हड़पने की तैयारी

Tricity Today | चिटहेरा भूमि घोटाला

Chithera Land Scam : ग्रेटर नोएडा में दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में सैकड़ों करोड़ रुपए की सरकारी जमीन हड़पने के बाद अब माफिया ने आस-पड़ोस के गांव की ओर रुख कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक चिटहेरा में जिस तरह दलितों और किसानों के पट्टे हड़पे गए अब ठीक उसी तरह जारचा, खंदेड़ा और दतावली गांवों में जमीन हड़पी जा रही है। इन तीनों गांवों में दलित समाज और दूसरे भूमिहीन परिवारों को मिले सरकारी जमीन के पट्टों के एग्रीमेंट करवाए जा रहे हैं। इन पट्टों को बहाल करवाने के बाद संक्रमणीय भूमिधर घोषित करवाया जाएगा। फिर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से मुआवजा उठाने की तैयारी है।

15 लोगों जेल भिजवाए, 32 से ज्यादा मुकदमे दर्ज 
दादरी तहसील के जारचा, खंदेड़ा और दतावली गांवों काफी संख्या में दलित और किसान रहते हैं। चिटहेरा गांव के बाद अब माफिया इन गांवों में रहने वाले दलितों और किसानों की जमीन को हड़पने लगा हुआ है। चिटहेरा गांव में जमीन हड़पने के दौरान माफिया ने गांव के 15 लोगों को पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड जेल भिजवाया। इनके खिलाफ 32 से ज्यादा मुकदमे दर्ज करवाए गए। अब जारचा, खंदेड़ा और दतावली के ग्रामीणों की जमीन हड़पने का काम किया जा रहा है।

एसटीएफ और जिला प्रशासन की जांच हुई तेज
इस मामले में यूपी एसटीएफ की नोएडा ब्रांच जांच कर रही है। डीएसपी देवेंद्र सिंह को यह जांच सौंपी गई है। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने पूरे मामले की जांच करने की जिम्मेदारी अपर-जिलाधिकारी प्रशासन नितिन मदान को सौंपी थी। अब मामले की जांच अपर-जिलाधिकारी भू-राजस्व वंदिता श्रीवास्तव जांच कर रही है। शिकायतकर्ता प्रताप सिंह ने पहले जिलाधिकारी और फिर वंदिता श्रीवास्तव से मुलाकात करके साक्ष्य और दस्तावेजों सौंपे हैं। यह जांच अब काफी तेजी से चल रही है। एसटीएफ और जिला प्रशासन को इस मामले में जल्द से जल्द पूरी जांच करने के लिए कहा गया है।

डीजीपी से की थी शिकायत
इस पूरे घोटाले की शिकायत लोनी के रहने वाले प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से की थी। डीजीपी ने यह पूरा मामला एसटीएफ को सौंप दिया है। एसटीएफ की नोएडा ब्रांच के डीएसपी देवेंद्र सिंह इसकी जांच कर रहे हैं। नोएडा एसटीएफ के एसपी राजकुमार मिश्रा का कहना है कि जांच चल रही है। दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। जल्दी रिपोर्ट तैयार करके भेज दी जाएगी। जांच में काफी तेजी आ गई है।

राजस्व रिकॉर्ड में भी गड़बड़ हुई
दादरी तहसील के राजस्व अभिलेखों में बड़े पैमाने पर जालसाजी की गई है। गांव के रजिस्टर 57-ख में बड़े हेरफेर किए गए हैं। इसके बाद दलित आवंटियों को संक्रमणीय भूमिधर घोषित करवाया गया। इस पूरे गोरखधंधे में माफिया के साथ कुछ स्थानीय नेता और कई राज्यों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। गांव वालों ने उस वक्त इस पूरे घोटाले का विरोध किया था। तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ महेंद्र सिंह कोली और सुनील फौजी ने धरना दिया था। महेंद्र कोली को भी जेल भिजवाया गया था। महेंद्र सिंह कोली और सुनील फौजी को फर्जी मुकदमों में अदालत ने बरी कर दिया है।

क्या है पूरा मामला
दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में माफिया, अफसरों और नेताओं के गठजोड़ ने राज्य सरकार की सैकड़ों बीघा जमीन अवैध तरीके से हड़प ली है। इसके बाद इस जमीन का सैकड़ों करोड़ रुपये मुआवजा नोएडा विकास प्राधिकरण से लिया गया है। अभी सैकड़ों बीघा जमीन माफिया और उसके गुर्गों के नाम पर है। इस पर अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। कुछ जमीन दूसरे लोगों को बेच दी गई है। इसके अलावा अभी माफिया और उसका गठजोड़ ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बाकी जमीन बेचकर पैसा लेने की फिराक में है। यह घोटाला करीब एक दशक से चिटहेरा गांव में चल रहा था।

ट्राईसिटी टुडे ने प्रमुखता से उठाया मुद्दा
ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जांच का आदेश दे दिया है। ट्राईसिटी टुडे ने इस भूमि घोटाले पर सबसे पहले समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने इस मामले को संज्ञान में लिया और जांच के आदेश दिए।

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