चिटहेरा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर की प्रॉपर्टी बेनामी घोषित, भारत सरकार ने किया अटैचमेंट

BIG BREAKING : चिटहेरा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर की प्रॉपर्टी बेनामी घोषित, भारत सरकार ने किया अटैचमेंट

चिटहेरा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर की प्रॉपर्टी बेनामी घोषित, भारत सरकार ने किया अटैचमेंट

Google | Yashpal Tomar

Kanpur/Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड इंटरस्टेट भूमाफिया यशपाल तोमर की संपत्ति को भारत सरकार ने बेनामी घोषित कर दिया है। यशपाल की उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में करीब 100 करोड रुपए की संपत्ति आयकर विभाग ने अटैच कर ली हैं। आयकर विभाग की ओर से दादरी के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को एक आदेश भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि चिटहेरा भूमि घोटाले से जुड़ी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगाई गई है। इन प्रॉपर्टी से जुड़ा किसी भी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक अगले सप्ताह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों की टीम कानपुर से ग्रेटर नोएडा आएगी। आयकर विभाग प्रॉपर्टी को बेनामी घोषित करने और अटैच करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी करेगा।

प्रोपर्टी कुर्क कर चुका है हरिद्वार जिला प्रशासन
आपको बता दें कि आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल TRICITY TODAY ने चिटहेरा गांव में हुए इस भूमि घोटाले का खुलासा किया। जिसके बाद उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच का आदेश दिया। घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर को इसी साल जनवरी महीने में उत्तराखंड एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। वह तभी से जेल में बंद है। इसके बाद हरिद्वार जिला प्रशासन और गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कार्यवाही की। यशपाल तोमर को इंटरस्टेट भूमाफिया घोषित किया गया। गाजियाबाद गौतमबुद्ध नगर, हरिद्वार और बागपत में यशपाल तोमर व उसके गुर्गों की 100 करोड़ रुपए से ज्यादा प्रॉपर्टी सीज की गई हैं। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने लेखपाल शीतला प्रसाद को भी गिरफ्तार किया था। यशपाल तोमर पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई है।

गौतमबुद्ध नगर पुलिस की एसआईटी की जांच पर सवाल
गौतमबुद्ध नगर पुलिस लेखपाल शीतला प्रसाद के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई। जिसके चलते उसे जमानत मिल गई है। बड़ी बात यह है कि चिटहेरा गांव जब सरकारी सम्पत्ति की लूट चल रही थी, उस पूरे वक्त शीतला प्रसाद गांव का लेखपाल रहा है। इस मामले की जांच कर रही गौतमबुद्ध नगर पुलिस की एसआईटी की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं। करीब चार महीनों में एसआईटी ने जांच के नाम पर कुछ नहीं किया है। शीतला प्रसाद के अलावा बाकी किसी आरोपी की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है। एसआईटी में अब तक कोई चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है। मामले की शुरुआत में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने जांच करने और एफआईआर दर्ज करवाने में हीलाहवाली की थी। एफआईआर दर्ज हुई तो गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने मामले को संजीदगी से नहीं लिया। जिसकी बदौलत तमाम आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से एंटीसिपेटरी बैल हासिल कर ली थीं।

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