समिति ने जांच रिपोर्ट रितु महेश्वरी को सौंपी, किसानों ने मिलकर की कार्रवाई की मांग

ग्रेटर नोएडा 6% आबादी भूखंड घोटाला : समिति ने जांच रिपोर्ट रितु महेश्वरी को सौंपी, किसानों ने मिलकर की कार्रवाई की मांग

समिति ने जांच रिपोर्ट रितु महेश्वरी को सौंपी, किसानों ने मिलकर की कार्रवाई की मांग

Tricity Today | समिति ने जांच रिपोर्ट रितु महेश्वरी को सौंपी

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से बड़ी खबर है। किसानों को भविष्य की आबादी के लिए दिए जाने वाले 4%, 6% और 10% आबादी भूखंडों के आवंटन में हुए घोटाले की शुरुआती जांच पूरी हो गई है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह की निगरानी में जांच हुई। जांच समिति ने यह रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी को भेज दी है। जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को सैनी गांव के किसानों ने सीईओ से मुलाकात की। इस घोटाले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग किसानों ने की है। रितु माहेश्वरी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि जल्दी ही रिपोर्ट की सिफारिशों पर अमल किया जाएगा।

क्या है मामला
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के दायरे वाले गांवों में भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष किसानों को भविष्य की आबादी के लिए 6%, 4% और 10% आबादी भूखंड देने का प्रावधान है। इन भूखंडों के आवंटन में व्यापक अनियमितताएं की गई हैं। मसलन, प्राधिकरण क्षेत्र के मूल किसानों की बजाय यह भूखंड बिल्डरों, कंपनियों, सोसायटी और दूसरे राज्यों के निवासियों को दिए गए हैं। ऐसे लोगों को भी दिए गए हैं, जो अदालत नहीं गए थे। अदालत के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके बड़ी संख्या में लोगों ने भूखंडों का आवंटन करवाया है। इस पूरे धंधे में प्राधिकरण का नियोजन, लैंड और लॉ डिपार्टमेंट शामिल रहा है। 'ट्राईसिटी टुडे' ने 9 सितंबर से समाचारों की एक श्रृंखला इस पूरे प्रकरण पर प्रकाशित की थी। सैनी गांव के 5 किसान ब्रह्म सिंह, धीरेंद्र सिंह, राम सिंह नागर, डॉक्टर जगदीश नागर और संजीव नागर ने तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह से मेरठ जाकर 16 सितंबर 2022 को मुलाकात की थी।

किसानों ने सुरेंद्र सिंह को सौंपे दस्तावेज
किसानों ने तत्कालीन सीईओ को इस घोटाले से संबंधित सारे दस्तावेज सौंपे थे। सुरेंद्र सिंह ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह को इस मामले में जांच करने का आदेश दिया था। अदिति सिंह ने प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी सौम्य श्रीवास्तव की अगुवाई में 5 सदस्यों की समिति का गठन किया। तब से यह समिति इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही थी। अब मिली जानकारी के मुताबिक सौम्य श्रीवास्तव की समिति ने जांच रिपोर्ट करीब 10 दिन पहले एसीईओ अदिति सिंह को भेजी थी। पिछले सप्ताह एसीईओ ने जांच रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी को भेज दी है।

किसान ऋतु महेश्वरी से मिले
प्रारंभिक जांच पूरी होने की जानकारी किसानों को मिली। किसानों ने मंगलवार को मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी से विकास प्राधिकरण के मुख्यालय में मुलाकात की। किसानों ने ऋतु महेश्वरी से कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए गए कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिन लोगों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अवैध रूप से भूखंड हासिल किए हैं, उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। प्राधिकरण की संपत्ति की रिकवरी की जानी चाहिए। आपको बता दें कि किसानों ने तत्कालीन सीईओ सुरेंद्र सिंह को शिकायती पत्र सौंपा था। उसमें आबादी भूखंडों के आवंटन से जुड़ी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग भी की थी। 

किसानों ने फ़िलहाल संतुष्टि जाहिर की
मंगलवार को एक बार फिर किसानों ने ऋतु महेश्वरी के सामने अपनी मांग दोहराई है। मिली जानकारी के मुताबिक ऋतु महेश्वरी ने किसानों को जांच रिपोर्ट के आधार पर जल्दी आगे की कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। सैनी गांव के पूर्व प्रधान और शिकायत करने वाले ब्रह्म सिंह नागर ने कहा, "हम प्राधिकरण की अब तक की कार्यवाही से संतुष्ट हैं। सीईओ ने मामले में जल्दी एक्शन लेने का आश्वासन दिया है। हमें उम्मीद है कि वह प्राधिकरण को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगी।"

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