बाउंड्री वॉल के लिए किसानों ने नहीं दी जमीन, जानिए क्यों

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अटका : बाउंड्री वॉल के लिए किसानों ने नहीं दी जमीन, जानिए क्यों

बाउंड्री वॉल के लिए किसानों ने नहीं दी जमीन, जानिए क्यों

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो गई है। मिली जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट के चारों तरफ होने वाली बाउंड्री का काम रुक गया है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि किसानों ने अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया है। किसानों का दावा है कि इस जमीन के बदले सरकार उनको मुआवजा नहीं देगी। यह मामला अब लखनऊ हो चुका है। हालांकि, यमुना विकास प्राधिकरण का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस समस्या का समाधान करने में जुटी हुई है।

करीब 14 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वॉल होनी है
गौतमबुद्ध नगर के जेवर में भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है। एयरपोर्ट के चारों तरफ करीब 14 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वॉल होनी है, लेकिन बाउंड्री का काम बीच में अटक गया है। दरअसल, किसान अपनी जमीन नहीं दे रहे हैं। 

बाउंड्री वॉल की वजह से काम रुका
किसानों का कहना है कि यह जमीन सोर है। यानी कि इस बंजर जमीन पर रेहू होता है। इस जमीन पर फसल नहीं होती है। इसलिए सरकार उनको मुआवजा नहीं देगी। जिसकी वजह से किसान इस जमीन को देने से इंकार कर रहे हैं। दूसरी ओर बाउंड्री वॉल अधूरी होने की वजह से काम में रुकावट आ गई है। इस अधूरी बाउंड्री को असुरक्षा की नजर से भी देखा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि दीवार अधूरी होने की वजह से जंगली जानवर साइट में घुस जाते हैं, जिसकी वजह से काम में रुकावट आ रही है।

क्या होती है सोर जमीन
जिस जमीन पर रेहु होता है, वह बंजर जमीन होती हैं। यानी कि उसकी मिट्टी उपजाऊ नहीं होती और उसपर फसलों की पैदावार नहीं होती है। इस रेहु का इस्तेमाल पुराने जमाने में लोग कपड़े धोने में भी किया करते थे। इस जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए इसकी मिट्टी कई तरह की चीजें मिलाकर उपजाऊ बनाई जा सकती थी। उसके बाद वर्ष 1920 में इस जमीन को लेकर प्रावधान बनाया गया। पहले यह जमीन ऐसे ही पड़ी रहती थी, लेकिन प्रावधान बनने के बाद इस जमीन का किसानों को पट्टा दिया गया और फिर मालिकाना हक मिल गया। किसी जमीन का मालिकाना हक मिलने के बाद किसान उस जमीन के मुआवजे के हकदार भी हो जाते हैं।

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