बलात्कार के दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 6 साल में आया फैसला

गौतमबुद्ध नगर : बलात्कार के दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 6 साल में आया फैसला

बलात्कार के दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 6 साल में आया फैसला

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत ने बलात्कार करने और दुष्कर्म का वीडियो वायरल करने के 6 साल पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए दो दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोनों दोषियों पर 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट ने आरोपियों को दोषी माना। तीसरे आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। मामले की सुनवाई स्पेशल जज वेद प्रकाश वर्मा कर रहे थे। 

क्या है पूरा मामला
सहायक शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र जयंत ने पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 अगस्त 2015 को एक छात्रा ने ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा थाने में मामला दर्ज कराया था। उसने कहा था कि वह पढ़ने के लिए कॉलेज जा रही थी। तभी स्कॉर्पियो कार में सवार तीन लोगों ने उसे पिस्टल के बल पर जबरन अगवा कर लिया और उसे धमकाया। दोषी उसे लेकर सुनसान इलाके में गए। बाद में आरोपियों ने उसे नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया। इस दौरान दो दोषियों ने युवती के साथ बलात्कार किया और इसका वीडियो बनाया। बाद में तीनों ने पीड़िता को उसके रास्ते में छोड़ दिया। 

वीडियो वायरल करने की धमकी दी
हालांकि उन्होंने कहा कि अगर पीड़िता ने इसकी शिकायत किसी से की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। वारदात के कुछ दिन बाद दोषी युवती से फिर मिले। उन्होंने युवती से एक पिस्टल किसी और को देने की बात कही। युवती के इनकार करने पर उन्होंने बलात्कार की वीडियो वारयल करने की धमकी दी। इसके कुछ दिन बाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। युवती की बहन को इसकी भनक लगी। फिर इस घटना की जानकारी परिजनों को हुई। इसके बाद परिजनों ने पुलिस में केस दर्ज कराया। 

अदालत ने पाया दोषी
मामले की सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने फिरे सिंह और धर्मी को बलात्कार और इसका वीडियो वायरल करने का दोषी पाया। इन दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने दोनों दोषियों पर 80 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। गाड़ी चालक तीसरे आरोपी सतीश को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। केस की सुनवाई एडीजे-2 की कोर्ट में चल रही थी। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद 16 मार्च को अपना फैसला सुनाया। पीड़ित पक्ष के लोग इसे इंसाफ की जीत बता रहे हैं और इस फैसले से खुश हैं। उनका कहना है कि 6 साल बाद ही सही, न्याय की जीत हुई है।

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