Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में थाना नॉलेज पार्क क्षेत्र में 16 दिसंबर 2023 को एक क्रेन चालक की लापरवाही से इंजीनियरिंग की छात्रा दिव्यांशी शर्मा की मौत हो गई थी। अब इस मामले में एक साल बाद हाईकोर्ट ने आरोपी क्रेन चालक विकास भाटी को जमानत देदी है। इसके अलावा 2 दिसंबर को स्थानीय कोर्ट ने हादसे में शामिल क्रेन को भी छोड़ दिया है। इस मामले को लेकर दिव्यांशी के पिता ने नोएडा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पिता का आरोप है कि पुलिस शुरुआत से ही इस मामले में लापरवाही बरत रही थी। पुलिस की लापरवाही से आरोपी को जमानत मिली है। अब वह फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
16 दिसंबर को 2023 की है घटना
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के जीटीबी नगर निवासी दिव्यांशी शर्मा ने अपनी क्षतिग्रस्त कार (होंडा अमेज) के लिए क्रेन बुलाई थी। पुलिस के मुताबिक फीस और मुआवजे को लेकर क्रेन चालक और दिव्यांशी के बीच कहासुनी हो गई थी। क्रेन चालक विकास भाटी दिव्यांशी की कार की चाबी नहीं दे रहा था। आरोप है कि जब वह चाबी मांगने गई तो उसने उसका हाथ पकड़ लिया और क्रेन को तेज चलाते हुए 30 से 40 मीटर तक घसीटा। फिर उसके चेहरे पर मुक्का मारकर उसे नीचे गिरा दिया और क्रेन का पिछला पहिया उसके ऊपर से उतर गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चालक ने गुस्से में दिव्यांशी को धक्का दे दिया, जिससे वह सड़क पर गिर गई और क्रेन के नीचे आ गई। एफआईआर में दावा किया गया है कि आरोपी ने महिला को कार की चाबी देने से इनकार कर दिया और गाड़ी चलाते समय उसे कुचल दिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आरोपी विकास भाटी को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना) के तहत मामला दर्ज किया।
जानिए कैसे मिली आरोपी को जमानत
हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ आरोपी को जमानत दी है। मृतक के पोस्टमार्टम में आरोपी की स्पष्ट भूमिका सामने नहीं आई है। आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आरोपी जांच में सहयोग कर रहा है। कोर्ट ने आरोपी को सबूतों से छेड़छाड़ न करने और कोर्ट के आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया। किसी भी शर्त का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द की जा सकती है। तय तिथियों पर ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहेंगे। दो जमानती और निजी मुचलका जमा करेंगे। हालांकि अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी नशे में था और लापरवाही से क्रेन चलाते हुए महिला की मौत का कारण बना।
दिव्यांशी का परिवार सुप्रीम कोर्ट जाएगा
दिव्यांशी के पिता कुलभूषण शर्मा ने कहा, हम फैसले से असंतुष्ट हैं। फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। न्यायालय में दो गवाहों की दलीलें पेश की गईं, जिससे आरोपी की लापरवाही और अपराध की स्पष्ट पुष्टि होती है। इसके बावजूद आरोपी को राहत दे दी गई। आरोप लगाया गया कि पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही लापरवाही बरती। यह स्पष्ट रूप से हत्या का मामला था। पुलिस ने इसे गैर इरादतन हत्या (धारा 304) में बदल दिया।