अखलाक की बेटी ने अदालत को सुनाई उस स्याह रात की पूरी कहानी, पुलिस पर गम्भीर आरोप

बिसाहड़ा कांड : अखलाक की बेटी ने अदालत को सुनाई उस स्याह रात की पूरी कहानी, पुलिस पर गम्भीर आरोप

अखलाक की बेटी ने अदालत को सुनाई उस स्याह रात की पूरी कहानी, पुलिस पर गम्भीर आरोप

Tricity Today | अखलाक और उसकी बेटी

Dadri Lynching Case : दादरी लिंचिंग केस के नाम से कुख्यात बिसाहडा कांड एक बार फिर सुर्खियों में है। करीब 7 साल बाद इस मुकदमे में मरहूम अखलाक की बेटी और एकमात्र चश्मदीद गवाह शाइस्ता ने मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में अपने बयान दर्ज करवाए हैं। शाइस्ता ने उस स्याह रात की पूरी कहानी अदालत के सामने बयां की है। शाइस्ता के बयान के बारे में बचाव पक्ष के वकील ब्रह्मदत्त गौड़ से 'ट्राईसिटी टुडे' ने विस्तृत चर्चा की है। जिसके आधार पर हम आपको यह जानकारी मुहैया करवा रहे हैं। शाइस्ता ने उस वक्त के पुलिस अफसरों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

28 सितंबर 2015 की रात 10:30 बजे शुरू हुआ बवाल
शाइस्ता ने अपने बयान में कहा, "28 सितंबर 2015 की रात लगभग 10:30 बजे मैं अपने घर पर थी। घर पर मेरी दादी असगरी, पापा स्वर्गीय अखलाक, मम्मी इकरामन और भाई दानिश मौजूद थे। हम नमाज पढ़कर और खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी हमारे गांव के चौक वाले मंदिर पर ऐलान हुआ कि बड़े ट्रांसफार्मर के पास किसी ने गाय काट दी है। सभी लोग वहां पहुंचे। तभी हमारे घर के बाहर बहुत सारे लोग आ गए। वह सभी लोग गंदी गालियां देकर कटवा कटवा बोल रहे थे। हमारे घर का दरवाजा तोड़कर और चाचा के घर की दीवार से कूदकर करीब 15-20 लोग घुस आए। उस समय मेरी दादी और मम्मी नीचे थीं। मेरे पापा, मैं और भाई दानिश ऊपर थे। मम्मी और दादी ने नीचे से और मेरे पापा ने ऊपर से पूछा, क्या बात है? अरुण उर्फ अन्नी पुत्र राज्यपाल, शिवम पुत्र मुकेश, संदीप पुत्र ओमबीर, विशाल पुत्र संजय राणा, सौरभ पुत्र धीरज, गौरव पुत्र धीरज, श्रीओम पुत्र राजाराम, हरिओम पुत्र राजाराम, पुनीत शर्मा पुत्र पप्पू शर्मा, विनय पुत्र ओम महेश, पुनीत पुत्र धर्मवीर, भीम पुत्र छुट्टन, सचिन पुत्र ओम, विवेक पुत्र ओम, रोहित पुत्र लाला पंटूरी, भूपेंद्र पुत्र प्रमोद फौजी, हरिओम पुत्र रूप सिंह, रोबिन पुत्र रणवीर और सोनू उर्फ धम्मू पुत्र धर्मवीर ऊपर आने वाले लोगों में शामिल थे। इनमें से विवेक के हाथ में सरिया और बाकी के हाथों में लाठी-डंडे थे।

अखलाक को ऊपर से घसीटते हुए रास्ते पर लाए, दानिश को मरा समझकर छोड़ दिया
शाइस्ता ने अदालत को बताया, "यह सभी लोग मेरे गांव बिसाहड़ा के रहने वाले हैं और मैं इन सबको जानती पहचानती हूं। मैं, मेरे पापा और भाई ऊपर छुपे हुए थे। इन लोगों ने हमारे कमरे का दरवाजा तोड़ दिया। हम सबको मारना-पीटना शुरू कर दिया। कह रहे थे कि तुमने गाय काटी है तो जिंदा नहीं छोड़ेंगे। हमारे साथ धक्का-मुक्की करते हुए यह सभी लोग मेरे पापा अखलाक को घसीटते हुए जीने से नीचे ले गए और फिर बाहर रास्ते पर ले गए। मेरे भाई दानिश को मरा समझकर छोड़ गए। हमारे घर में रखे मिट्टी के तेल को घर में छिड़क दिया। पुलिस के आने के बाद हम दानिश को अस्पताल ले गए थे। अस्पताल में मुझे पता चला कि मेरे पापा की मृत्यु हो चुकी है। इस घटना की रिपोर्ट मैंने लिखी थी। यह रिपोर्ट मेरी मम्मी की तरफ से लिखी गई थी। मैंने यह रिपोर्ट नोएडा अस्पताल में लिखी थी।" शाइस्ता ने आगे कहा, "घटना के संबंध में पुलिस ने मुझसे पूछताछ की थी। मैंने पुलिस को सब बात बता दी थी।"

रिश्तेदार के घर से आया मांस ईद पर पकाया गया था
शाइस्ता ने अदालत को बताया है कि ईद के मौके पर उनके घर किसी रिश्तेदार ने मांस भेजा था। वही पकाया गया था। वह मांस किस रिश्तेदार ने भेजा था, यह मुझे जानकारी नहीं है। कुछ बचा हुआ मांस बोनचाइना के एक बर्तन में भरकर फ्रिज में रखा गया था। उस बर्तन को विशाल राणा निकालकर ले गया था। यह सारी जानकारी उस वक्त पुलिस को दी गई थी। पुलिस ने मुझसे कहा था कि जो वाकया घर के अंदर हुआ है, सिर्फ उसके बारे में बताना है। मेरे मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज हुए थे। पुलिस वालों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की है। हमारी बताई हुई सारी बातों को छुपाया है। हमने एक न्यूज़ चैनल और न्यूज़ वेबसाइट पर प्रसारित किए गए वीडियो अदालत में दाखिल किए हैं। जिनमें यह सभी लोग अपना गुनाह कबूल कर रहे हैं। यह लोग इस वीडियो में कह रहे हैं कि अखलाक और उसके परिवार ने हमारी भावनाओं को भड़काया है।" शाइस्ता ने अदालत को बताया कि सचिन ने अपने आप को गलत ढंग से नाबालिग घोषित किया है। उसने दसवीं की दो मार्कशीट लगाई हैं। वह घटना के दिन नाबालिग नहीं था।

अखलाक हत्याकांड में कब क्या हुआ
- 28 सितंबर 2015 की रात बिसाहड़ा गांव में भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
- 24 दिसंबर 2015 को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने हत्याकांड के 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
- 31 जुलाई 2017 को इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विशाल राणा को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी।
- 15 अक्टूबर 2017 को स्थानीय विधायक की मदद से हत्याकांड के 15 आरोपी युवकों को एनटीपीसी में नौकरी दी गई।
- 12 फरवरी 2021 को जिला न्यायालय ने सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
- 14 जून 2022 को चश्मदीद गवाह और तहरीर की लेखक शाहिस्ता ने अदालत में बयान दर्ज करवाया। शाहिस्ता अखलाक की बेटी है।

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