बदहाल दादरी बस अड्डा विकास का कर रहा इंतजार, दो साल से लटकी फाइल, इस संगठन ने परिवहन मंत्री को लिखा खत

ग्रेटर नोएडा : बदहाल दादरी बस अड्डा विकास का कर रहा इंतजार, दो साल से लटकी फाइल, इस संगठन ने परिवहन मंत्री को लिखा खत

बदहाल दादरी बस अड्डा विकास का कर रहा इंतजार, दो साल से लटकी फाइल, इस संगठन ने परिवहन मंत्री को लिखा खत

Tricity Today | बदहाल पड़ा दादरी बस अड्डा

Greater Noida : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने आज ग्रेटर नोएडा के दादरी में 12 करोड़ की लागत वाली 12 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। लेकिन वर्षों से बदहाल पड़ा दादरी बस अड्डा अफसरों की प्राथमिकता सूची में जगह बनाने में असफल रहा है। इसको लेकर शहर के संगठन आर्य सभा ने राज्य के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया को ज्ञापन सौंपा और उनसे इस बस स्टैंड के निर्माण के लिए धनराशि जारी करने की मांग की। दादरी में बस अड्डा जीर्ण हो गया है। बस अड्डे से संचालन के बजाय मुख्य सड़क से ही सवारियों को लेकर बसें संचालित होती हैं।

दो साल से इंतजार कर रहे हैं
राज्य परिवहन मंत्री अशोक कटारिया को सौंपे अपने ज्ञापन में आर्य सभा के जिला उपाध्यक्ष डॉ आनंद आर्य ने लिखा है, ‘करीब 60 वर्ष पहले निर्मित दादरी बस अड्डा जीर्ण-शीर्ण हालत में है। इसके पुनर्निर्माण को लेकर एक करोड़ 58 लाख का प्रस्ताव परिवहन विभाग ने 2 साल पहले लखनऊ मुख्यालय को भेजा था। लेकिन इस पर अब तक अमल नहीं हुआ है। जनहित में आपसे जल्द धन आवंटन की अपेक्षा है।’ 

6 बसें नहीं चल रहीं 
उन्होंने आगे लिखा है, ‘साथ ही नोएडा-दादरी रोड पर निर्धारित 6 बसें नहीं चल रही हैं। इससे लोगों को भारी असुविधा हो रही है। नोएडा एआरएम से इस संबंध में बार-बार अनुरोध किया गया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। साथ ही अनुरोध है कि रोडवेज बसों को बायपास ना होकर दादरी शहर से रूट दिया जाए। इससे लंबी दूरी की बस सेवा का लोग लाभ उठा सकेंगे। लोकल बसों में लोग आवागमन कर सकेंगे। इससे निवासियों को भी सहूलियत मिलेगी और परिवहन विभाग को राजस्व भी मिलेगा। दादरी घनी आबादी वाला कस्बा है। यहां यातायात के संसाधनों की बेहद जरूरत है। 

एक करोड़ 58 लाख का बजट भेजा था
बताते चलें कि 18 अक्टूबर, 2019 को गाजियाबाद के क्षेत्रीय प्रबंधक एके सिंह ने अधिशासी अभियंता परिवहन निगम मुख्यालय, लखनऊ को दादरी बस स्टेशन के पुनर्निर्माण के लिए प्रारंभिक अनुमानित लागत मंजूरी के लिए भेजी थी। एके सिंह ने अपने बजट में कहा था कि दादरी बस स्टैंड को अत्याधुनिक बनाने में करीब एक करोड़ 58 लाख रुपए का खर्च आएगा। 2 साल बीतने को हैं। लेकिन अब तक शासन की तरफ से इस बस अड्डे के पुनर्निमाण के लिए धनराशि जारी नहीं हुई है। इसकी वजह से गौतमबुद्ध नगर के भीड़भाड़ के कस्बे वाला बस अड्डा बदहाली का शिकार है।

जीर्ण हो गया है बस स्टेशन
ट्राइसिटी टुडे ने दादरी बस स्टैंड की ग्राउंड रिपोर्टिंग की। इस दौरान पाया गया कि बस स्टेशन की इमारत पूरी तरह जर्जर हो गई है। सारी दीवारें टूटी हुई हैं। बस अड्डे में बैठने या खड़े होने तक की कोई सुरक्षित जगह नहीं है। छतों से प्लास्टर गिर रहा है। पूरा बस अड्डा जीर्ण हो गया है। हर तरफ कूड़ा-कचरा और मलवा जमा है। इस वजह से इस बस अड्डे से बसों का संचालन संभव नहीं है। यहां बैठने वाले अफसर और कर्मचारी हमेशा सांसत में रहेंगे। इसी वजह से परिवहन विभाग के कर्मचारी यहां आने से बचते हैं। यात्री भी खतरे को देखते हुए अंदर जाने से परहेज करते हैं।

मेन रोड़ पर खड़ी होती हैं बसें
यात्री भी बस स्टेशन के अंदर जाने के बजाय मुख्य मार्ग पर ही बसों का इंतजार करते हैं। इस वजह से बसें भी बस अड्डे में जाने के बजाय मुख्य मार्ग पर ही सवारियां चढ़ाती-उतारती हैं। इसके चलते मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक जाम और आवागमन बाधित होता है। कभी-कभी घंटों का ट्रैफिक जाम होता है। लेकिन परिवहन विभाग के अफसर इसकी सुध लेने से कतराते हैं। बाहर मुख्य मार्ग पर यात्री और बसें अतिक्रमण करते ही हैं, अवैध खोखे और रेहड़ी-पटरी वालों ने मुख्य मार्ग को गली बना दिया है। मेन रोड का पूरा कचरा बस स्टैंड में जमा होने लगा है। 

गंदगी का अंबार है
कुव्यवस्था की वजह से बस स्टैंड कूड़े का अंबार बन गया है। उसके आसपास की नालियों में कचरा जमा है। इससे वेक्टर जनित गंभीर बीमारियां होने का भी खतरा है। साफ-सफाई के नाम पर दादरी बस स्टैंड के पूरे दायरे में कुछ नहीं है। गंदगी, कूड़ा-कचरा इस ऐतिहासिक कस्बे के बस स्टेशन की पहचान हो गई है। लोगों का मानना है कि अफसर जान-बूझकर इसके लिए प्रस्तावित धनराशि आवंटित नहीं कर रहे हैं। इस वजह से दादरी बस अड्डे के पुनर्निमाण का काम शुरू नहीं हो पा रहा है।

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