ग्रेटर नोएडा के सीईओ को चिट्ठी लिखे एक महीना बीता, कार्रवाई सिफर

विधायक तेजपाल नागर पर भारी पड़े भूमाफिया : ग्रेटर नोएडा के सीईओ को चिट्ठी लिखे एक महीना बीता, कार्रवाई सिफर

ग्रेटर नोएडा के सीईओ को चिट्ठी लिखे एक महीना बीता, कार्रवाई सिफर

Tricity Today | विधायक तेजपाल नागर

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की दादरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर (MLA Tejpal Singh Nagar) पर भूमाफिया भारी पड़ गए हैं। विधायक ने दादरी इलाक़े के गांवों में अवैध रूप से बसायी जा रही कालोनियों की जानकारी देते हुए ग्रेटर नोएडा (Greater Noida Authority) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को क़रीब एक महीने पहले चिट्ठी लिखी थी। भूमाफियाओं के ख़िलाफ कार्रवाई करने की मांग विधायक ने की। चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक भूमाफ़ियाओं के ख़िलाफ प्राधिकरण ने कोई क़दम नहीं उठाया है। विधायक की चिट्ठी और प्राधिकरण के उपेक्षा भरे रवैये को देखकर ज़िले के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। आम आदमी का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर के विकास प्राधिकरणों पर भूमाफिया क़ाबिज़ हैं। भूमाफियाओं की मनमानी के आगे पूरा सिस्टम घुटने टिकाकर बैठा है।

क्या है पूरा मामला
गौतमबुद्ध नगर की दादरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर की एक चिट्ठी ने पिछले महीने हड़कंप मचा दिया था। विधायक ने 19 सितंबर 2023 को ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी को चिट्ठी लिखी थी। तेजपाल सिंह नागर ने ग़ाज़ियाबाद-अलीगढ़ नेशनल हाईवे पर दादरी क़स्बे के पास बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध कॉलोनाइजेशन का मुद्दा उठाया। विधायक ने प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी को एक चिट्ठी लिखकर भूमाफ़ियाओं के ख़िलाफ़ एक्शन की मांग की।

विधायक ने आखिर चिट्ठी में क्या लिखा
दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर ने सीईओ को भेजी चिट्ठी में लिखा, “दादरी के पास छपरौला मजरा और खेड़ा धर्मपुरा गांवों में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनाइजेशन किया जा रहा है। यहां सहारा सिटी नाम की कंपनी है। उसकी क़रीब 400 बीघा ज़मीन है। इस ज़मीन पर भूमाफ़िया कॉलोनी बसा रहे हैं। पास में ही समतल एंक्लेव नाम से क़रीब 336 बीघा ज़मीन है। इस ज़मीन पर भी भूमाफ़िया अवैध कॉलोनाइजेशन कर रहे रहे हैं।” विधायक ने आगे लिखा है, “भूमाफ़िया क़िस्म के लोग आम आदमी और गरीबों को झांसा देकर छोटे-छोटे भूखंड बेच रहे हैं। ऊंची क़ीमतों पर यह भूखंड बेचे जा रहे हैं। यह पूरा क्षेत्र ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का अधिसूचित इलाक़ा है। यहां प्राधिकरण की मंज़ूरी के बिना इस तरह का कॉलोनाइजेशन नहीं किया जा सकता है। भूमाफ़ियाओं की करतूत के कारण भविष्य में हज़ारों परिवारों को बड़ा नुक़सान होगा।” विधायक ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी से इस मामले में संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

चल रहीं तरह-तरह की चर्चाएं
इस पूरे मामले को लेकर ज़िलेभर में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं। अलग-अलग वर्गों के अलग-अलग मन्तव्य हैं। आपको बता दें कि विधायक तेजपाल नगर की यह चिट्ठी सार्वजनिक होने के बाद सोशल मीडिया पर घमासान मचा था। भारतीय जनता पार्टी में दो धड़े बन गए थे। तेजपाल नागर के समर्थकों ने शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा के रिश्तेदारों पर निशाना साधा था। दूसरी तरफ शिक्षक एमएलसी के रिश्तेदारों ने पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करवाने की बात कही थी। साथ ही आशंका व्यक्त की थी कि जल्दी ही यह मामला सेटलमेंट के ज़रिए ख़त्म कर दिया जाएगा। अब आम आदमी का कहना है कि क्या कथित सेटलमेंट हो गया है? यह पहला सवाल है। विधायक ने चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उस पर एक्शन के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। दूसरे वर्ग का कहना है कि विधायक बेहद कमज़ोर हैं। उनकी चिट्ठी का कोई असर नहीं है। प्राधिकरण के अफ़सरों ने उनकी चिट्ठी को गंभीरता से नहीं लिया है। दूसरा सवाल यह है कि क्या सत्तारूढ़ विधायक इतने कमजोर हैं? तीसरा मत यह है कि भूमाफ़िया की ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में गहरी जड़े हैं। जिसके चलते प्राधिकरण के अधिकारियों ने विधायक की चिट्ठी को नज़रअंदाज़ कर दिया है। कुल मिलाकर मास्टर तेजपाल नागर की चिट्ठी सार्वजनिक होने के बाद उस पर कोई कार्रवाई नहीं होना पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े करता है।

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