Google Image | दादरी विधायक ने बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया, खाने का सामान बांटा
Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर में नोएडा के ओखला बैराज से लेकर जेवर तक यमुना नदी का तटवर्तीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कई गांवों को खाली करवाया गया है। जिले के दो गांवों चंडीगढ़ और झुप्पा का जिले संपर्क टूट गया है। इस बीच शुक्रवार की सुबह दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर ने अपने विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया है। उन्होंने लोगों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना है। इसके बाद प्रशासन की ओर से मिल रही मदद और बचाव की कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की है। विधायक ने अस्थाई शिविरों में आकर रह रहे जरूरतमंद लोगों को खाने का सामान बांटा है। विधायक ने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि राहत और बचाव कार्यवाही चल रही है। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसानों की फसल बड़े पैमाने पर बर्बाद हुई हैं। किसानों मुआवजा दिलाने के लिए राजस्व विभाग जल्दी सर्वे करेगा।
यमुना नदी इस वक्त उफान पर है। गौतमबद्ध नगर में बाढ़ के कारण 60 गांवों में हाईअलर्ट है। करीब 10 गांव जलमग्न हो गए हैं। तेजपाल नागर ने कहा, "दादरी विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ आई है। जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम लगातार ग्रामीणों को पानी से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। शुक्रवार को नगली, छपरौली, मंगरौली, याकूबपुर, गुलावली, कामबख्शपुर और बादौली गांवों का दौरा किया है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया है। बाढ़ पीड़ितों से बातचीत की है। उनके खाने-पीने की जानकारी ली है। पीड़ितों को भोजन और अन्य जरूरत की चीजें मुहैया करवाने के लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं।"
तेजपाल सिंह नागर ने आगे कहा, "पिछले कुछ दिनों से पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश हो रही है। जिसके कारण यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर है। नदी के पास वाले क्षेत्रों में बाढ़ के हालात हैं। सीमावर्ती गांवों में पानी घुस गया है। ग्रामीणों और मवेशियों को काफी परेशानी हो रही है। शासन और प्रशासन हालात को लेकर अलर्ट हैं। पुलिस-प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें 24 घंटे सहायता कर रही हैं। अभी तक बड़ी संख्या में ग्रामीणों और मवेशियों को बाढ़ के पानी से बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान किसानों का हुआ है।" विधायक का कहना है की है कि जिला प्रशासन से बातचीत करके किसानों की बर्बाद हो गई फसलों का सर्वेक्षण किया जाएगा। किसानों को मुआवजा दिलवाया जाएगा।