गीता पंडित के लिए बाजार और गलियों में घूमकर सांसद-विधायक ने वोट मांगे

दादरी नगर पालिका चुनाव : गीता पंडित के लिए बाजार और गलियों में घूमकर सांसद-विधायक ने वोट मांगे

गीता पंडित के लिए बाजार और गलियों में घूमकर सांसद-विधायक ने वोट मांगे

Tricity Today | सांसद-विधायक ने वोट मांगे

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की दादरी नगर पालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार गीता पंडित के लिए सांसद डॉ.महेश शर्मा और विधायक तेजपाल नागर ने वोट मांगे हैं। सांसद और विधायक कसबे के बाज़ार में व्यापारियों के पास दुकान-दुकान पहुंचे। गलियों में घूमकर गीता पंडित के लिए समर्थन मांगा है। दरअसल, दादरी में भाजपा उम्मीदवार बुरी तरह घिरी हुई हैं। भाजपा के पुराने नेता जगभूषण गर्ग बागी होकर भाजपा के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे हैं। जगभूषण गर्ग को वैश्य और पंजाबी समाज का समर्थन मिल रहा है।

किसी भी तरह वैश्यों का समर्थन जुटाने की कोशिश
गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा और दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने पहके किसी भी तरह जगभूषण गर्ग को चुनाव मैदान छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की। बात नहीं बनी तो जगभूषण गर्ग के घर और रिश्तेदारों के यहां छापामारी हुई। जब इससे भी बात नहीं बनी तो अब सांसद और विधायक को खुद मैदान में उतरना पड़ गया है। अब दोनों की कोशिश किसी भी तरह वैश्य समाज को भाजपा के पाले में लाकर खड़ा करना है। इसी रणनीति के तहत सांसद और विधायक बाजार में घूम रहे हैं। व्यापारियों के पास दुकानों पर पहुंच रहे हैं। जानकारी मिल रही है कि कई बड़े व्यापारियों से समर्थन लेने के लिए अपने घर जाकर देर-सबेर मुलाकात की जा रही हैं। मंगलवार को सांसद और विधायक दादरी के बाजार में घूमे हैं। व्यापारियों के पास उनकी दुकानों पर जाकर बैठे और भाजपा उम्मीदवार गीता पंडित के लिए समर्थन मांगा है।

व्यापारियों ने पूछा- जगभूषण गर्ग में क्या कमी?
मिली जानकारी के मुताबिक व्यापारियों ने सांसद और विधायक से पूछा कि जगभूषण गर्ग ने पूरा जीवन पार्टी को दे दिया। पार्टी ने उन्हें क्या दिया है? जब गीता पंडित 10 वर्ष नगर पालिका की अध्यक्ष रह चुकी हैं तो अब अपने काम पर वोट मांगें। उन्होंने क्या पिछले दो कार्यकाल में कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे खुश होकर वोटर उन्हें चुन लें? अब भी सांसद और विधायक को वोट मांगने आना पड़ रहा है, इससे साबित होता है कि नगर पालिका अध्यक्ष ने कोई काम नहीं किया है। भाजपा ने गलत उम्मीदवार को जनता के सामने खड़ा कर दिया है। जगभूषण गर्ग को टिकट देने का वादा किया और फिर ऐन वक्त पर उन्हें धोखा दे दिया। उनमें क्या कमी है? यह आप लोगों को बताना चाहिए। व्यापारियों ने बताया कि सांसद और विधायक के पास कोई उचित जवाब नहीं है। वह बस भाजपा, मोदी और योगी के नाम की दुहाई देकर किसी भी तरह अपना काम निकलने की कोशिश कर रहे हैं।

 'जगभूषण गर्ग बन गए हैं सिरदर्द'
एक युवा व्यापारी ने कहा, "पूरी भाजपा के लिए जगभूषण गर्ग सिरदर्द बन चुके हैं। व्यापारियों का समर्थन मिले बिना भाजपा उम्मीदवार का जीतना मुश्किल है। यही वजह है कि पहले जगभूषण गर्ग को मैदान से हटाने को कोशिश की गई। जब बात नहीं बनी तो वैश्य समाज को उनके पीछे से किसी भी तरह हटाने की कोशिश हो रही है। नगर पालिका अध्यक्ष अपना कोई काम नहीं गिनवा पा रही हैं। केवल रो कर या भावुक होकर लोगों से वोट मांग रही हैं। उनके परिवार ने कस्बे के लोगों पर कम ज्यादतियां नहीं की हैं। ऑडियो और वीडियो वायरल हो रहे हैं। फेसबुक, ट्वीटर और व्हाट्सएप पर इनके परिजनों की गुंडागर्दी के वीडियो खूब हैं। भाजपा के स्थानीय सांसद और विधायक को साफ़ छवि का ईमानदार उम्मीदवार ही नहीं मिला। अब कह रहे हैं कि हमारी इज्जत के लिए इसे चुन लीजिए। भले ही वैश्य समाज की इज्जत पर बट्टा लग जाए।"

विधायक का जोर गुर्जर समाज पर नहीं
जगभूषण गर्ग को भाजपा के कार्यकर्ता चुनाव लाडवा रहे हैं। भाजपा प्रयाशी गीता पंडित के सजातीय पड़ोसी उनके साथ खड़े हैं। सुबह से लेकर शाम तक जगभूषण गर्ग के लिए प्रचार करने वाले गौरव वशिष्ठ कहते हैं, "दादरी के विधायक दिन निकलते ही ब्राह्मण और वैश्यों के घर जाकर बैठ जाते हैं। क्या उनके समाज के सारे लोग भाजपा को वोट दे रहे हैं? उन्हें मालूम है कि गुर्जर समाज से बहुत कम समर्थन है। ऐसे में जीत ब्राह्मण और बनियों पर टिकी है। अगर विधायक अपनी सजातीय वोट 100% भाजपा उम्मीदवार को दिला दें तो बाकी लोगों की जरूरत कहां है? इस चुनाव को अभी तक जातियों पर लड़ा जा रहा है। जब काम नहीं बनेगा तो धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश शुरू हो जाएगी।"

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