बस कुछ महीने बाकी, फिर एक्सप्रेसवे पर हवा से बात करेंगे वाहन, जानिए कहां तक पहुंचा काम

Delhi-Dehradun Expressway Update : बस कुछ महीने बाकी, फिर एक्सप्रेसवे पर हवा से बात करेंगे वाहन, जानिए कहां तक पहुंचा काम

बस कुछ महीने बाकी, फिर एक्सप्रेसवे पर हवा से बात करेंगे वाहन, जानिए कहां तक पहुंचा काम

Google Photo | Delhi-Dehradun Expressway

National News/Greater Noida Desk : दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से अपने अंतिम चरण में है। अब दो महत्वपूर्ण खंडों को अक्टूबर में जनता के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकड़ा मवीकला गांव तक किया जा रहा है। यह जो दिल्ली से कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। वर्तमान में अक्षरधाम से खजूरी पुश्ता और खेकड़ा तक के हिस्से का 97% से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अंतिम चरण के तहत एक्सप्रेसवे पर लोड टेस्टिंग का काम चल रहा है, जिसमें किसी भी प्रकार की खामी नहीं मिली है। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि एक्सप्रेसवे सुरक्षित है और भविष्य की बढ़ती यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम रहेगा।

एक्सप्रेसवे का डिजाइन
इस हाईटेक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 32 किलोमीटर है। जिसमें से 17 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में एलिवेटेड होगा, जो घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ट्रैफिक की भीड़ से राहत दिलाएगा। इसके अलावा शेष 15 किलोमीटर का हिस्सा गाजियाबाद और बागपत की सीमाओं से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे को बागपत के खेकड़ा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। जिससे यात्रियों को अधिक कनेक्टिविटी और कम यात्रा समय का लाभ मिलेगा। यह जोड़ दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा को सरल बनाएगा और यात्रा समय को घटाकर 3-4 घंटे कर देगा जो वर्तमान में 6-7 घंटे लगता है।

अक्टूबर में एक्सप्रेसवे खोलने की योजना
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का उद्घाटन अक्टूबर 2024 तक करने की योजना है। इस परियोजना के पूरा होने से दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का अनुभव अधिक सुगम और तेज हो जाएगा। अभी इस एक्सप्रेसवे पर लोड टेस्टिंग के दौरान भारी वाहनों को चलाकर सड़क की गुणवत्ता और संरचना की जांच की जा रही है। अब तक किए गए परीक्षणों में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं पाई गई है, जो इस परियोजना के समय पर पूरा होने का संकेत है।

गाजियाबाद में सर्विस रोड विवाद बना चुनौती
हालांकि, एक्सप्रेसवे के निर्माण में एक चुनौती गाजियाबाद के क्षेत्र में सर्विस रोड की भूमि अधिग्रहण को लेकर सामने आई है। 50 मीटर से अधिक भूमि को लेकर विवाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और आवास विकास परिषद के बीच चल रहा है, जो फिलहाल अदालत में लंबित है। इस विवाद का समाधान जल्द होने की उम्मीद की जा रही है। जिससे एक्सप्रेसवे की पूरी क्षमता का लाभ उठाया जा सके।

पूर्वी दिल्ली के ट्रैफिक जाम में कमी
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के शुरू होने से पूर्वी दिल्ली और यमुनापार के इलाकों में ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी। दिल्ली से बागपत, लोनी, सहारनपुर, और देहरादून जाने वाले यात्रियों को यह एक्सप्रेसवे बड़ी राहत देगा। दिल्ली में अक्षरधाम, विकास मार्ग, आईएसबीटी कश्मीरी गेट और सिग्नेचर ब्रिज से एक्सप्रेसवे तक सीधी पहुंच होगी। इसके अलावा गाजियाबाद की सीमा में दो स्थानों पर भी प्रवेश और निकासी की सुविधा होगी। जिससे यात्रियों को आसानी से एक्सप्रेसवे का उपयोग करने का मौका मिलेगा।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जाम से मिलेगी राहत
इस नए एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी ट्रैफिक का दबाव कम होगा। वर्तमान में दिल्ली से देहरादून जाने वाले यात्रियों को अक्सर मेरठ एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस नए मार्ग के चालू होने के बाद यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। इससे यात्री न केवल समय की बचत करेंगे बल्कि एक बेहतर यात्रा अनुभव का भी आनंद ले सकेंगे।

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