प्रीमियम एयरोसिटी का डेमोलिशन ऑर्डर जारी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने डीसीपी से मांगा फोर्स

ट्राईसिटी टुडे की खबर का असर : प्रीमियम एयरोसिटी का डेमोलिशन ऑर्डर जारी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने डीसीपी से मांगा फोर्स

प्रीमियम एयरोसिटी का डेमोलिशन ऑर्डर जारी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने डीसीपी से मांगा फोर्स

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिसूचित इलाक़े में पड़ने वाले गाँव ननवा का राजपुर में जल्दी अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा। यहां अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट प्रीमियम एयरोसिटी को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया गया है। इस अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट में भूखंड देने के नाम पर दिल्ली-एनसीआर ही नहीं चंडीगढ़ और लखनऊ तक के लोगों को फँसाया जा रहा है। इसे लेकर आपके पसंदीदा न्यूज पोर्टल ट्राईसिटी टुडे ने समाचार प्रकाशित किए। अब डिप्टी कलेक्टर में डेमोलिशन ऑर्डर जारी किया है। ध्वस्तीकरण करने लिए डिप्टी कलेक्टर ने ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर फोर्स की मांग की है।

डिमोलिशन ऑर्डर हो चुका है, जल्दी एक्शन होगा : डिप्टी कलेक्टर
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र गौतम ने बताया कि ननवा का राजपुर गांव में प्रीमियम एयरोसिटी नाम का अवैध प्रोजेक्ट डेवलप किया जा रहा है। इसकी जांच करवाई गई। अवैध निर्माण को हटाने के लिए तीन बार नोटिस भेजे गए। अंतिम नोटिस पर अवैध निर्माण करने वालों ने जवाब दाखिल किया। उनका जवाब संतोषजनक नहीं था। लिहाजा, डेमोलिशन ऑर्डर कर दिया गया है। डीसीपी से फोर्स मांगा गया है। जल्दी ध्वस्तीकरण किया जाएगा। इस तरह के अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट से आम आदमी को सतर्क रहना चाहिए।

क्या है मामला
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल-8 में ननवा का राजपुर गांव है। यहां सृष्टि ग्रुप नाम की कंपनी ने 'प्रीमियम एयरोसिटी' के नाम से एक लंबा-चौड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। जिसमें ऊंची कीमतों पर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन भूखंडों की बिक्री गैरकानूनी ढंग से वर्ग फुट और वर्ग गज के आधार पर की जा रही है। यह पूरा धंधा एक गैंग मिलकर ऑर्गेनाइज ढंग से चला रहा है। 

यह गैंग सरकार को लगा रहा चूना
अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि माफिया किस्म के इन लोगों ने बाकायदा कंपनी बनाई है। हालांकि, कंपनी का पता गुलावली गांव में अपने पुराने अवैध प्रोजेक्ट का दिया है। गांव के किसानों से खेतीबाड़ी के नाम पर जमीन खरीदी गई। अब इस जमीन पर हाउसिंग प्रोजेक्ट डेवलप किया जा रहा है। यह गैंग एक तरफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की प्लानिंग को बर्बाद कर रहा है और दूसरी तरफ राज्य सरकार को चूना लगा रहा है।

आम आदमी से हो रही धोखाधड़ी
'प्रीमियम एयरोसिटी' नाम के इस अवैध प्रोजेक्ट में दिल्ली-एनसीआर के लोगों को फंसाने के लिए बाकायदा वेबसाइट बनाई गई है। जिस पर जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे, गलगोटिया यूनिवर्सिटी, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, नाइट सफारी, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क जैसी बड़ी परियोजनाओं के फोटो लगाकर गुमराह करने का पूरा इंतजाम किया गया है। इस हाउसिंग प्रोजेक्ट का पहला चरण 8.24 एकड़ में है। जिस पर 114 प्लॉट बेचे जा रहे हैं। 

बकायदा वेबसाइट पर उपलोड की जानकारी
वेबसाइट पर बताया गया है कि 20,000 रुपये वर्ग गज की दर से भूखंड बेचे जा रहे हैं। प्राइम लोकेशन चार्जेस के तौर पर 10% अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ेगी। मतलब, अगर प्लॉट टू साइडेड ओपन या कॉर्नर में है तो जमीन की कीमत 24,200 रुपये वर्ग मीटर होगी। बुकिंग करने के बाद 7 दिनों में 20% और 30 दिनों में 30% पैसा चुकाना पड़ेगा। रजिस्ट्री करने से पहले या बुकिंग करने के बाद 60 दिनों में 50% पैसा चुकाना पड़ेगा। मौके पर चल रहे काम के फोटो वेबसाइट पर पब्लिश किए गए हैं।

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