13 IPS, 22 PPS और 6 हजार पुलिसकर्मी, फिर भी तीन मासूमों की अपहरण के बाद हुई हत्या

Noida Police Fail : 13 IPS, 22 PPS और 6 हजार पुलिसकर्मी, फिर भी तीन मासूमों की अपहरण के बाद हुई हत्या

13 IPS, 22 PPS और 6 हजार पुलिसकर्मी, फिर भी तीन मासूमों की अपहरण के बाद हुई हत्या

Tricity Today | वैभव सिंघल, यश मित्तल और कुणाल शर्मा

Greater Noida News : 13 आईपीएस अधिकारी, 22 पीपीएस अफसर और 6 हजार पुलिस कर्मियों के बीच तीन लड़कों की हत्या हो गई। तीनों का पहले अपहरण हुआ और उसके बाद हत्या हो गई। इन तीनों सनसनीखेज वारदातों की वजह से नोएडा पुलिस कमिश्नरेट सवालों के घेरे में है, लेकिन इन सवालों का जवाब देने के लिए कोई भी पुलिस अधिकारी तैयार नहीं है। जिसकी वजह से जनता में भारी आक्रोश पैदा हो गया है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ठीक तरीके से कम करें तो हत्या जैसी संगीन वारदातों को रोका जा सकता है।

"नोएडा पुलिस में अब पहले जैसी बात नहीं"
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य संदीप नागर ने कहा, "कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद जिले में बदलाव हुआ था, लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं है। अपराध का ग्राफ काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। दिनदहाड़े लूट जैसी संगीन वारदातें हो रही है और पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही। पुलिस में अब पहले जैसी बात नहीं रही है। अपराध के मामले में नोएडा नंबर वन बन गया है।"

"मासूम बच्चे की क्या गलती"
किसान नेता पवन खटाना ने कहा, "चाहे कुछ भी हो लेकिन बच्चे की क्या गलती थी? बच्चों को न्याय मिलना चाहिए। कोई भी पुलिस अधिकारी मासूम बच्चे को अपना समझकर अगर न्याय देगा तो इससे अच्छा कुछ नहीं होगा। अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए।"

"इससे अच्छा एसएसपी सिस्टम था"
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले विवेक रमन का कहना है, "जिले में कमिश्नर सिस्टम खराब हो गया है। इससे अच्छा तो एसएसपी सिस्टम था। कम से कम अपराध नहीं होता था। एसएसपी सिस्टम में अपराधियों के अंदर पुलिस को लेकर खौफ था, लेकिन आज तो दिनदहाड़े बड़ी-बड़ी घटना हो जाती है। अब तो जिले में अपहरण और हत्या मामूली हो गया है।"

"अपराधियों से नोएडा पुलिस डरती है"
किसान नेता अतुल यादव का कहना है, "नोएडा पुलिस का रवैया एकदम घटिया हो गया है। किसानों के ऊपर 307 जैसी संगीत धारा लगाई जाती हैं और जो अपराध संगठित होकर करते हैं, उन पर ऐसी धारा नहीं लगाई जाती। लिहाजा, पुलिस ही अब अपराधियों से डरती है। अब ऐसे में अपराधियों के भीतर पुलिस को लेकर क्यों डर होगा, जो खुद डरपोक है।"

गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की नाकामी का चेहरा हैं ये तीन मासूम
गौतमबुद्ध नगर जिले से अपराध का सफाया करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जनवरी 2020 को बड़ा कदम उठाया और पुलिस अधीक्षक सिस्टम खत्म करके पुलिस कमिश्नर रूल लागू किया था। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले एमएनसी मैनेजर गौरव चंदेल हत्याकांड के बाद यह फैसला लागू हुआ। परिणाम आशा से बेहतर आए और योगी आदित्यनाथ अपने इस फ़ैसले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर छा गए। पुलिस कमिश्नरेट ने अपने शुरुआती दौर में शानदार काम करके दिखाया। एक से बढ़कर एक परिणाम दिए। पिछले एक साल में कई ऐसी वारदात हुई हैं, जिनकी वजह से गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट पर नाकामी के बदनुमा दाग़ लगे हैं। इनमें तीन मासूमों वैभव, दक्ष और कुणाल की अपहरण के बाद हत्याएं सबसे ऊपर हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट तो छोड़िए एसएसपी रूल के इतिहास में ऐसा देखने के लिए नहीं मिला था।

वैभव सिंघल हत्याकांड
वैभव की लाश रबूपुरा थाना क्षेत्र में स्थित चचूरा गांव के पास नहर से बरामद हुई थी। कई दिनों तक गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम वैभव की लाश ढूंढ़ने में लगी हुई थी। वैभव अपने घर से बीते 30 जनवरी 2024 को गायब हुआ था। उसके बाद परिजनों ने दनकौर पुलिस को शिकायत दी। आरोप रहा कि पुलिस ने वैभव की तलाश के लिए कोई काम नहीं किया, जिसकी वजह से उसकी हत्या हुई। वैभव सिंघल बिलासपुर कस्बे में रहने वाले एक व्यापारी का बेटा था। वैभव के मोबाइल में एक मुस्लिम लड़की के आपत्तिजनक फोटो थे। जिस लड़की के फोटो थे, उसी के प्रेमी ने पहले वैभव को मिलने के लिए बुलाया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी। वैभव को मोबाइल से आपत्तिजनक फोटो डिलीट करवाने के लिए बुलाया था, लेकिन दोनों के बीच विवाद हो गया। विवाद मामला इतना बढ़ गया कि आरोपी ने वैभव की हत्या कर दी। परिवार की महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि पुलिस को हत्यारोपियों के नाम बताए थे। पुलिस ने लापरवाही बरती थी। वैभव हत्याकांड को लेकर स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह और औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी मुख्यमंत्री से मिले थे।

यश मित्तल हत्याकांड
अमरोहा के रहने वाले एक कारोबारी ने 27 फरवरी 2024 को दादरी पुलिस में बेटे यश की गुमशुगी की शिकायत दर्ज कराई। यश ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी में बीबीए फर्स्ट ईयर का छात्र था। वह 26 फरवरी को अचानक गायब हो गया था। गुमशुदगी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कई टीमों का गठन कर जांच शुरू करने का दावा किया। पुलिस ने गुमशुदा छात्र की तलाश के लिए चलाए गए ऑपरेशन के तहत एक आरोपी को हिरासत में लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि 26 फरवरी को उन्होंने यश को फोन करके अमरोहा बुलाया था। इसके बाद उन्होंने यश के साथ मिलकर तिगरिया अमरोहा के जंगलों में बैठकर पार्टी की। इस दौरा यश का अपने दोस्तों के साथ किसी बात पर विवाद हो गया और उन्होंने यश की गला दबाकर हत्या कर दी। वहीं पांच से छह फीट का गड्ढा खोदकर उसका शव दबा दिया। पुलिस को लाश मिली और अफ़सरों ने कड़ी कार्रवाई करने का परिवार को आश्वासन देकर अपने फ़र्ज़ की अदायगी कर दी।

कुणाल शर्मा हत्याकांड
अब 1 मई 2024 ग्रेटर नोएडा शहर से एक कारोबारी के बेटे कुणाल शर्मा का दोपहर में अपहरण कर लिया गया। पिछले पांच दिनों से गौतमबुद्ध नगर पुलिस तेज़ तर्रार अफ़सरों की टीमें गठित करने, सर्विलांस, परिवार के लोगों की कोल डिटेल खंगालने और तमाम दूसरे हाथ-पांव मारने के दावे करती रही। रविवार की सुबह कुणाल शर्मा की लाश बुलंदशहर गंगनहर में पड़ी मिली है। कुणाल शर्मा के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उसकी मां बेहोश पड़ी हुई है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस एक बार फिर वही घिसा-पिटा राग अलाप रही है। जॉइंट पुलिस कमिश्नर शिव हरि मीणा ने लाश बरामद होने के बाद बयान जारी किया है। उनका कहना है कि इस मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण तथ्य मिले हैं। जल्दी कार्रवाई की जाएगी। अब जब कुणाल शर्मा की हत्या हो चुकी है तो पुलिस को मिले महत्वपूर्ण तथ्यों की क्या क़ीमत बाक़ी है है?

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