फिल्म सिटी बसाने के लिए कम्पनी का जल्द होगा चयन, यमुना प्राधिकरण ने टर्नओवर को लेकर रखी शर्त, जानें क्या

बड़ी खबर : फिल्म सिटी बसाने के लिए कम्पनी का जल्द होगा चयन, यमुना प्राधिकरण ने टर्नओवर को लेकर रखी शर्त, जानें क्या

फिल्म सिटी बसाने के लिए कम्पनी का जल्द होगा चयन, यमुना प्राधिकरण ने टर्नओवर को लेकर रखी शर्त, जानें क्या

Google Image | Dr. Arunveer Singh (CEO Yamuna Authority)

Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण (Yamuna Expressway Authority) के सेक्टर-21 में विकसित होने वाली फिल्म सिटी (Film City) की प्रक्रिया में तेजी आई है। विकासकर्ता कंपनी के चयन के लिए बिड डॉक्यूमेंट और ड्राफ़्ट कंसेशन एग्रीमेंट तैयार हो गया है। दोनों दस्तावेज शासन को भेज दिए गए हैं। शासन की मुहर लगने के बाद ग्लोबल टेंडर निकाले जाएंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार दिसंबर से पहले फिल्म सिटी का शिलान्यास कराने की तैयारी में है।
 
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में फिल्म सिटी विकसित की जानी है। फिल्म सिटी के लिए 1000 एकड़ जमीन रिजर्व की गई है। इस एक हजार एकड़ भूमि में से 75 प्रतिशत पर फिल्म से जुड़ी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। 5 प्रतिशत क्षेत्र में फिल्म इंस्टिट्यूट, 15 प्रतिशत क्षेत्र में एम्यूजमेंट पार्क बचे हुए क्षेत्र में होटल, रेस्टोरेंट, विला, व्यावसायिक दफ्तर बनेंगे।

यमुना प्राधिकरण ने फिल्म सिटी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट सीबीआरई कंपनी से बनवाई है। इस कंपनी ने डीपीआर बनाकर दे दिया है। कंपनी ने बिड डाक्यूमेंट व कंसेशन एग्रीमेंट बनाकर सौंप दिए हैं। यमुना प्राधिकरण ने दोनों दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद शासन को भेज दिया है। ऐसी परियोजना के लिए शासन स्तर पर गठित बिड डॉक्यूमेंट और कंसेशन एग्रीमेंट का अध्ययन करेगी। 

इसके बाद वह इसे पास करेगी। तत्पश्चात दोनों दस्तावेज प्रदेश कैबिनेट में जाएंगे। वैश्चिक निविदा निकालने के 2 महीने के भीतर विकासकर्ता कंपनी का चयन हो जाने की उम्मीद है। दिसंबर तक फिल्म सिटी के लिए विकासकर्ता कंपनी के चयन की उम्मीद है। इसकी प्रमुख शर्त होगी कि कंपनी का टर्नओवर 500 करोड़ रुपये होना चाहिए। इस पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

पीपीपी मॉडल पर विकसित होगी
फिल्म सिटी को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाना है। इसके लिए तीन मॉडल पर विचार किया जा रहा है। इन तीनों में से एक मॉडल को फिल्म सिटी के विकास में अपनाया जाएगा। फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करने में 6000 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आएगा। प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि इस योजना से पैसा वापस निकालने में 40 से 60 वर्ष तक का समय लग सकता है। इसलिए विकासकर्ता कंपनी को 40 से 60 साल के बीच का समय दिया जाएगा। यानी विकासकर्ता कंपनी परियोजना पर पूरा पैसा खर्च करेगी। इसी से अपनी लागत निकालेगी। इस लागत के साथ ही यमुना प्राधिकरण को भी पैसा मिलेगा। इसके विकास और लाइसेंस फीस लेने के लिए तीन मॉडल तैयार किए गए हैं। 

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