भट्टा-परसौल ने देश के किसानों को अंग्रेजी कानून से मुक्ति दिलाई, इन गांवों का विकास मेरी दिली इच्छा

धीरेन्द्र सिंह ने कहा : भट्टा-परसौल ने देश के किसानों को अंग्रेजी कानून से मुक्ति दिलाई, इन गांवों का विकास मेरी दिली इच्छा

भट्टा-परसौल ने देश के किसानों को अंग्रेजी कानून से मुक्ति दिलाई, इन गांवों का विकास मेरी दिली इच्छा

Tricity Today | धीरेन्द्र सिंह

Greater Noida News : भट्टा और पारसौल ऐसे ग्राम रहे हैं, जहां के किसानों की आवाज ने पूरे देश के किसानों के लिए एक ऐसा रास्ता बनाया, जिससे नया भूमि अधिग्रहण कानून बना है। देश के किसानों को बर्बर अंग्रेजी कानून से निजात मिली है। इन गांवों का सर्वांगीण विकास हो, ऐसी मेरी भावना है।" यह बात जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को ग्राम पारसौल में जन चौपाल के दौरान कही।

कार्यक्रम में यमुना प्राधिकरण, विद्युत विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों के कर्मचारी व अधिकारियों को भी बुलाया गया था। जिससे मौके पर ही किसानों की समस्याओं का निराकरण कराया जा सके। इस गांव के कई ऐसे रास्ते हैं जिनसे कई मजरे जुड़े हुए हैं, उन्हें बनाने की घोषणा विधायक ने की है। धीरेंद्र सिंह ने कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए ग्रामवासियों को जागरूक किया। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को जरूरतमंद की जद में लाने के लिए लांच किए गए 'उपचार एप्लीकेशन' के उपयोग के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी दी।

उपस्थित अधिकारियों को सख्त हिदायत करते हुए जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा, "जन समस्याओं का सही समय और शीघ्रता से निराकरण उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है। इसमें जो भी अधिकारी ढील करेगा और अगर इससे सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ेगा तो उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने में भी कोई देरी नहीं की जाएगी।" गांव में निशु कुमारी और प्रीति कुमारी के हाथों से 6 लाख रुपए की धनराशि के विकास कार्य का शुभारंभ भी किया गया है।

आपको बता दें कि वर्ष 2011 में अंग्रेजी जमाने के बने भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ भट्टा-पारसौल के किसानों ने बड़ा आंदोलन खड़ा किया था। जिसे दबाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने बर्बरतापूर्ण फैसले लिए थे। पुलिस और किसानों के बीच हुई गोलाबारी में दो किसान और दो पुलिस कॉन्स्टेबल भी मारे गए थे। उस वक्त किसानों की मदद करने के लिए धीरेंद्र सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भट्टा-पारसौल लेकर आए थे। आपको यह भी बता दें कि उस वक्त धीरेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रवक्ता थे। बाद में धीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था।

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