गलगोटिया यूनिवर्सिटी में व्यावसायिक शिक्षा के 'गांधी वादी' मॉडल पर हुई चर्चा, जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा

ग्रेटर नोएडा : गलगोटिया यूनिवर्सिटी में व्यावसायिक शिक्षा के 'गांधी वादी' मॉडल पर हुई चर्चा, जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा

गलगोटिया यूनिवर्सिटी में व्यावसायिक शिक्षा के 'गांधी वादी' मॉडल पर हुई चर्चा, जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा

Tricity Today | व्यावसायिक शिक्षा नई तालीम और प्रायोगिक शिक्षा पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा में स्थित गलगोटियाज यूनिवर्सिटी (Galhotiyas University) के स्कूल ऑफ एजुकेशन ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, उच्च शिक्षा विभाग शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से (वेंटेल) व्यावसायिक शिक्षा नई तालीम और प्रायोगिक शिक्षा पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में विद्यासागर कॉलेज ऑफ एजुकेशन दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल की प्रिंसिपल डॉ सविता मिश्रा, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ शत्रुघ्न भारद्वाज और ललिता कुमारी ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।

गलगोटियाज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एजुकेशन की सहायक प्रोफेसर डॉ इशरत नाज ने कार्यशाला का संचालन करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एजुकेशन के डीन प्रो सत्येंद्र गुप्ता ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। मुख्य वक्ता डाॅ सविता मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद हमारी शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत करने के विभिन्न तरीकों को आगे बढ़ाने और प्रदर्शित करने की कोशिश कर रही है। यह कार्यशाला गांधी जी द्वारा परिकल्पित नई तालीम पर केंद्रित और रचनात्मक शिल्प कला एवं सामुदायिक भागीदारी जैसी गतिविधियों को सीखने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण विचार पर आधारित थी। 

डॉ शत्रुघ्न भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा को व्यवसाय के आसपास केंद्रित किया जाना चाहिए ताकि बच्चे शिक्षा के माध्यम से व्यवसाय की बारीकियों को अच्छी तरह समझ सकें। शिक्षकों को इनके सूत्रधार की भूमिका में रखा जाना चाहिए। ललिता कुमारी ने कार्यशाला को  संबोधित करते हुए कहा कि नई तालीम पर आधारित यह शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से व्यवसायिक कौशल और  शिक्षण अनुभवों को प्रदर्शित करने एवं ज्ञान को दिन-प्रतिदिन के जीवन में कार्यात्मक अनुभव में बदलने के अवसर प्रदान करती है।

शुरुआत में इसकी कल्पना ग्रामीण भारत के लिए की गई थी, लेकिन आज शहरी और अर्ध-शहरी लोगों के लिए नई तालीम प्रणाली विकसित करने की सख्त जरूरत है। इस कार्यशाला का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा और नई तालीम प्रायोगिक शिक्षा (वेंटेल) को संस्थागत बनाना है। स्कूल ऑफ एजुकेशन की सहायक प्रोफेसर डॉ नबिता मलिक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन हुआ। यह कार्यशाला व्यावसायिक शिक्षा पर केंद्रित एनईपी 2020 को साकार करने और छात्रों को इसके उद्देश्यों को समझाने में सफल रही।

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