मच्छरों के आतंक से स्वास्थ्य विभाग लाचार, अस्पतालों में नहीं बची जगह

हाल-ए-ग्रेटर नोएडा : मच्छरों के आतंक से स्वास्थ्य विभाग लाचार, अस्पतालों में नहीं बची जगह

मच्छरों के आतंक से स्वास्थ्य विभाग लाचार, अस्पतालों में नहीं बची जगह

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Greater Noida News : प्राधिकरण का स्वास्थ्य विभाग खुद गंभीर संकट का सामना कर रहा है। इस बरसात के मौसम में मच्छरों और मक्खियों की बाढ़ आ गई है। जिसके कारण डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों का प्रकोप शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में फैल गया है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह तक नहीं बची है।

जिले में बढ़ रही बीमारियां 
शहर वासियों का आरोप है कि इस बार प्राधिकरण ने बजट की कमी का हवाला देते हुए मच्छर मारने की दवाओं और लार्वा के छिड़काव को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। सेक्टर बीटा-2 की निवासी नीलम ने बताया कि उनके क्षेत्र के आयी ब्लॉक, जे ब्लॉक और एच ब्लॉक में सैकड़ों लोग डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड से ग्रस्त हैं। उन्होंने इस स्थिति की शिकायत प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

समस्या को अनसुना किया
एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्य हरेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छर मारने की दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया है, जबकि हर साल यह काम नियमित रूप से किया जाता था। भाटी ने कई बार वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह से मच्छर मारने और लार्वा के छिड़काव की मांग की, लेकिन हर बार उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया।

पार्कों में घास और गंदगी फैली
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2 और सेक्टर-3 में रहने वाले लोग भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। देवेंद्र सिंह, जो सेक्टर-2 के निवासी हैं, ने बताया कि क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोग दिन में भी मच्छरों से परेशान हो रहे हैं। पार्कों में घास और गंदगी फैली हुई है, नालियों में दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया है, जिससे मच्छरों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

दवाओं के छिड़काव का अभाव
चेतराम सिंह ने उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया था, लेकिन बजट की कमी के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसी कारण इस बार मच्छर मारने की दवाओं का छिड़काव नहीं हो पाएगा। लोगों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब उन्हें बताया गया कि पेट्रोल पंप मालिकों ने बकाया भुगतान न होने के कारण ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी है, जिससे प्राधिकरण की गतिविधियां और भी प्रभावित हो गई हैं।

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