बुकिंग में जमा 4.85 लाख रुपये ब्याज सहित वापस करने का आदेश

समय पर पजेशन न देने पर बिल्डर को बड़ा झटका : बुकिंग में जमा 4.85 लाख रुपये ब्याज सहित वापस करने का आदेश

बुकिंग में जमा 4.85 लाख रुपये ब्याज सहित वापस करने का आदेश

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Greater Noida News : नोएडा स्थित मैसर्स एकदंत बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को एक बायर को तय समय पर पजेशन न देने के कारण भारी जुर्माना भुगतना पड़ा है। जिला उपभोक्ता आयोग ने कंपनी पर बायर्स एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आदेश दिया है कि वह बायर की जमा की गई राशि, जो 4 लाख 85 हजार रुपये है, आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाए।

जानें क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, दिल्ली के नजफगढ़ निवासी सुमित दलाल ने मैसर्स एकदंत बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के एक प्रोजेक्ट में 825 वर्ग फुट का फ्लैट बुक कराया था, जिसकी कुल कीमत 23,72,625 रुपये थी। फ्लैट बुकिंग के दौरान सुमित ने दो किश्तों में राशि का भुगतान किया। पहली किश्त में उन्होंने 2,36,000 रुपये और दूसरी किश्त में 2,44,000 रुपये का भुगतान किया।

साल बीतने के बाद भी नहीं मिला पजेशन
इस दौरान बिल्डर ने सुमित दलाल के साथ एक बिल्डर-बायर्स एग्रीमेंट तैयार किया, जिसमें दो साल के भीतर फ्लैट का पजेशन देने का वादा किया गया था। लेकिन आरोप है कि दो साल बीतने के बाद भी सुमित को फ्लैट का पजेशन नहीं मिला। इस पर उन्होंने बिल्डर के ऑफिस का रुख किया, जहां यूनिट इंचार्ज ने उन्हें छह महीने के भीतर पजेशन देने का आश्वासन दिया। तीन महीने और बीतने के बाद जब सुमित ने फ्लैट दिखाने की मांग की, तो यूनिट इंचार्ज ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

बायर पहुंचा जिला उपभोक्ता आयोग
इसके बाद सुमित ने बिल्डर प्रबंधन से अपनी जमा राशि वापस करने की मांग की, लेकिन बिल्डर ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। इस स्थिति में सुमित ने न्याय पाने के लिए जिला उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया और वहां वाद दायर कर मदद की गुहार लगाई। मामले की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर को लीगल नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।

अदालत ने बिल्डर को दोबारा नोटिस जारी किया
मामले की पहली सुनवाई के दौरान बिल्डर की ओर से कोई प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद अदालत ने बिल्डर को दोबारा नोटिस जारी कर तथ्यों के आधार पर अगली सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया। हालांकि, दूसरी सुनवाई में भी बिल्डर या उसके प्रमोटर्स की ओर से कोई पेशी नहीं हुई। इस पर कोर्ट ने एकपक्षीय फैसला सुनाते हुए इसे बिल्डर-बायर्स एग्रीमेंट का उल्लंघन और सेवा में कमी मानते हुए निर्णय लिया। अदालत ने बिल्डर को सुमित द्वारा जमा की गई 4,85,000 रुपये की राशि 8% वार्षिक ब्याज के साथ 30 दिनों के भीतर लौटाने का आदेश दिया।

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