महिला कल्याण विभाग लांच करेगा वेबसाइट, हर कंपनी को कराना होगा रजिस्ट्रेशन

नोएडा में वर्कप्लेस हैरेसमेंट को लेकर डीएम सख्त : महिला कल्याण विभाग लांच करेगा वेबसाइट, हर कंपनी को कराना होगा रजिस्ट्रेशन

महिला कल्याण विभाग लांच करेगा वेबसाइट, हर कंपनी को कराना होगा रजिस्ट्रेशन

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Greater Noida News : समय बदलने के साथ महिलाओं को अधिकार और अवसर मिले हैं। इन अवसरों को महिलाओं ने अपनी ताकत बनाया और हर स्तर पर अपना नाम रोशन किया। यूपी में महिला सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति (Mission Shakti) और महिला पुलिस विभाग (Mahila Police Department) मौजूद है। लेकिन, इसके बावजूद महिलाओं की सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रहती है। इन्हीं सवालों के साथ लड़ने और अपराधों को खत्म करने के लिए अब डीएम (DM Noida) ने अनूठा प्लान बनाया है। नोएडा में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को रोकने के लिए डीएम ने अपने प्लान पर अमल शुरू कर दिया है। नोएडा में बड़ी संख्या में महिलाएं दूसरे शहरों से आकर नौकरी कर रही हैं। सड़क और घर में सुरक्षा के बाद अब ऑफिस में भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए इंतजाम किये जा रहे हैं। अब हर ऑफिस में पॉश एक्ट के तहत बनाई गई कमेटी की तरफ से सेक्सुअल हैरेसमेंट को बहुत ही तय ढंग से समझाया गया है। इसमें किसी भी तरह का अवांछनीय व्यवहार शामिल है। इसके साथ ही जिला महिला कल्याण विभाग के ऑफिस में सेक्सुअल हैरेसमेंट की रिपोर्ट के लिए एक वेबसाइट लांच की जा रही है।

सभी कंपनियों को भेजना होगा डेटा 
जानकारी के मुताबिक, जिला महिला कल्याण विभाग महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक वेबसाइट लांच करने जा रहा है। नोएडा की 12 हजार कंपनियां इस वेबसाइट को रजिस्टर करेंगी। साथ ही उन कंपनियों की पॉश कमेटी ही सारी रिपोर्ट्स इस वेबसाइट पर अपलोड करेगी, जिससे हर कंपनी का डाटा आसानी से मिल पाएगा। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले एक युवती ने ऑफिस में हैरेसमेंट की वजह से जान दे दी थी। इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। हालांकि, आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया था।

क्या है पॉश (Posh)?
सबसे पहला सवाल तो यही है कि आखिर पॉश क्या है? कई वर्किंग वुमन इसके बारे में जानकारी नहीं रखती हैं। भारत में 2013 में काम करने की जगह पर महिलाओं के साथ होने वाले सेक्सुअल हैरेसमेंट को रोकने के लिए एक एक्ट बनाया गया। इस एक्ट का नाम था POSH (Prevention of Sexual Harassment At Workplace), इस एक्ट के तहत महिलाओं के साथ होने वाले किसी भी तरह के सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत की जा सकती है। आपको बता दें कि कानूनी तौर पर पॉश कमेटी का गठन करना भी कंपनियों के लिए जरूरी है। इस कमेटी के मेंबर्स में कम से कम 50% महिलाएं होनी चाहिए। इस कमेटी का काम है फिजिकल कॉन्टैक्ट और पॉश के अंतर्गत आने वाली किसी भी शिकायत की समीक्षा करना और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ नियमों के हिसाब से कार्रवाई करना।

पुलिस से भी मिलेगी मदद 
पॉश 2013 के बाद कार्यस्थल पर सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत दर्ज करवाना ज्यादा आसान हो गया है। इस एक्ट के तहत 90 दिनों के अंदर शिकायत की इंक्वायरी पूरी होना जरूरी है। आप सीधे कार्यस्थल पर कमेटी को शिकायत कर सकती हैं या फिर आप पुलिस स्टेशन इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। अगर कमेटी को लगता है कि मामला बहुत गंभीर है तो कमेटी की तरफ से खुद शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।

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