ऑक्सिजन के बिना तड़पने लगा मासूम बेटा तो मां रिक्शा पर लेकर प्लांट के बाहर पहुंची, डीएम के आदेश पर मिली ऑक्सिजन

ग्रेटर नोएडा: ऑक्सिजन के बिना तड़पने लगा मासूम बेटा तो मां रिक्शा पर लेकर प्लांट के बाहर पहुंची, डीएम के आदेश पर मिली ऑक्सिजन

ऑक्सिजन के बिना तड़पने लगा मासूम बेटा तो मां रिक्शा पर लेकर प्लांट के बाहर पहुंची, डीएम के आदेश पर मिली ऑक्सिजन

Tricity Today | ऑक्सीजन के लिए परेशान बच्चा

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ऑक्सिजन का संकट जारी है। ऑक्सीजन नहीं मिलने पर अपने मासूम बच्चे को रिक्शा में लेकर एक मां बिसहाड़ा एनटीपीसी रोड के ऑक्सिजन प्लांट पर पहुंच गयी। ऑक्सिजन प्लांट के गेट पर मासूम बच्चा कई घंटों तक तड़पता रहा, लेकिन बच्चे को ऑक्सिजन नहीं मिली। आखिरकार मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया। उन्होंने बच्चे को ऑक्सीजन सिलेंडर दिया और उसे नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में भर्ती करने का आदेश दिया है।

ग्रेटर नोएडा में थाना जारचा क्षेत्र के बिसहाड़ा एनटीपीसी रोड पर स्तिथ ऑक्सिजन प्लांट पर गुरुवार की देर रात एक महिला अपने तड़पते बेटे को रिक्शा में बैठाकर ले गई। ऑक्सिजन नहीं मिलने पर अपने मासूम बच्चे को रिक्शे पर लेकर उसकी मां पहुंची। बच्चा ऑक्सिजन की कमी के कारण तड़प रहा था। बच्चे की मां कई घण्टे तक ऑक्सिजन प्लांट के अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाती रही, लेकिन प्लांट के अधिकारियों ने बताया कि डीएम का आदेश होने पर ही ऑक्सिजन मिलेगी। ऑक्सिजन न मिलने पर मासूम कई घण्टे वही रिक्शे में तड़पता रहा। 

मामले की सूचना मिलते ही जारचा पुलिस मौके पर पहुंच गयी। महिला पुलिसकर्मियों को कहती रही कि अगर मेरे बच्चे को कुछ हुआ तो यहीं बैठ जाऊंगी। यहां से नही हिलूंगी। मामले की सूचना जैसे ही जिला अधिकारी सुहास एलवाई को मिली, उन्होंने आनन-फानन में एसडीएम अंकित कुमार को आदेश दिया कि ऑक्सिजन दिलवाएं। जिसके बाद मासूम बच्चे को एसडीएम ने ऑक्सीजन दिलवाई। उसके बच्चे को एडमिट करने के लिए चाइल्ड पीजीआई को भी सूचना दी गई है।

महिला ने बताया, "मेरा नाम उर्मिल राजौरा है और मेरे बेटे का नाम शिवांग है। यह बहुत बीमार है। इसे होम आइसोलेशन में ही रखा था। कई दिन से यह ऑक्सीजन के सहारे सांस ले रहा था। दो-तीन दिन से ऑक्सीजन खत्म हो गई है। आज इसकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। इसने कहा कि मुझे एसडीएम साहब के पास ले चलो। मैं उनके पांव पकड़कर ऑक्सीजन मांग लूंगा। हम लोग एसडीएम से मिलने गए लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। अब वापस लौटते वक्त मैं और मेरा बेटा ऑक्सीजन प्लांट के बाहर आकर बैठ गए हैं। अगर ऑक्सीजन मिलेगी तो घर जाएंगे नहीं तो यहीं बैठे रहेंगे। यहां प्लांट वालों ने जानकारी दी है की डीएम साहब के आदेश के बिना किसी को ऑक्सीजन नहीं दी जा रही है।"

डीएम के आदेश पर शिवांग का ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल किया गया है। उसे अभी उसके घर बिसाहड़ा गांव भेज दिया गया है। डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और दादरी के उप जिला अधिकारी को आदेश दिया है कि जल्दी से जल्दी शिवांग को नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में भर्ती किया जाए। वहां उसका इलाज करवाया जाएगा। आपको बता दें कि इस वक्त गौतमबुद्ध नगर में ऑक्सीजन क्राइसिस का दौर चल रहा है। जिले को रोजाना कम से कम 60 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है। उसके सापेक्ष बमुश्किल 30 से 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल पा रही है। ऐसे में जिले के कोविड-19 अस्पतालों में करीब 50 फीसदी बिस्तर खाली पड़े हुए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नोएडा विकास प्राधिकरण जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले 48 घंटों में हालात सामान्य हो जाएंगे।

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