-मेट्रो परियोजना में जेवर से नॉलेज पार्क-2 तक के कॉरिडोर की डीपीआर बनी
-डीएमआरसी बना रहा है विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) मेट्रो परियोजना में नॉलेज पार्क-2 ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक के कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report) जून तक बनने की उम्मीद है। पहले इसे 31 मार्च तक बनाया जाना था। यह देरी यातायात आकलन के लिए ओरिजिन डेस्टिनेशन सर्वे को लेकर हुई है। सर्वे का काम अभी चल रहा है। इस सर्वे के जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बनेंगे कॉरिडोर
यमुना प्राधिकरण जेवर एयरपोर्ट मेट्रो की डीपीआर बनवा रहा है। यह काम दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) कर रहा है। यह मेट्रो कॉरिडोर दो चरणों में बनेगा। पहले चरण में जेवर से नॉलेज पार्क-2 ग्रेटर नोएडा तक मेट्रो कारिडोर बनना है। इसके बाद ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक कॉरिडोर बनाया जाना है। नई दिल्ली में इन कॉरिडोर को आईजीआई मेट्रो से जोड़ा जाएगा। इससे जेवर और आईजीआई एयरपोर्ट मेट्रो के जरिए आपस में जुड़ जाएंगे। जेवर से ग्रेटर नोएडा तक की डीपीआर बन चुकी है। ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक डीपीआर अभी नहीं बनी है। यह काम डीएमआरसी कर रहा है।
आखिर क्यों हुई डीपीआर में देरी
डीएमआरसी ने यमुना प्राधिकरण को जेवर से ग्रेटर नोएडा तक के मेट्रो की रिपोर्ट दी है। ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली तक की मेट्रो की डीपीआर 31 मार्च तक देनी थी। लेकिन, अब यह रिपोर्ट जून तक मिलने की उम्मीद है। डीएमआरसी का कहना है कि ट्रैफिक के लिए अभी जियोटेक्निकल सर्वे और ओरिजिन डेस्टीनेशन सर्वे किया जा रहा है। दोनों सर्वे पूरे होने के बाद डीपीआर को अंतिम रूप दिया जाएगा। उम्मीद है कि जून तक रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को मिल जाएगी। डीपीआर मिलने के बाद आगामी कार्रवाई होगी।
दो विकल्पों पर आएगी रिपोर्ट
डीएमआरसी ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली तक दो विकल्पों पर अपनी रिपोर्ट देगा। पहला विकल्प यह होगा कि ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली तक नया कॉरिडोर बनाया जाए। दूसरे विकल्प में पुराने कॉरिडोर के इस्तेमाल की संभावनाओं को देखा जाएगा। डीपीआर आने के बाद ही यह तय होगा कि ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली तक नया कॉरिडोर बनेगा या पुराने कॉरिडोर का ही इस्तेमाल किया जाएगा।