उत्तर भारत की पहली फिनटेक सिटी की डीपीआर तैयार, यमुना सिटी में होगा योगी आदित्यनाथ का तीसरा सपना पूरा

खुशखबरी : उत्तर भारत की पहली फिनटेक सिटी की डीपीआर तैयार, यमुना सिटी में होगा योगी आदित्यनाथ का तीसरा सपना पूरा

उत्तर भारत की पहली फिनटेक सिटी की डीपीआर तैयार, यमुना सिटी में होगा योगी आदित्यनाथ का तीसरा सपना पूरा

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Greater Noida News : फिनटेक सिटी की डीपीआर आ गई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश शासन ने ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित फिनटेक सिटी के विकास को हरी झंडी दे दी है। अक्टूबर 2024 तक यह स्कीम लेकर आ जाएंगे। यह पूर्व की योजना से अलग होगी, जिसके तहत इसे सेक्टर-11 में स्थापित किया जाना था। अब यह सेक्टर-13 में विकसित किया जाएगा और इसके लिए संशोधित डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई है। संशोधित डीपीआर में फिनटेक सिटी को 800 एकड़ क्षेत्र में विकसित करने का प्रस्ताव किया गया है, जबकि पुरानी डीपीआर में इसका क्षेत्रफल केवल 250 एकड़ था। यह परियोजना अब प्रदेश की कैबिनेट बैठक में अनुमोदित की जाएगी। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में एक फिनटेक सिटी बसाने का सपना देखा था, जो आज पूरा होने की दिशा में है।

परियोजना के लिए अध्ययन
यमुना प्राधिकरण अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिनटेक सिटी विकसित करना चाहता है। इसके लिए सिंगापुर, दुबई और गुजरात की गिफ्ट सिटी का अध्ययन किया गया है। फिनटेक सिटी में ऑनलाइन बैंकिंग, निवेश, अनुसंधान, क्राउडफंडिंग, डिजिटल मुद्रा, स्टॉक एक्सचेंज, बीमा कंपनियों, शॉपिंग सेंटरों और ई-पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म जैसे निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

फिनटेक सिटी में निवेश के लाभ  
फिनटेक सिटी में निवेश करने वाली कंपनियों को नए उत्पादों के लॉन्च पर अलग से लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत भूमि सब्सिडी, कर और सीमा शुल्क में छूट प्रदान की जाएगी।

विकास की योजना
फिनटेक सिटी को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा। पहला चरण 250 एकड़ में होगा और इसे वर्ष 2027 तक पूरा किया जाना है। इस चरण में वित्तीय कंपनियों को 124 भूखंड और 137 वाणिज्यिक भूखंड आवंटित किए जाएंगे। कुल 23 एकड़ जमीन पर प्लॉट विकसित किए जाएंगे। दूसरा चरण वर्ष 2030 और तीसरा चरण 2034 तक पूरा होगा। पहले चरण में 49% भूमि पर ही गतिविधियां होंगी, जबकि शेष 51% क्षेत्र में हरियाली होगी।

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