यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सक्रिय हो गए हैं। लगातार जनसंवाद कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों से संवाद स्थापित किया जा रहा है। इसी सिलसिले में रविवार को गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा ने दादरी विधानसभा के ग्राम दुर्याई और खेड़ा धर्मपुर में आयोजित ‘ग्राम चौपाल’ में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने वहां मौजूद लोगों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विकास योजनाओं के बारे में जानकारी दी। लोगों को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि मोदी सरकार ग्रामीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।
कल दादरी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित ग्राम चौपाल में मेरा सम्बोधन| किसान भाइयों से ग़फ़लतें एवं गलतफहमियों को दूर करने की अपील की|
मोदी सरकार अन्नदाताओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है| मंडियां ख़त्म नहीं हो रही है| #MSP पहले भी थी, अभी भी है और आगे भी रहेगी। pic.twitter.com/tn7xaCKAxM
ऐतिहासिक साबित होंगे नए कृषि सुधार कानून
दशकों से किसानों पर हो रहे अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए ही मोदी सरकार ने तीन नए कृषि सुधार कानून बनाए थे। इससे किसानों को उनका अधिकार मिलेगा। किसान अब जहां चाहे, वहां अपनी फसल बेच सकते हैं। सांसद ने कहा कि सभी किसान भाई विपक्षी पार्टियों द्वारा फैलाई जा रही गलतफहमियों और मुगालते से बचे। सरकार का मकसद अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करना है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए नए कानून की जरूरत थी। नए कृषि कानून किसान भाइयों की स्थिति को सुधारने में ऐतिहासिक साबित होंगे।
एमएसपी में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है
कुछ किसान संगठनों की तरफ से एमएसपी खत्म करने की बात का जवाब देते हुए सांसद डॉ महेश शर्मा ने कहा कि एमएसपी प्रणाली पहले भी चल रही थी, अब भी है और सरकार का इसे समाप्त करने का कोई मकसद नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार किसान हित के लिए समर्पित है और फसलों की न्यूनतम गारंटी मूल्य देना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। मंडी सिस्टम पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि मंडिया समाप्त नहीं की जा रही हैं। सिर्फ उनकी कार्यप्रणाली में बदलाव हो रहा है।
मंडियां समाप्त नहीं होंगी
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में कुछ मंडियों में किसानों से 8 फीसदी तक का टैक्स वसूला जाता था। लेकिन नए कृषि कानूनों के बाद किसानों को इन मंडियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। वह पैसा किसान भाइयों को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को बढ़ाना है। ताकि उन्हें बेहतर जीवन-यापन का मौका मिल सके।