व्हिसिल ब्लोवर डॉ.यतेंद्र भाटी महसूस कर रहे खतरा, पुलिस और अथॉरिटी से पूछे सवाल

ग्रेटर नोएडा का तुस्याना भूमि घोटाला : व्हिसिल ब्लोवर डॉ.यतेंद्र भाटी महसूस कर रहे खतरा, पुलिस और अथॉरिटी से पूछे सवाल

व्हिसिल ब्लोवर डॉ.यतेंद्र भाटी महसूस कर रहे खतरा, पुलिस और अथॉरिटी से पूछे सवाल

Tricity Today | डॉ.यतेंद्र भाटी

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के तुस्याना भूमि घोटाले में पैरवी करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.यतेंद्र सिंह भाटी का कहना है, "मेरी जान को खतरा है। इस मामले में पैरवी बंद करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह झूठे मामले में फंसाने की साजिश रच रहा है।" वह आगे कहते हैं, "मैं इस पूरे मामले को आखिर तक लडूंगा। इस गैंग ने ना केवल तुस्याना गांव के किसानों का हक छीना है, बल्कि जिले के कई और गांवों में इसी तरह के बड़े भूमि घोटालों को अंजाम दिया है।"

हाथ पर हाथ धरकर बैठी है पुलिस
जितेंद्र भाटी कहते हैं, "इस मामले में गौतमबुद्ध नगर पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है। पुलिस ने अब तक केवल 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में जिला अदालत के आदेश पर कार्यवाही हुई है। अदालत ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसमें 8 लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस ने उन 8 लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। उन्हें पूरी ढील दी गई। जिसका फायदा उठाकर उन्होंने एंटीसिपेटरी बैल हासिल कर लीं। इस मामले में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। उनके खिलाफ पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है। आज तक पुलिस ने 8 नामजद लोगों में से किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।"

अथॉरिटी का रवैया ठीक नहीं
यतेंद्र भाटी पुलिस और प्रशासन के साथ ही ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को भी इस घोटाले के लिए बराबर का जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने कहा, "नॉलेज पार्क में सूरजपुर-कासना रोड पर जहां राजेंद्र सिंह की पुत्र वधू को 691 वर्ग मीटर भूखंड का आवंटन किया गया, वहां पहले से ही 10,557 वर्ग मीटर भूमि का आवंटन पौधशाला को किया गया था। इसके अलावा वहां और जमीन नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्राधिकरण ने यह भूखंड आवंटन वहां कैसे कर दिया? इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मौके पर जाकर देखा और उन्होंने माना कि यह आवंटन पूरी तरह फर्जीवाड़ा है। यह आवंटन करने के लिए अकेला कैलाश भाटी जिम्मेदार नहीं है। नोटशीट पर 8 अफसरों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से किसी भी अफसर के खिलाफ अब तक प्राधिकरण ने कोई कदम नहीं उठाया है।"

अवैध कॉम्प्लेक्स तोड़ा जाए
यतेंद्र भाटी कहते हैं, "मेरा मानना है कि मौजूदा मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी को इन 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। सही मायने में तो यह फर्जीवाड़ा प्राधिकरण के साथ किया गया है। भूमि अधिग्रहण की एवज में राजेंद्र सिंह की पुत्र वधू को 691 वर्ग मीटर जमीन 6% आबादी के रूप में दी गई थी। लिहाजा, इस जमीन पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं किया जा सकता है। यह कमर्शियल कॉम्प्लेक्स पूरी तरह अवैध है। यहां एक बात और काबिलेगौर है कि 691 वर्ग मीटर जमीन का अलॉटमेंट किया गया और 1,100 मीटर जमीन पर यह कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। मतलब, 409 मीटर जमीन पर राजेंद्र सिंह ने अवैध कब्जा करके अवैध निर्माण किया है। अब तक प्राधिकरण ने इस अवैध इमारत का डेमोलिशन करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।"

सीबीआई और ईडी जांच करें
यतेंद्र सिंह ने कहा, "अगर गौतमबुद्ध नगर पुलिस, जिला प्रशासन और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का यही रवैया रहा तो हम इस मामले को लेकर एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएंगे। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई और इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट से करवाने की मांग करेंगे। दरअसल, इस पूरे मामले में अरबों रुपए की सरकारी जमीन प्राधिकरण को बेचकर राजेंद्र सिंह और उसके गैंग ने अवैध पैसा अर्जित किया है। इस बड़े घोटाले के बारे में गौतमबुद्ध नगर पुलिस को खुद ईडी से जांच में सहयोग लेना चाहिए।"

दबाव में हैं जिले के सारे अफसर
डॉ.यतेंद्र भाटी ने कहा, "मैं गौतमबुद्ध नगर पुलिस और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के रवैया से आहत हूं। अब तक की कार्यवाही पर मुझे संतुष्टि नहीं है। मैं लगातार सार्वजनिक संपत्ति को लूटने वालों के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं, लेकिन पुलिस और प्राधिकरण कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं। जबकि इस संपत्ति की रक्षा करने की जिम्मेदारी पुलिस, प्रशासन और प्राधिकरण की है। मुझे लगता है कि गौतमबुद्ध नगर के सारे पुलिस और प्रशासनिक अफसर किसी दबाव में काम कर रहे हैं।"

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