Google Photo | नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का ग्रेटर नोएडा में दौरा
Greater Noida News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में आयोजित सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। इस हाई-प्रोफाइल आयोजन के मद्देनजर शहर में यातायात विभाग ने कई मार्गों पर वाहनों के डायवर्जन की योजना बनाई है। विभाग ने यात्रियों से अपील की है कि वे बुधवार को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें, जिससे यातायात जाम की स्थिति से बचा जा सके और कार्यक्रम स्थल के आसपास का ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हो सके।
मार्ग परिवर्तन और यातायात निर्देश
यातायात पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) यमुना प्रसाद ने मंगलवार को मार्ग परिवर्तनों की जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए चिल्ला रेडलाइट से ग्रेटर नोएडा जाने वाले वाहनों को सेक्टर-14ए फ्लाईओवर से गोलचक्कर चौक और सेक्टर-15 की ओर मोड़ा जाएगा। ये वाहन डीएससी मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। इसी तरह डीएनडी से एक्सप्रेसवे होकर ग्रेटर नोएडा की ओर जाने वाले वाहनों को रजनीगंधा चौक से सेक्टर-16 की ओर डायवर्ट किया जाएगा, जिससे वाहन एमपी-1 और डीएससी मार्ग से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
यहां पर भी बदला रूट
डीसीपी ने बताया कि कालिंदी बॉर्डर से एक्सप्रेसवे के माध्यम से ग्रेटर नोएडा जाने वाले वाहनों को महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर-37 की ओर मोड़ा जाएगा, और यहां से वाहन एमपी-3 और डीएससी मार्ग का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके अलावा, सेक्टर-37 से एक्सप्रेसवे होकर ग्रेटर नोएडा जाने वाले यातायात को सेक्टर-44 गोलचक्कर से डबल सर्विस रोड पर डायवर्ट किया जाएगा, जो डीएससी मार्ग तक जाएगा।
सुरक्षा और यातायात योजना का कारण
यह योजना प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान होने वाले भारी यातायात के दबाव को नियंत्रित करने के लिए तैयार की गई है। यातायात विभाग ने कहा कि आकस्मिक स्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है ताकि कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ आम जनता को परेशानी से बचाया जा सके, बल्कि वीआईपी मूवमेंट के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
क्या है कार्यक्रम
ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में "सेमीकॉन इंडिया" कार्यक्रम की मेजबानी होगी।तकनीकी क्षेत्र में भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को प्रदर्शित करने वाला प्रमुख आयोजन स्थल है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से अर्धचालक उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने और भारत को वैश्विक तकनीकी हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।