Greater Noida News : शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। श्रीचंद शर्मा ने स्ववित्त पोषित महाविद्यालय में प्रोफेसर के लिए डॉक्टर सुपरविजन (शोध निदेशक) का प्रमाण पत्र की शर्त को हटाने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि इस वजह से पूरे उत्तर प्रदेश में शिक्षक काफी नाराज है।
अनुदानित विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के लिए अलग नियम
श्रीचंद शर्मा ने पत्र लिखते हुए बताया, "स्ववित्त पोषित महाविद्यालय में प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को शोध निदेशक का प्रमाण पत्र देना जरूरी है। जबकि अनुदानित विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता।"
प्राचार्य के लिए हटाए नियम, लेकिन इनको कोई फायदा नहीं
उन्होंने इस मामले में ध्यान आकर्षित करते हुए प्रमुख सचिव को बताया, " स्ववित्त कौशिक महाविद्यालय में प्राचार्य की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में यह नियम हटा दिए थे, लेकिन सरकार की मंशा के विपरीत विभाग ने डायरेक्टेड सुपरविजन (शोध निदेशक) का प्रमाण पत्र के साथ नहीं हटाया जा रहा है।"
शिक्षकों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा
श्रीचंद शर्मा ने आगे लिखा, "शिक्षकों के हित के लिए स्ववित्त पोषित महाविद्यालय में प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए भी इनको हटवाया जाए। सभी के लिए नियम एक जैसे होनी चाहिए, उत्तर प्रदेश में किसी भी विभाग में भेदभाव नहीं है और यहां पर भी यही नियम लागू होनी चाहिए। इससे उन्हें भी प्रोफेसर बनने और आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।" इसकी मांग श्रीचंद शर्मा ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखते हुए की है।