करीब 1,200 करोड़ रुपये की नकली शराब को सरकारी बनाकर बेच डाला

नोएडा में ईडी ने 3 आईएएस पर दर्ज करवाई एफआईआर : करीब 1,200 करोड़ रुपये की नकली शराब को सरकारी बनाकर बेच डाला

करीब 1,200 करोड़ रुपये की नकली शराब को सरकारी बनाकर बेच डाला

Google Image | प्रवर्तन निदेशालय

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा से आज की सबसे बड़ी ख़बर है। प्रवर्तन निदेशालय ने ग्रेटर नोएडा के कासना थाने में एक एफ़आईआर दर्ज करवाई है। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के तीन आईएएस अफसरों और ग्रेटर नोएडा में काम करने वाली एक कंपनी के प्रबंध निदेशक के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करवाया है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एफआईआर में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के इन अफ़सरों ने शराब माफ़िया के साथ सांठगांठ करके बड़े पैमाने पर देसी शराब की अवैध बिक्री करवाई है। इस अवैध बिक्री के लिए ग्रेटर नोएडा की कम्पनी ने फ़र्ज़ी होलोग्राम छापे हैं। यह मुक़दमा रविवार को ग्रेटर नोएडा की कासना कोतवाली में दर्ज करवाया गया है।

ग्रेटर नोएडा की कंपनी ने छापकर दिए डुप्लीकेट हॉलोग्राम
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तैनात प्रवर्तन निदेशालय के उपनिदेशक हेमंत की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई है। उपनिदेशक ने एफ़आईआर में लिखा है कि प्रवर्तन निदेशालय छत्तीसगढ़ राज्य में हुए शराब घोटाले की जांच कर रहा है। इस घोटाले में प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच चल रही है। ग्रेटर नोएडा की यूपीएसआईडीसी साइट में काम करने वाली कम्पनी प्रिज्म हॉलोग्राफी सिक्युरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड की बड़ी भूमिका सामने आयी है। इस कंपनी ने ग़ैर क़ानूनी रूप से छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के लिए होलोग्राम छापे हैं। कम्पनी यह काम करने के लिए योग्य नहीं थी। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में तैनात आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, आबकारी आयुक्त निरंजन दास और और एक अन्य आईएएस अफ़सर अनिल टुटेजा ने टेंडर की शर्तों में हेरा-फेरी की और अवैध रूप से यह टेंडर प्रिज्म हॉलोग्राफ़ी सेक्युरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया दिया।

शराब सिंडिकेट से मिले हुए थे कई आईएएस अफसर
प्रवर्तन निदेशालय को अब तक हुई जांच में पता चला है कि इन आईएएस अफसरों ने कम्पनी से 8 पैसा प्रति हॉलोग्राम की दर से कमीशन लिया है। इतना ही नहीं, छत्तीसगढ़ के शराब सिंडीकेट और इन अफसरों ने मिलीभगत की। सरकार को आपूर्ति किए जा रहे हॉलोग्राम के समानांतर फ़र्ज़ी होलोग्राम बड़े पैमाने पर ग्रेटर नोएडा कि इस कम्पनी में छपवाए गए। फ़र्ज़ी होलोग्राम का इस्तेमाल अवैध देसी शराब की बोतलों पर किया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने एफ़आईआर में लिखा है कि आईएएस अफ़सरों और शराब सिंडिकेट ने मिलकर अवैध शराब आम आदमी तक पहुंचाई है। यह शराब जानलेवा साबित हो सकती थी। यह जघन्य अपराध है

अरुणपति त्रिपाठी के आदेश पर छापे गए जाली हॉलोग्राम
ग्रेटर नोएडा की कंपनी प्रिज्म हॉलोग्राफी सिक्युरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ़्तार किया। उससे 2 और 3 अप्रैल 2023 को पूछताछ की गई। इसी दौरान उसने चौंकाने वाला ख़ुलासा किया। विधु गुप्ता ने ईडी को बयान दिया कि उसकी कंपनी में एक्साइज डिपार्टमेंट के लिए असली हॉलोग्राम छापे गए थे। इसके बाद आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी ने उसे फ़ोन किया। हॉलोग्राम की एक सीरीज़ की जानकारी दी। उस सीरीज़ के होलोग्राम पहले ही आबकारी विभाग को सप्लाई किए जा चुके थे। अरुणपति त्रिपाठी ने उसी सीरीज़ के फ़र्ज़ी होलोग्राम छापकर भेजने का आदेश दिया था। वह होलोग्राम ग्रेटर नोएडा यूनिट में छापे गए थे और इसके बाद सड़क के ज़रिए छत्तीसगढ़ भेजे गए थे। 

कंपनी के एमडी ने आईएएस अफसरों का नाम लिया
अब ईडी को पूछताछ में पता चला कि फ़र्ज़ी होलोग्राम शराब सिंडिकेट के लिए छापे गए थे। जिनके ज़रिए अवैध शराब को सरकारी जैसा बनाकर मार्केट में बेचा गया। यह अवैध शराब छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी ठेकों के ज़रिए आम आदमी को बेची गई। विधु गुप्ता ने ईडी को अरुणपति त्रिपाठी के सहायक और फ़र्ज़ी होलोग्राम ग्रेटर नोएडा से छत्तीसगढ़ ले जाने वाले ट्रांसपोर्टर की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई है।

करीब चार साल तक कंपनी ने हॉलोग्राम छापकर दिए
ईडी ने एफआईआर में बताया है कि ग्रेटर नोएडा कि इस कम्पनी को सरकारी ठेका दिलवाने में आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 19 अप्रैल 2023 को अरुणपति त्रिपाठी का बयान दर्ज किया गया। उन्होंने स्वीकार किया कि जाली हॉलोग्राम छपवाकर शराब सिंडिकेट को दिए गए हैं। कंपनी को अक्टूबर 2019 में हॉलोग्राम छापने का ठेका दिया गया था। यह कंपनी जून 2022 तक डुप्लिकेट होलोग्राम की सप्लाई इन अफसरों और शराब सिंडिकेट को करती रही। इन हॉलोग्राम के ज़रिए पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में अवैध शराब को सरकारी बनाकर बेचा गया। जिससे राज्य सरकार को क़रीब 1,200 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।

गलत ढंग से ठेका देने की शिकायतों को दरकिनार किया
ईडी के उपनिदेशक हेमंत ने शिकायत में लिखा है कि इस मामले की जांच-पड़ताल के दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2021 में कंपनी के ग्रेटर नोएडा में स्थित कार्यालय पर छापेमारी की थी। उस दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डुप्लिकेट हॉलोग्राम बरामद किए थे। ईडी ने अवैध शराब बनाने वाले एक डिस्टलर के ठिकानों से भी डुप्लिकेट हॉलोग्राम बरामद किए हैं। इस कम्पनी को हॉलोग्राम छापने का ठेका देने का विरोध कई बड़ी कंपनियों ने किया था। उनकी ओर से दर्ज की गई शिकायतों को दरकिनार कर दिया गया। अरुणपति त्रिपाठी, आईएएस अनिल टुटेजा, आईएएस निरंजन दास और अनवर ढेबार ने गलत ढंग से इस कंपनी को टेंडर दिया था। 

कई और राज्यों में काम कर रही है यह कंपनी
ईडी का कहना है कि यह कम्पनी केवल छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग को होलोग्राम छाप कर नहीं दे रही है, बल्कि देश के कई और राज्यों में भी आबकारी महकमों को हॉलोग्राम की आपूर्ति कर रही है। इस कंपनी ने झारखंड राज्य को भी सेवाएं दी हैं।

इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर
आईपीसी की धारा 120बी
आईपीसी की धारा 420
आईपीसी की धारा 684
आईपीसी की धारा 471
आईपीसी की धारा 473
आईपीसी की धारा 484

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
अरुणपति त्रिपाठी आईटीएस, विशेष सचिव आबकारी विभाग
निरंजन दास आईएएस, आबकारी आयुक्त
अनिल टुटेजा, सेवनिवृत्त आईएएस
विधु गुप्ता, कंपनी के प्रबंध निदेशक
अनवर ढेबार, घोटाले का आरोपी

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