Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जांच का आदेश दे दिया है। ट्राईसिटी टुडे ने इस भूमि घोटाले पर सबसे पहले समाचार प्रकाशित किया था। जिस पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया है। अब इस मामले की जांच अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नितिन मदान और दादरी के उप जिलाधिकारी लव कुमार करेंगे। प्रशासन ने मामले की शिकायत करने वाले प्रताप सिंह से सभी जरूरी दस्तावेज मांगे हैं।
क्या है पूरा मामला
दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में माफिया, अफसरों और नेताओं के गठजोड़ ने राज्य सरकार की सैकड़ों बीघा जमीन अवैध तरीके से हड़प ली है। इसके बाद इस जमीन का सैकड़ों करोड़ रुपये मुआवजा नोएडा विकास प्राधिकरण से लिया गया है। अभी सैकड़ों बीघा जमीन माफिया और उसके गुर्गों के नाम पर है। इस पर अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। कुछ जमीन दूसरे लोगों को बेच दी गई है। इसके अलावा अभी माफिया और उसका गठजोड़ ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बाकी जमीन बेचकर पैसा लेने की फिराक में है। यह घोटाला करीब एक दशक से चिटहेरा गांव में चल रहा था।
विरोध करने वाले जेल गए
गांव के लोगों ने इसका विरोध किया तो उनके खिलाफ उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए गए। चिटहेरा गांव के करीब 25 लोगों को फर्जी मुकदमों में गिरफ्तार करके जेल भिजवाया गया। इनमें ज्यादातर दलित हैं। जिनके नाम सरकारी पट्टे थे। इन लोगों से जबरन यह जमीन हड़पी गई है। किसान नेता सुनील फौजी को इसी कारण फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भेजा गया था। दादरी तहसील के राजस्व अभिलेखों में बड़े पैमाने पर जालसाजी की गई है। गलत ढंग से सरकारी जमीन के पट्टे किए गए थे, जो अपर आयुक्त ने रद्द कर दिए थे। इसके बावजूद धड़ल्ले से इन सरकारी पट्टों की जमीन खरीदी गई है।
राजस्व रिकॉर्ड में गड़बड़ हुई
दादरी तहसील के राजस्व अभिलेखों में बड़े पैमाने पर जालसाजी की गई है। गांव के रजिस्टर 57-ख में बड़े हेरफेर किए गए हैं। इसके बाद दलित आवंटियों को संक्रमणीय भूमिधर घोषित करवाया गया। इस पूरे गोरखधंधे में माफिया के साथ कुछ स्थानीय नेता और कई राज्यों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। गांव वालों ने उस वक्त इस पूरे घोटाले का विरोध किया था। तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ महेंद्र सिंह कोली और सुनील फौजी ने धरना दिया था। महेंद्र कोली को भी जेल भिजवाया गया था। महेंद्र सिंह कोली और सुनील फौजी को फर्जी मुकदमों में अदालत ने बरी कर दिया है।
डीजीपी ने जांच शुरू करवाई
इस पूरे घोटाले की शिकायत लोनी के रहने वाले प्रताप सिंह ने यूपी के पुलिस महानिदेशक से की। डीजीपी ने यह पूरा मामला एसटीएफ को सौंप दिया है। अब एसटीएफ की नोएडा ब्रांच के डीएसपी देवेंद्र सिंह इसकी जांच कर रहे हैं। नोएडा एसटीएफ के एसपी राजकुमार मिश्रा का कहना है कि जांच चल रही है। दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। जल्दी रिपोर्ट तैयार करके भेज दी जाएगी।
अब डीएम भी करवाएंगे जांच
पिछले 3 दिनों से ट्राईसिटी टुडे ने इस मामले में कई समाचार प्रकाशित किए हैं। जिन पर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने संज्ञान लिया है। मामला राजस्व विभाग से जुड़ा है। लिहाजा, डीएम ने जांच का आदेश दे दिया है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नितिन मदान और दादरी के एसडीएम लव कुमार इस पूरे मामले की जांच करेंगे। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।