ग्रेटर नोएडा में दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल रेल कॉरिडोर पर पहली बार दौड़ा इंजन, मिली कई खामियां

BIG BREAKING : ग्रेटर नोएडा में दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल रेल कॉरिडोर पर पहली बार दौड़ा इंजन, मिली कई खामियां

ग्रेटर नोएडा में दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल रेल कॉरिडोर पर पहली बार दौड़ा इंजन, मिली कई खामियां

Tricity Today | रेल लाइन

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन (डीएफसीसी) के मुंबई से दादरी तक बन रहे वेस्टर्न कॉरिडोर का कार्य पूरा हो चुका है। मंगलवार को इस कॉरिडोर पर पहली बार रेल लाइन पर इंजन दाैडा। हालांकि  यह ट्रायल ज्यादा सफल नहीं रहा। ट्रायल के दौरान विशेषज्ञ और अधिकारियों को कई खामियां पाई गई हैं। जिनको दूर किया जाना है। अधिकारियों ने 30 जून तक इसका कार्य पूरा करने का दावा किया गया है। वहीं, वेस्टर्न कॉरिडोर पर मालगाड़ियों के आवागमन शुरू हो जाने से जिले के उधमियों को अधिक फायदा होगा। इससे उनके सम्मान को लेने और ले जाने के खर्चे में बचत होगी। इसके अलावा स्थानीय लोगों के लिए आमदनी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जिससे क्षेत्र तेजी के साथ विकास की ओर आगे बढ़ेगा। 

इस तरह किया गया ट्रायल 
गौतमबुद्ध नगर जिले में वेस्टर्न कॉरिडोर का यमुना से पाली तक 18 किलोमीटर का हिस्सा आता है। जिस पर मंगलवार को ट्रायल किया गया। पहले रेलगाड़ी से पृथला से यमुना पुल तक 53 किलोमीटर का सफर तय कर लाया गया। जिसके बाद यमुना पुल से 7 किलोमीटर की दूरी तक 100 किलोमीटर की स्पीड पर रेल गाड़ी को दौड़ाया गया। इसके बाद बचे हुए 11 किलोमीटर के हिस्से पर रेल इंजन से 100 किलोमीटर की स्पीड पर ट्रायल किया गया। ट्रायल ज्यादा सफल नहीं रहा। इस दौरान कई खामियां पाई गई हैं। जिनको दुरुस्त कर कॉरिडोर को तैयार किया जाएगा। यह ट्रायल विशेषज्ञों और उच्च स्तर के अधिकारियों की देखरेख में किया गया। 

कोविड-19 के कारण रुक गया था कार्य 
आपको बता दें कि मुंबई से दादरी तक बन रहे वेस्टर्न फ्रंट कॉरिडोर के कार्य को 30 जून तक पूरा करने का दावा अधिकारियों ने किया है। वेस्टर्न कॉरिडोर को बनाने का कार्य कई सालों से चल रहा है। इस कॉरिडोर को पूरा करने की अंतिम तिथि पिछले साल दिसंबर की थी, लेकिन कोविड-19 के कारण कार्य को रोक पड़ा। दोबारा कार्य शुरू होने के बाद तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया। अब यह कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। मंगलवार को विशेषज्ञों और अधिकारियों की देखरेख में ट्रायल किया गया लेकिन यह ट्रायल ज्यादा सफल नहीं रहा इस ट्रायल के दौरान कई खामियां पाई गई हैं जिन को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। 

30 जून को तैयार कर केंद्र सरकार को सौपा  
डीएफसीसी के अधिकारियों ने बताया कि यमुना से पाली गांव तक कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। ऐसे में अब इस पर ट्रायल किया गया है। इस दौरान कई खामियां पाई गई हैं। जिनको जल्द ही दुरुस्त कर लिया जाएगा। 30 जून तक इस कॉरिडोर के हिस्से को पूरी तरह तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दिया जाएगा।

कॉरिडोर पर इतने ओवर ब्रिज और अंडरपास बनाए गए
 जिले में वेस्टर्न कॉरिडोर की 18 किलोमीटर की लंबाई है। ऐसे में लोगों को कठिनाई न हो इसके लिए कॉरिडोर पर 5 ओवर ब्रिज और 13 अंडरपास बनाए गए हैं। इन सब में नोएडा एक्सप्रेसवे पर बना ओवरब्रिज खास है। यहां का ओवर ब्रिज मेट्रो लाइन और एक्सप्रेसवे के ऊपर से होकर गुजर रहा है। अंडरपास और ओवर ब्रिज के निर्माण से स्थानीय लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। 

स्थानीय लोगों के लिए खुलेंगे आमदनी और रोजगार के अवसर 
अगर किसी शहर में कोई भी परियोजना आती है तो वहां विकास और रोजगार के अवसर अपने आप ही पैदा हो जाते हैं। जिले में वेस्टर्न फ्रंट कॉरिडोर के निर्माण कार्य के पूरा हो गया है। इस कॉरिडोर पर संचालन शुरू होने से स्थानीय लोगों को अधिक फायदा होगा। लोगों के लिए रोजगार और आमदनी के कई अवसर पैदा होंगे। जब कोई परियोजना एक शहर में शुरू की जाती है तो वहां पर काम करने के लिए बाहर के लोग आकर बसते हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों के लिए किराए के जरिए आमदनी का रास्ता खुल जाता है। साथ ही असपास का बाजार भी विकसित होता है।

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