Greater Noida Desk : उत्तर प्रदेश की पहली डिजिटल अरेस्टिंग का मामला गौतमबुद्ध नगर में आया है। एक इंजीनियर युवती को 8 घंटे तक कैद करके रखा गया। इसी के साथ टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया, मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर इंजीनियर युवती से अपने एकाउंट में 11.11 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए थे। इन 8 घंटे के दौरान युवती का मानसिक शोषण किया गया। अब युवती मामले से बाहर आई तो पुलिस को शिकायत दी। इस मामले को सुनकर पुलिस भी हैरान हैं। यह उत्तर प्रदेश का पहला डिजिटल अरेस्टिंग का मामला है।
कैसे हुई इंजीनियर युवती की डिजिटल अरेस्टिंग
गौतमबुद्ध नगर की साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया नोएडा के सेक्टर-34 स्थित धवलगिरी अपार्टमेंट में सीजा टीए रहती है। सीजा एक कंपनी में आईटी इंजीनियर पद पर तैनात है। युवती के पास बीते 13 नवंबर को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (ट्राइ) का कर्मचारी बताया था। कॉल करने वाले ने अपने आपको अफसर बताते हुए इंजीनियर युवती से कहा,"तुम्हारे आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सिम कार्ड खरीदा गया है, जिसका प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। तुम्हारे सिम कार्ड से करोड़ों रुपए का फ्रॉड हुआ है।"
फर्जी अफसर बनकर युवती को बुरी तरह डराया
कॉलर ने आगे युवती से कहा कि उनके सिम कार्ड का इस्तेमाल करके 2 करोड़ रुपए का गलत ट्रांसफर किया गया। इसके बाद युवती की कॉल स्काइप के जरिए कथित रूप से एक तरफ मुंबई पुलिस, दूसरी तरफ क्राइम ब्रांच और तीसरी तरफ कस्टम के अधिकारी को ट्रांसफर कर दिया। इस दौरान सभी कथित ने युवती को डराना शुरू दिया।
पुलिस की वर्दी पहनकर वीडियो कॉल किया
युवती को करीब 8 घंटे तक उसके घर में ही कैद करके रखा गया। करीब 8 घंटे तक स्काइप कॉल से युवती की निगरानी कर बंधक बनाए रखा गया। इस दौरान युवती से कई तरह के सवाल पूछे गए। युवती को किसी अन्य से बात करने की अनुमति नहीं दी गई। युवती के साथ जालसाजों ने पुलिस की वर्दी पहनकर स्काइप कॉल कर डराया। बताया जा रहा है कि अपने आपको को अधिकारी साबित करने के लिए युवती के साथ जालसाजों ने वीडियो कॉल भी किया। इस तरीके जालसाजों ने युवती का दिमाग अपने वश में कर लिया। युवती अपने घर पर थी। फिर भी शातिर अपराधियों ने इस तरीके से लड़की से बातचीत की, वह 8 घंटे तक अपने घर में डिजिटल अरेस्टिंग में रही।
पैसे ट्रांसफर करवाकर कॉल डिस्कनेक्ट किया
इन 8 घंटे के दौरान अपराधियों ने युवती से अपने अकाउंट में अलग-अलग बार में 11.11 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए और कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। पीड़िता इस घटना के बाद काफी परेशान हो गई, घटना 13 नवंबर की है और अब पिछले हफ्ते युवती मुकदमा दर्ज कराया है।
डिजिटल अरेस्टिंग क्या है
डिजिटल अरेस्टिंग मोबाइल या लैपटॉप के माध्यम से की जाती है। इसमें वीडियो कॉल या दूसरे एप का इस्तेमाल किया जाता है। मोबाइल या लैपटॉप से स्काइप पर वीडियो कॉलिंग या अन्य एप के जरिए किसी पर नजर रखी जाती है। उसे डरा धमका कर वीडियो कॉलिंग से दूर नहीं होने दिया जाता है। यानी वीडियो कॉल के जरिए आरोपी को उसके घर में या कहीं पर भी कैद कर लिया जाता है। इस दौरान पीड़ित ना तो वह किसी से बात कर सकता है और न कहीं जा सकता है।