पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी, नोएडा पुलिस-प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

हिंडन बचाओ अभियानः पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी, नोएडा पुलिस-प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी, नोएडा पुलिस-प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

Tricity Today | प्रदूषण के चलते हिंडन नदी का अस्तित्व खतरे में है

  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने अगस्त 2020 में गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद में किया था दौरा
  • हिंडन नदी के किनारे स्थापित और संचालित सीवर जल शोधन प्लांट का औचक निरीक्षण किया था
  • जांच टीम ने 11 संयत्रों में मानकों के मुताबिक जल का शोधन नहीं पाया था
  • गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने मामले में पुलिस कमिश्नर से हस्तक्षेप के लिए कहा था
  • पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बिसरख थाने में FIR दर्ज करने का आदेश दिया था
  • पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड ने कहा कि प्राधिकरण और पुलिस दोनों को अपने-अपने हिस्से की कार्यवाही करनी हैं
महीनों के निरंतर प्रयास के बावजूद सफलता नहीं मिलने से क्षुब्ध पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ को नोएडा पुलिस-प्रशासन के खिलाफ पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने जिला प्रशासन और प्राधिकरणों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल केंद्र सरकार की संस्था राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga-NMCG) ने अगस्त 2020 में गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद में हिंडन नदी के किनारे स्थापित और संचालित सीवर जल शोधन (Sewerage Treatment Plant - STP) प्लांट का औचक निरीक्षण किया था। जांच टीम ने 11 संयत्रों में मानकों के मुताबिक जल का शोधन नहीं पाया था। इनमें काफ़ी गड़बड़ी मिली थी। STP का उचित संचालन न होने की वजह से हिंडन में गंदा पानी जा रहा था। इससे हरनंदी में प्रदूषण के स्तर में इज़ाफ़ा हो रहा था। दूसरी तरफ़ करोड़ों रुपये इन STP के नाम पर अधिकारियों एंव ठेकेदारों के पास जा रहा है। जांच के बाद NMCG ने उत्तर प्रदेश सरकार को STP संचालन में शामिल सरकारी अफसरों और संबद्ध निजी कम्पनियों के अधिकारियों के ख़िलाफ़ पर्यावरण क़ानून के साथ-साथ आपराधिक धाराओं में मुक़दमा दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन करीब एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक मामला दर्ज नहीं हुआ है। 

पुलिस-प्रशासन और प्राधिकरण मामले को लटका रहे हैं
गौतमबुद्ध नगर पुलिस-प्रशासन मामले को लटका रहे हैं। प्रदूषण बोर्ड भी ठोस कार्यवाही के बजाय लीपापोती कर रहा है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने मामले में पुलिस कमिश्नर से हस्तक्षेप के लिए कहा था। पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बिसरख थाने में FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। बिसरख कोतवाली ने पहले जवाब दिया था कि मामले में जांच चल रही है। मगर अब पुलिस का कहना है कि यह मामला प्राधिकरणों से जुड़ा है और वही इसमें कार्रवाई करेंगे। हिंडन में प्रदूषण के खतरे को उठाने वाले पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड ने कहा कि प्राधिकरण और पुलिस दोनों को अपने-अपने हिस्से की कार्यवाही करनी हैं। लेकिन दोनों बच रहे हैं। उन्होंने अब इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कार्यालय को पत्र लिखा है।

नोएडा और गाजियाबाद के 11 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मिली कमियां
ट्राइसिटी टुडे से खास बातचीत में विक्रांत तोंगड ने पूरे मामले को सिलसिलेवार ढंग से बताया। उन्होंने कहा कि, “हिंडन नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर हमने मुहिम छेड़ी। इसका संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) नई दिल्ली ने 6 अगस्त 2020 को गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में स्थापित तथा संचालित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewerage Treatment Plant-STP) का औचक निरीक्षण किया। इसमें गौतमबुद्ध नगर के 8 शुद्धिकरण संयत्रों में 4 में मानकों के मुताबिक जल का शुद्धिकरण नहीं किया जा रहा था। इस टीम को नोएडा और गाजियाबाद के कुल 11 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में कई तरह की विसंगतियां मिलीं। नोएडा के सेक्टर 123 में स्थित 35 एमएलडी एसटीपी और सेक्टर 168 में स्थित 50 एमएलडी के एसटीपी में ज्यादा विसंगतियां मिली थीं। 

यूपी के मुख्य सचिव को लिखा पत्र
एनएमसीजी के टेक्निकल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीपी मथुरिया ने 31 दिसंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को एक पत्र लिखकर विसंगतियों पर एक्शन लेने के लिए कहा। अपने आदेश में उन्होंने कहा था कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में स्थापित और संचालित कुल 11 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मानकों के मुताजिक जल का शुद्धिकरम नहीं किया जा रहा है। उनमें से पानी को बिना शुद्ध किए ही हिंडन नदी में बहाया जा रहा है। इससे हिंडन में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यह बेहद खतरनाक है। हिंडन और यमुना, गंगा की सहायक नदियां हैं और इनकी सफाई भी स्वच्छ गंगा मिशन के तहत आवश्यक है। 

इन लोगों पर दिए हुए धाराओं में कार्रवाई का आदेश
उन्होंने कहा कि इन प्लांट के मालिक/ऑपरेटर या एसटीपी के केयरटेकर तथा सरकारी अफसरों के खिलाफ पर्यावरण अधिनियम के साथ-साथ आईपीसी की धारा – 277, 290, 425, 426 और 511 में मामला दर्ज किया जाए। इस पर त्वरित कार्रवाई की जाए। साथ ही यूपी सरकार इन संयत्रों का औचक निरीक्षण कर उनमें जल शोधन के मानकों का निगरानी करे। उन्होंने मुख्य सचिव को दिए आदेश में कहा था कि कार्रवाई की एक रिपोर्ट एनएमसीजी को 7 दिन के अंदर सौंपी जाए। लेकिन बार-बार याद दिलाने के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एनएमसीजी को कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई। 

एक-दूसरे पर जवाबदेही डालकर मामले से कन्नी काट रहे
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने सितंबर 2020 में गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के जिलाधिकारियों को इस पर त्वरित एक्शन लेने का शासनादेश जारी किया था। इसका संज्ञान लेते हुए गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने 2 नवंबर 2020 को नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को कार्रवाई करने का आदेश दिया था। साथ ही पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को भी मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित धाराओं में FIR दर्ज करने के लिए कहा गया था। लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद अब तक FIR दर्ज नहीं हो सकी है। बिसरख पुलिस अब यह कहकर मामले को लटका रही है कि यह प्राधिकरण से जुड़ा मसला है। इस पर उन्हें कार्रवाई करनी है। महीनों के निरंतर प्रयास के बावजूद सफलता नहीं मिलने से क्षुब्ध विक्रांत ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ को मामले से जुड़ा पत्र भेजा है।

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