बाइक बोट मामला में  20 नए मुकदमे ईओडब्ल्यू को मिले, सीबीआई को मिली हजारों पेज की रिपोर्ट

बड़ी खबर : बाइक बोट मामला में  20 नए मुकदमे ईओडब्ल्यू को मिले, सीबीआई को मिली हजारों पेज की रिपोर्ट

बाइक बोट मामला में  20 नए मुकदमे ईओडब्ल्यू को मिले, सीबीआई को मिली हजारों पेज की रिपोर्ट

Google Image | बाइक बोट कंपनी

बाइक बोट स्कीम के जरिए (GIPL) कंपनी द्वारा 42,000 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले के मामले में दर्ज होने वाले मुकदमे की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें से अनेक मुकदमों को जांच के लिए ईओडब्ल्यू मेरठ भेजा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ईओडब्ल्यू कि मेरठ टीम के पास अब 20 और नए मुकदमें जांच के लिए पहुंचे हैं। यह मुकदमा गाजियाबाद, अलीगढ़, लखनऊ, बरेली और आगरा में पीड़ितों द्वारा दर्ज कराए गए थे। कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर संजय भाटी पर आरोप है कि देशभर में स्कीम में निbवेश के जानिए मोटा मुनाफा देने का लालच देकर लाखों लोगों से ठगी की है। 

अब ईओडब्लू मेरठ के पास इस मामले के 125 मुकदमों का विमोचना है। अक्टूबर तक ईओडब्लू मेरठ द्वारा बाइक बोट के 116 मुकदमों की जांच की जा रही थी लेकिन इनमें से 11 मुकदमे शासन के आदेश पर जांच के लिए सीबीआई को भेजे दिए गए थे। इसके बाद ईओडब्ल्यू के पास 105 मुकदमें बेचे थे। हालांकि इस घोटाले में नंबर दो की हैसियत रखने वाले बिजेंदर हुड्डा और कंपनी के मालिक संजय भाटी की पत्नी दीप्ति बहल को कोई भी जांच एजेंसी अभी तक नहीं पकड़ सकी।

सीबीआई शुरू कर चुकी है जांच
बाइक बोट मामले में सीबीआई अपनी जांच शुरू कर चुकी है। सीबीआई द्वारा जिन 11 मुकदमों की जांच की जा रही है, उनका 5 हजार पेज की रिपोर्ट ईओडब्ल्यू सीबीआई को उपलब्ध करा चुकी है। अब सीबीआई द्वारा पीड़ितों के बयान लेने के साथ ही जेल में बंद आरोपियों को बयान लिए जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में दर्ज अन्य मुकदमे भी शीघ्र ही जांच के लिए सीबीआई को ही मिलेंगे।

लगातार दर्ज हो रहे मुकदमा
बाइक बोट घोटाले में सबसे पहला मुकदमा 12 जनवरी 2019 को दादरी थाने में दर्ज हुआ था। इसके बाद से बाइक वोट मामले में मुकदमा दर्ज होने का क्रम जारी है अनुमान के अनुसार इस मामले में अभी तक देश भर में 700 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके।

यह थी बाइक बोट स्कीम
साल 2010 में संजय भाटी ने कंपनी की शुरुआत की और 2018 में यह बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी। स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई। इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62,100 रुपये का निवेश कराया गया था। उसके एवज में एक साल तक प्रतिमाह 9,765 रुपये देने का वादा किया गया था। निवेश करने वालों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए। बाद में संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए थे। 

आरोपी संजय भाटी समेत 24 आरोपी जेल में कैद
इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी संजय भाटी और बीएन तिवारी समेत कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था जिसमें दो आरोपी मोंटी भसीन और दिनेश पांडेय को जमानत मिल चुकी है और अब कुल 24 आरोपी गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद है। इस मामले में अभी मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल समेत 4 आरोपी अभी फरार हैं जिनको अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस अब तक दीप्ती बहल, लोकेन्द्र, भूदेव और बिजेंद्र हुड्डा को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बिजेंद्र हुड्डा इस समय भारत से बाहर है। इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो चुका है।

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