जेवर एयरपोर्ट की बदौलत हर घर नौकरी मिलेगी, बताया- किन परेशानियों का किस तरीके से सामना किया

खास बातचीत : जेवर एयरपोर्ट की बदौलत हर घर नौकरी मिलेगी, बताया- किन परेशानियों का किस तरीके से सामना किया

जेवर एयरपोर्ट की बदौलत हर घर नौकरी मिलेगी, बताया- किन परेशानियों का किस तरीके से सामना किया

Tricity Today | धीरेन्द्र सिंह से खास बातचीत

Jewar Airport : जेवर एयरपोर्ट को जमीन पर उतारने के लिए जिन लोगों ने काम किया, उनमें से एक यहां के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह भी हैं। धीरेंद्र सिंह ने विधायक बनते ही विधानमंडल दल की पहली बैठक में इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने उठाया। मुख्यमंत्री से जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्दी से जल्दी बनाने की मांग की। इस मांग को मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया। इसके बाद जेवर एयरपोर्ट की फाइल रद्दी की टोकरी से बाहर निकाली गई। सरकार ने हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू किया तो किसान सशंकित हो उठे। ऐसे में धीरेंद्र सिंह गांव-गांव और घर-घर गए। लोगों के सामने पल्ला फैलाया। उन्हें बताया कि यह एयरपोर्ट ना केवल उनकी बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के नसीब बदल देगा। इसके बाद किसान लखनऊ पहुंचे और खुशी-खुशी मुख्यमंत्री को जमीनों के दस्तावेज सौंप आए। अब तक क्या कठिनाई आईं? कैसे यहां तक यह सफर पहुंचा? भविष्य में क्या संभावनाएं हैं? इन मुद्दों पर ठाकुर धीरेंद्र सिंह से हमारे संवाददाता ऋषभ खारी ने बातचीत की। पेश है इस खास बातचीत के प्रमुख अंश।

- 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतमबुद्ध नगर आ रहे हैं। इस पूरे कार्यक्रम को लेकर क्या तैयारी हैं?

"बहुत दिनों से जेवर विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री का इंतजार था। क्योंकि 25 सालों से जेवर एयरपोर्ट बनने के कयास लगाए जा रहे थे। जब प्रदेश की कमान माननीय राजनाथ सिंह जी के हाथों में थी, उन्होंने से एयरपोर्ट के निर्माण के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। उसके बाद सरकार बदलीं। सरकारों ने इसे अपनी तरफ ले जाना चाहा, जहां के रहने वाले उनके सरपरस्त थे। 2017 में जब योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की कमान संभाली और विधानमंडल दल की पहली बैठक में इस मुद्दे को मैंने वरीयता से उठाया। सरकार को समझाने का प्रयास किया कि जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के विकास का माध्यम बनेगा। आर्थिक विकास का माध्यम बन सकता है। इससे हम लाखों रोजगारों का सर्जन कर सकते हैं। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इस बात को समझा और जेवर एयरपोर्ट की पत्रावली जो ठंडे बस्ते में बंद पड़ी थी, उसको बाहर निकालने का कार्य किया। इसमें केंद्र सरकार और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा और हम इस स्थिति में आ चुके हैं कि आने वाली 25 तारीख को शिलान्यास होगा। हम गौरव महसूस कर रहे हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां पर जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। 

- अब जब अंततः परियोजना परवान चढ़ चुकी है और शिलान्यास होने वाला है तो इलाके के लोग कैसा महसूस कर रहे हैं?

एक बार यहां कयास लगाए जाने लगे थे कि यह एयरपोर्ट हरियाणा या राजस्थान जा सकता है, उस समय बहुत संशय की स्थिति रही। दो कोरोना काल भी आए, लेकिन उसके बावजूद भी जो लोग इस कार्य में लगे रहे। तमाम विभाग के अधिकारी और मुख्यमंत्री, हमारा उड्डयन विभाग, सबसे ज्यादा इसमें उन किसान भाइयों का सहयोग रहा है, जिन्होंने विकास के नाते, गौतमबुद्ध नगर और प्रदेश के विकास के लिए अपनी जमीन इस महत्वकांक्षी ड्रीम प्रोजेक्ट में दी हैं। मैं तो कहूंगा कि जिन किसान भाइयों ने जमीन दान देश-प्रदेश के विकास के लिए दी, मैं उनका धन्यवाद भी करना चाहता हूं। आज पूरे क्षेत्र, जनपद और आसपास के कई जिलों में खुशी की लहर है। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तो बहुत ज्यादा उत्साहित हैं और बस अब उस घड़ी का इंतजार है, जिस घड़ी प्रधानमंत्री के कदम जेवर की सरजमी पर पड़ेंगे।"

- जेवर एयरपोर्ट अब तक का सबसे बड़ा भूमि विस्थापन है और एयरपोर्ट के निर्माण के लिए काफी सारे परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। इस पूरे प्रोसेस में किस तरह के चैलेंज आपके सामने आए और उनका समाधान आपने कैसे किया?

"सन 2018 की बात है, उत्तर प्रदेश विधानसभा का अगस्त माह का सत्र चल रहा था। इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के माध्यम से मैंने देखा कि किसान जमीन देने के लिए सहमत नहीं हो रहे हैं। एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो हमारे लिए जरूरी था। वह कहीं प्रदेश के हाथ से निकल ना जाए तो बीच में सत्र छोड़कर मुझे आना पड़ा। घर-घर जाकर, किसानों के बीच में बैठकर बात की। उनकी जो चिंताएं थी, उन्हें दूर किया गया और किसानों को वास्ता दिया गया कि कोई भी प्रोजेक्ट किसी विधानसभा के लिए बड़ी मशक्कत के बाद मिलता है। आज हमारे यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है और वह भी दुनिया का एक बेहतरीन एयरपोर्ट बनेगा। वह माध्यम बन सकता है देश की तरक्की का और आप लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने वाला होगा। हजारों नौजवानों को रोजगार का मौका मिल सकता है। जब किसानों को समझाया गया तो उनको बात समझ में आई। मैं उनका पुन: धन्यवाद करना चाहता हूं, उन्होंने सारी बातों को समझते हुए और हमें जमीन की सहमति देनी स्टार्ट कर दी। उसके बाद उनके आरएनआर को लेकर जो भी चिंताएं थीं, उन्हें दूर किया गया। कोशिश की गई कि लोगों को ऐसा विस्थापन स्थल दिया जाए, जो सुविधाओं से लैस हो। आज हमने जहां विस्थापन स्थल बनाया है, वहां पर चौड़ी सड़कें हैं। अच्छा प्ले-ग्राउंड है। लाइटिंग की व्यवस्था काफी बेहतर है। अंडरग्राउंड पाइप लाइन है। थोड़ी-बहुत दिक्कत आ रही हैं, उनको भी जल्द से जल्द दूर करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। समय-समय पर उसके लिए बातचीत की गई। किसानों के साथ बैठकर उनकी समस्याओं को दूर किया गया। कई बार तो मुख्यमंत्री से किसानों की वार्ता भी करवाई गई और जो समस्या आती है, किसानों के साथ और अधिकारियों के साथ बैठकर समस्याओं का समाधान करवाने के रास्ते निकाले जाते हैं। मैं फिर कहना चाहता हूं कि जिस जनपद में 2 इंच जमीन के लिए गोलियां चल जाती थीं, वहां पर किसानों ने अपनी जमीन को दान में दे दिया। जहां पर पिछली सरकार के समय गोलियां चली, वहां पर किसानों ने इतनी आसानी से अपनी जमीन का अधिग्रहण दे दिया। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इतिहास लिखने योग्य घटना बन गई है, क्योंकि इतना बड़ा विस्थापन और इतनी बड़ी जमीन और वह भी भूमि अधिग्रहण 2013 के प्रावधानों के अनुसार हो जाना, इसके लिए मैं अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का धन्यवाद देना चाहता हूं। जिन्होंने स्पष्ट तौर पर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि किसानों की मर्जी से ही जमीन अधिग्रहण होगा। उनकी समस्याओं का समाधान उनके मध्य बैठकर होगा। मुख्यमंत्री जी के आदेश पर यह कार्य तेजी से हुआ। जिसको किसानों ने समझा और अब 25 नवंबर को हम उस स्थिति में आने जा रहे हैं, जब हम जेवर एयरपोर्ट के लिए भूमि पूजन करेंगे। जहां हजारों साल से रह रहे किसानों ने अपनी पैतृक जमीनों को इस प्रदेश के विकास के लिए दिया हो तो यह बहुत ही अद्भुत और अविश्वसनीय है, ऐसा मुझे लग रहा है। क्योंकि मैं शुरू से इस प्रोजेक्ट से जुड़ा रहा, मुझे बड़ी चिंता रहती थी कि कहीं यह प्रोजेक्ट हमारे प्रदेश के हाथ से निकल ना जाए। अब वह दिन दूर नहीं है और हम इंतजार कर रहे हैं उस घड़ी का जब प्रधानमंत्री के कदम जेवर की सरजमीं पर पड़ेंगे।"

- जेवर एयरपोर्ट के साथ-साथ यहां पर मल्टीनेशनल कंपनी और इंडस्ट्रीज भी आ रही हैं, आपके द्वारा क्षेत्र के लोगो को अपॉर्चुनिटी दिलाने में कितना प्रयास रहेगा?

"सबसे पहले हमने यमुना प्राधिकरण में प्रावधान कराया गया कि स्थानीय युवाओं को 40 फीसदी उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार मिलेगा। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री जो जेवर एयरपोर्ट की तरफ आ रही हैं, यहां पर काफी विदेशी कंपनियों ने भी अपनी बड़ी इकाइयां लगाई हैं। हम लोग समय-समय पर यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों और कंपनी के अधिकारियों के साथ वार्ता करते हैं। पूरा प्रयास है कि इस क्षेत्र के किसानों ने उत्तर प्रदेश और क्षेत्र के विकास के लिए अपनी जमीन को दान दिया है, उनके बच्चों को समुचित रोजगार मिले। उनके जीवन स्तर को उन्नत बनाने का काम हो। हमारे किसान भाइयों का पूरा ध्यान रखें। मेरा प्रयास है कि जब यहां पर जेवर एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा और बड़ी-बड़ी इकाइयां यहां लग जाएंगी तो क्षेत्र के प्रत्येक परिवार में कम से कम एक नौजवानों को मैं नौकरी दिलवाने का प्रयास करूंगा।"

- इस सरकार की प्राथमिकता हमेशा से कानून व्यवस्था रही है। गौतमबुद्ध नगर में अपराध काफी तेजी से बढ़ता जा रहा था। योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद अपराध पर लगाम लगाई गई। अब जब जेवर में एयरपोर्ट बन जाएगा तो ऐसे में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए किस तरीके का प्रयास किया जाएगा।

"जहां जेवर एयरपोर्ट बनने जा रहा है, वहां 3 नए थाने बनने जा रहे हैं। इसके लिए जमीन भी चयनित कर ली गई है। यहां कमिश्नरेट स्थापित की गई है, वो एयरपोर्ट की घोषणा होने के बाद की गई है। हमें जानकारी है यह क्षेत्र माफियाओं के लिए कुख्यात था। जिनके डर की वजह से औद्योगिक इकाइयां नहीं लगती थीं। जो इधर से पलायन करने लगी थीं। हरियाणा की तरफ उद्योग जा रहे थे, लेकिन जब से प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाली है, उस दिन से आपने देखा होगा कि माफियाओं में डर है। यह सबकुछ सज्जन व्यक्तियों के लिए किया गया है, जो अब तक डरते रहते थे। कमिश्नरेट की स्थापना होने के बाद पुलिस में एक नया सुधार देखने को मिल रहा है। महिला से संबंधित क्राइम में काफी रोकथाम हुई है। रोड होल्डअप नहीं होते हैं। जिस तरीके से ट्रांसपेरेंसी गौतमबुद्ध नगर की पुलिस में देखने को मिल रही है, वह अभूतपूर्व है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। निश्चित तौर पर हम एक ऐसी कानून व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, जो दुनिया की बेहतर कानून व्यवस्था हो सकती है। जहां लोगों को तुरंत न्याय की अपेक्षा रखनी चाहिए। भविष्य में भी यह क्षेत्र माफियाओं से मुक्त होगा। जिनकी नजर जेवर एयरपोर्ट के इर्द-गिर्द आने वाले कंपनियों और यहां होने वाले विकास कार्यों की तरफ है। उसके लिए विधायक के तौर पर मेरा प्रयास होगा कि कोई भी माफिया इधर भटकने ना पाए। उद्योगपतियों को हम ऐसा माहौल दें कि जिस उद्देश्य से वह यहां आए हैं, वह पूरा हो। वह इस प्रदेश की तरक्की का माध्यम बन सकें। लोगों को उनका जीवन स्तर उन्नत बनाने का माध्यम मिले। रोजगार का माध्यम यह एयरपोर्ट बने।

- जेवर में एयरपोर्ट और फिल्म सिटी आ रही है। तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियों का निवेश भी आया है और अब चुनाव भी आ रहा है। जैसा सभी को मालूम है कि जेवर की राजनीति हमेशा जाति के आधार पर होती आ रही है। क्या इस बार चुनाव में वोट विकास को मिलेंगे?

"प्रधानमंत्री आवास योजना की अगर हम चर्चा करें यह लाभ किस जाति को पहुंचा है? इस सरकार नके सबका साथ, सबका विकास की भावना से काम किया है। मुस्लिम है और अगर वह पात्र है तो उसे भी लाभ मिलेगा। वह एससी हो तो उसे भी लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर निर्बल वर्ग को बहुत लाभ मिले और सीधे उनके खाते में मिले। बीच में जो दलाली पड़ जाती है, उसको समाप्त करने के लिए हमारे प्रदेश के प्रधानमंत्री ने सतत प्रयास किए हैं। उसी नीति पर चलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने काम किए हैं। वितरण प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी बना दिया गया है। आज कोई गरीब का हक नहीं मार सकता है। अब बीच के लोग दलाली नहीं कर सकते हैं। सीधा फायदा जनता को पहुंचता है। मैं समझता हूं कि सरकार की नजर में जाति कोई विषय नहीं है। उत्तर प्रदेश का जितना विकास योगी आदित्यनाथ जी के समय में हुआ है, वह अतुलनीय है। हम लोग विकास के वास्ते चुनाव में उतरेंगे। क्योंकि हमें ऐसे राष्ट्र की स्थापना करनी है, जहां जातियों का कोई स्थान ना हो। स्थान हो तरक्की का, स्थान हो भाईचारे का और जहां शांति का स्थान हो। ऐसे राष्ट्र की कल्पना के साथ हम सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने की कामना करते हैं।"

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