- यूनिवर्सिटी में 'सेंटर ऑफ एक्सेलेंस फ़ॉर इंटेलेक्चुअल एंड लर्निंग डिसेबिलिटी' की शुरुआत
- मानसिक समस्याओं से प्रभावित बच्चों का होगा सफल इलाज
- यह केंद्र बच्चों की मनोचिकित्सा, काउंसलिंग और सर्टिफिकेट जारी करेगा
- धीरेन्द्र सिंह ने बोले- यह भूमि जेवर एयरपोर्ट के लिए काफी महत्वपूर्ण
Greater Noida News : गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शुक्रवार को यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी एंड मेन्टल हेल्थ में 'सेंटर ऑफ एक्सेलेंस फ़ॉर इंटेलेक्चुअल एंड लर्निंग डिसेबिलिटी' की शुरुआत की गई है। जेवर से विधायक धीरेन्द्र सिंह, जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर आरके सिन्हा, ग्रेटर नोएडा राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ.ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष गोरखनाथ ने संयुक्त रूप से किया। इस केंद्र का न केवल गौतमबुद्ध नगर बल्कि पूरे दिल्ली-एनसीआर को मिलेगा। यह केंद्र बच्चों की मनोचिकित्सा, काउंसलिंग और सर्टिफिकेट जारी करेगा। अभी तक लोगों को इसके लिए दिल्ली जाना पड़ता था।
यहीं पर सीएम योगी ने निकाला था किसानों की समस्याओं का समाधान : धीरेंद्र सिंह
इस मौके पर जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा, "गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का मार्ग प्रशस्त हुआ था। यहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से मिलकर समाधान निकाला था। जब यह मुल्क दुनिया में सबसे उन्नत था। गौतबुद्ध को याद कीजिए। एक राजकुमार जीवन को जानने के लिए तपस्वी बन गया। उन्होंने दुनिया को सबसे पहले इस भारत भूमि से शांति का संदेश दिया। ईसा पूर्व से दुनिया के छात्र यहां शोध करने आते थे। जब दुनिया की सभ्यताएं पैदा हो रही थीं, उस वक्त भारत में विकसित गणराज्य थे।"
गौतमबुद्ध नगर की इंटरनेशनल पहचान : धीरेंद्र सिंह
धीरेंद्र सिंह ने आगे कहा, "यह देश करीब 800 साल गुलाम रहा है। पता नहीं कितने लोगों ने आजादी के लिए प्राणों की आहुतियां दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी का अमृत महोत्सव का आयोजन करके उन बलिदानियों को याद करने का अवसर दिया है। दुनिया का सबसे पुराना शहर बनारस है। गौतमबुद्ध नगर से लेकर तमाम महापुरुषों ने बनारस को अपनी कर्मस्थली बनाया था। उसे हम क्यों भूल गए थे और आज फिर उसे हम क्यों गर्व के साथ याद करने लगे हैं। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले और बाद के हालात में यह फर्क आया है। जिसे हम महसूस करते हैं।"
गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी अपने आप में बड़ी पहचान :कुलपति
गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर रविन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा, "गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य और मनोचिकित्सा पर बड़ा काम आज शुरू हो रहा है। इस केंद्र की स्थापना का स्थानीय लोगों को मिलेगा। अब यहां उपचार के साथ सर्टिफिकेशन भी यह केंद्र करेगा। यह केंद्र मनोविज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करे। यहां की फेकल्टी ने पिछले वर्षों के दौरान बहुत अच्छा काम किया है। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे कि यह केंद्र ना केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान कायम करे।" कुलपति ने आगे कहा, "हम आज आजादी का अमृत महोत्सव माना रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में भारत ने तकनीक, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में बहुत ऊंची छलांग लगाई है। हमें यह प्राण करना चाहिए कि जब हम आजादी के 100 वर्षों का उत्सव मनाएं तो भारत दुनिया में अव्वल हो। मुझे पूरा भरोसा है कि हम दुनिया में निर्णायक स्थिति में होंगे।"
शानदार कार्यों का होगा भरपूर प्रचार : डॉ.राकेश गुप्ता
जिम्स के निदेशक डॉ.राकेश गुप्ता ने कहा, "मैं एक बाल रोग विशेषज्ञ होने के नाते साइक्लोजिकल इश्यू वाले बच्चों और उनके माता-पिता की परेशानी समझ सकता हूं। हम इस केंद्र की मदद करने के लिए तैयार हैं। जिम्स इस केंद्र में ओपीडी के लिए डॉक्टर उपलब्ध करवा सकते हैं। जिम्स में एक केंद्र की स्थापना हो रही है। यह दोनों केंद्र मिलकर बहुत शानदार काम कर सकते हैं। इसका भरपूर प्रचार किया जाए। जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को लाभ मिले।"
'आजादी का अमृत महोत्सव' के सामांतर यह कार्यक्रम आयोजित
जीबीयू सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर ओम प्रकाश ने कहा, "1,379 भाषाएं इस देश में हैं। जिनमें से 121 भाषाएं मातृ भाषाएं हैं। यह भारत की विविधता का एक उदाहरण है। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय आजादी के अमृत महोत्सव से आज से जुड़ रहा है। यह महोत्सव आजादी के लिए प्राण देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का अवसर है।" उन्होंने आगे कहा, "आजादी का अमृत महोत्सव के सामांतर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है। इस देश में तमाम संस्कृति और सभ्यताएं विकसित हो रही हैं और सुरक्षित हैं। यह मानव इतिहास में विरलतम उदाहरण है।"
मानसिक समस्याओं से प्रभावित बच्चों का होगा सफल इलाज
इस केंद्र के सूत्रधार और यूनिवर्सिटी में मेंटल हेल्थ एंड साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के मुखिया डॉ.अनुराग प्रताप सिंह ने केंद्र के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, हमारे 5 से 7 प्रतिशत बच्चे मानसिक समस्याओं से प्रभावित हैं। उन्हें काउंसलिंग देकर हम समाज में बराबरी का हिस्सा दिला सकते हैं। पूरे दिल्ली-एनसीआर से स्कूल काउंसलर और शिक्षक आए हैं। यह केंद्र उपचार करेगा। समस्याओं का समाधान करेगा। रिसर्च प्रोग्राम्स को आगे बढ़ाने में मदद देगा। इस कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड मेम्बर जीएन सिंह बतौर विशिष्ठ अतिथि शामिल हुए। जीएन सिंह दिव्यांग जनों के लिए देशभर के कई हिस्सों में काम कर रहे हैं। जीबीयू के डिपार्टमेंट ऑफ सोशल साइंसेज एंड ह्यूमेनिटीज की अध्यक्षा डॉ.नीति राणा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।