प्राकृतिक आवास छिन जाने से शहरों की ओर रुख कर रहे जानवर, इनसे इंसानों को खतरा

ग्रेटर नोएडा में दिखी विलुप्त हो रही जंगली बिल्ली : प्राकृतिक आवास छिन जाने से शहरों की ओर रुख कर रहे जानवर, इनसे इंसानों को खतरा

प्राकृतिक आवास छिन जाने से शहरों की ओर रुख कर रहे जानवर, इनसे इंसानों को खतरा

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Greater Noida : शहर में मिली फिशिंग कैट यानी मछली पकड़ने वाली बिल्ली की तादाद दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। ऐसी बिल्ली जो भारत के कई इलाकों से विलुप्त होती जा रही है, उसका ग्रेटर नोएडा जैसे हाईटेक शहर में मिलना ताज्जुब की बात है। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया समेत दुनिया के कई मुल्कों में तो यह विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई है। घरेलू बिल्लियों से दोगुनी आकार वाली यह बिल्ली मुख्यत: दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में पाई जाती है। इसकी पूंछ घरेलू बिल्लियों से अधिक लंबी होती है। 
ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में दिखी फिशिंग कैट
सेक्टर पी-3 के सी. ब्लॉक स्थित मकान नंबर 237 के बाहरी एरिया में मंगलवार की शाम एक जंगली जानवर दिखा। वह तेंदुए की तरह दिखाई दे रहा था। मकान मालिक की कार के पास ​तेंदुए की तरह दिखने वाला जानवर बैठा था। उसके पास पालतू कुत्ता चला गया। उस जानवर ने कुत्ते पर हमला कर दिया। इस हमले में कुत्ते के मुंह और गर्दन पर जख्म आए हैं। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जानकारी होने पर वन विभाग को सूचना दी गई। सीसीटीवी फुटेज देखकर कुछ लोगों ने उस जानवर को फिशिंग कैट बताया है। उसे जंगली बिल्ली भी कहा जाता है।

जंगल काटकर बनाए शहर, कहां जाएं जंगली जानवर 
वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकारी और निजी कंपनियों के विभिन्न परियोजनाओं के चलते वन और जंगल कम होते जा रहे हैं। वनों की अंधाधुंध कटाई ने फिशिंग कैट समेत तमाम जानवरों के प्राकृतिक घर छीन लिए हैं। यही कारण है कि जंगलों में रहने वाले जानवर भोजन की तलाश में शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। इतना ही नहीं, भूख से बिलबिलाते जानवर इंसानों पर हमलावर हो रहे हैं।

भारत में कहां-कहां मिलती है 
फिशिंग कैट का गंगा-यमुना के सुंदरबन, उड़ीसा में ब्रह्मपुत्र-महानदी और आंध्र प्रदेश में गोदावरी और कृष्णा नदी के डेल्टा में प्राकृतिक आवास होता है, लेकिन अब ये क्षेत्र काफी सिमट गए हैं। 

क्यों कहते हैं फिशिंग कैट
अनुकूलित क्षेत्र में पाई जाने वाली इस बिल्ली का मुख्य भोजन मछली होता है। इसी वजह से इसका नाम फिशिंग कैट पड़ा है। शारीरिक रूप से यह सामान्य बिल्लियों की तुलना में दोगुनी आकार की होती है।

10 साल तक जीवित रहती हैं ये बिल्लियां
जंगली बिल्ली का मुख्य भोजन पक्षी, कीड़े, सांप और मछली होती है। यह मछलियों का शिकार करती है, इसके पंजे बेहद तेज चलते हैं, जिसकी वजह से यह पानी में अच्छी पकड़ रख पाती है। जंगली मछली पकड़ने वाली बिल्लियां जनवरी और फरवरी के दौरान सबसे अधिक दिखती हैं। इनकी गर्भधारण की अवधि 60 से 70 दिनों तक रहती है। मादाएं दो या तीन बिल्ली को एक साथ जन्म देती हैं। ये बिल्लियां 10 साल तक जीवित रहती हैं।

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