शारदा यूनिवर्सिटी के वाईके गुप्ता बोले- बिना FIR के मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ

ग्रेटर नोएडा में 'पारिवारिक विवाद समाधान क्लिनिक' के 3 साल पूरे : शारदा यूनिवर्सिटी के वाईके गुप्ता बोले- बिना FIR के मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ

शारदा यूनिवर्सिटी के वाईके गुप्ता बोले- बिना FIR के मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में 'पारिवारिक विवाद समाधान क्लिनिक' के 3 साल पूरे

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। इसमें खास तरह का क्लीनिक भी शामिल है। जिसे नॉलेज थाना में शारदा यूनिवर्सिटी के सहयोग से खोला गया। जिसका नाम फैमिली डिस्प्यूट रिसोल्युशन क्लीनिक कहा गया है। जहां पति-पत्नी के बीच हुए विवाद को बिना कानूनी कार्रवाई के खत्म किया जाता है। इसको आज तीन वर्ष हो गए। शुक्रवार को जिसका तीसरा स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर बबलू सिंह का शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर वाईके गुप्ता ने स्वागत किया।

आने वाले समय में पूरे हफ्ते चलेगा क्लिनिक : वाईके गुप्ता
इस मौके पर शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर वाईके गुप्ता ने कहा, "इस क्लिनिक को बेहतर बनाने के लिए पुलिसकर्मी और यूनिवर्सिटी का स्टाफ काम कर रहा है। हमारा सपना ऐसा है कि हम ऐसे स्टूडेंट्स दे, जो समाज की बेहतरी और सेवा के लिए काम कर सके। एफडीआरसी में मनोवैज्ञानिक और लॉ विभाग अहम भूमिका निभा रहे। बिना एफआईआर से मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ है। सप्ताह में यह क्लिनिक दो दिन चलता है। हमारा यह प्रयास है कि इसे हम पूरे सप्ताह तक चला सके। शारदा यूनिवर्सिटी में काउंसलिंग सेंटर है, यहां आकर लोग अपने विवादों को सुना सकते है। इस कार्य में शारदा यूनिवर्सिटी का स्टाफ और पुलिसकर्मी बहुत अच्छा कार्य कर रहे है।"

कहां पर है क्लिनिक
शारदा विश्वविद्यालय के डायरेक्टर पीआर डॉ.अजीत कुमार ने बताया कि विवाहित जोड़ों के बीच घरेलू हिंसा के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए विश्वविद्यालय और गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन में एक पारिवारिक विवाद समाधान (एफडीआरसी) क्लिनिक तीन साल पहले स्थापित किया है। हर वर्ष विवादों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसको कुछ नए कदम उठाए जा रहे है।

महिला और पुरुष दोनों को यह बात समझनी चाहिए : लक्ष्मी सिंह
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह कहा, "महिलाओं को ध्यान देना चाहिए कि जितना त्याग, बलिदान और मेहनत आपकर रहे हो, उतना ही पुरुष कर रहा है। अगर ये बात दोनों को समझ आ गई तो ऐसी समस्या नहीं आएगी। अगर परिवार टूटता है तो सभी पर असर पड़ता है, चाहे वो महिला हो या पुरुष। एफआईआर करना और नामजद लोगों को जेल भेजना पुलिस के लिए बहुत आसान काम है। किसी टूटते हुए परिवार को जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। विशेषज्ञों द्वारा उचित परामर्श प्रदान किया जाता है, ताकि एफआईआर दर्ज करने के बजाय एक लंबा समाधान खोजा जा सके। शारदा विश्वविद्यालय और अस्पताल के कानूनी, मनोचिकित्सक और मनोविज्ञान विभागों के तीन संकाय सदस्यों और पुलिसकर्मियों के साथ सलाह ले रहे है।"

इनको मिला सम्मान
एफडीआरसी क्लिनिक में अहम योदान देने वाली शारदा यूनिवर्सिटी की स्टॉफ रितु गौतम, डॉ.अर्चना धनकर, डॉ.अविनाश गोस्वामी, डॉ.संचिता, भावना उपाध्याय, डॉ.रुचि गौतम, डॉ.किरण शर्मा, डॉ.शिवानी चौहान, पुलिसकर्मी गायत्री यादव, मधु सिंह, सोनम और प्रेम लता चौधरी, पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और शारदा विश्वविद्यालय के प्रो.चांसलर वाईके गुप्ता ने सम्मानित किया गया।

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