Greater Noida : पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र को लेकर किसान परेशान हैं। इस प्रमाण पत्र में जिला प्रशासन के एक बिंदु और जोड़ देने से किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। प्रशासन ने इस प्रमाण पत्र में एक बिंदु और जोड़ दिया है। इसमें कहा गया है यह प्रमाण पत्र स्थानीय निकायों में संपत्ति में नाम परिवर्तन के लिए मान्य नहीं होगा। जबकि यह प्रमाण पत्र इसी काम के उपयोग में आता है।
पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र
अगर किसी परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाती है तो उनके स्थान पर संपत्ति में परिवार के अन्य सदस्यों का नाम दर्ज किया जाता है। इसके लिए वारिसान प्रमाण पत्र (पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र) की जरूरत पड़ती है। यह प्रमाण पत्र जिला प्रशासन बनाता है। गौतमबुद्ध नगर में भी पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र बन रहा है, लेकिन इस प्रमाण पत्र में जिला प्रशासन ने एक बिंदु और शामिल कर दिया है। इसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है। इस प्रमाण पत्र में लिखा गया है कि स्थानीय निकाय में आदि में नाम परिवर्तन के लिए यह प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। इसके लिए सक्षम न्यायालय से संबंधित को अपना प्रमाण पत्र जारी कराना अनिवार्य होगा। अब किसानों को इस प्रमाण पत्र के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पैसा देने में आनाकानी
इस तरह की दिक्कतें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण में सामने आ रही हैं। प्राधिकरण किसानों की जमीन खरीद रहा है। जमीन के बदले किसानों को पैसा दिया जाता है। अगर किसी परिवार के मुखिया की मौत हो गई। उसके बाद उसे परिवार प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ती है। इस प्रमाण पत्र में जिला प्रशासन द्वारा दर्ज किए गए एक और बिंदु से परेशानी बढ़ गई है। इसमें लिखा है कि यह प्रमाण पत्र इसके लिए मान्य नहीं होगा। उसे सक्षम न्यायालय से जारी कराना होगा। इसके चलते प्राधिकरण भी पैसा देने में आनाकानी करते हैं। अब किसानों ने इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।