स्टेशनों पर किसानों और पुलिस की मोर्चाबंदी, बस ट्रेन आने का इंतजार

रेल रोको आंदोलन : स्टेशनों पर किसानों और पुलिस की मोर्चाबंदी, बस ट्रेन आने का इंतजार

स्टेशनों पर किसानों और पुलिस की मोर्चाबंदी, बस ट्रेन आने का इंतजार

Tricity Today | दनकौर और दादरी रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में पुलिस फाॅर्स तैनात

  • - ग्रेटर नोएडा के दादरी और दनकौर रेलवे स्टेशन बने छावनी
  • - दोनों स्टेशनों पर भारी पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई
  • - सैकड़ों की संख्या में किसान दनकौर रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं
  • - किसानों और पुलिस अफसरों के बीच बातचीत चल रही है
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए भारतीय किसान यूनियन समेत तमाम किसान संगठनों ने गुरुवार को "रेल रोको आंदोलन" का ऐलान किया है। जिसके चलते किसानों और पुलिस ने अपनी-अपनी तैयारियां की हैं। ग्रेटर नोएडा में मुख्य रूप से 2 बड़े रेलवे स्टेशन दादरी और दनकौर हैं। दोपहर तक दोनों रेलवे स्टेशन पर किसानों की भीड़ जुट गई। दूसरी ओर किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है। ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त और अपर पुलिस उपायुक्त खुद मौके पर मौजूद हैं। सैकड़ों किसान रेलवे स्टेशन पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। सभी को ट्रेन के आने का इंतजार है।



दनकौर में भाकियू के किसान नेता और तमाम दूसरे किसान इकट्ठा हैं। किसानों ने "रेल रोको आंदोलन" का आगाज किया है। सैकड़ो किसान मौके पर मौजूद हैं। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दूसरी और हालात संभालने के लिए मौके पर भारी पुलिसबल मौजूद है। दनकौर रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों की संख्या में किसान इकट्ठा है। ग्रेटर नोएडा के डीसीपी राजेश सिंह ने बताया कि किसानों से बातचीत की जा रही है। ट्रेन नहीं रोकने दी जाएगी। अगर किसी ने कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। दूसरी और किसानों का कहना है कि वह अपना आंदोलन पूरा करने के लिए रेल रोकेंगे। उन्हें बस ट्रेन के आने का इंतजार है।



दूसरी ओर दादरी रेलवे स्टेशन पर भी भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। पीएसी को भी बुलाया गया है। हालांकि, पुलिस और किसानों के बीच हुई बातचीत में कहा गया है कि किसान संयुक्त रूप से दनकौर में रेल रोकने की कोशिश करेंगे। पुलिस ने एहतियात के तौर पर दादरी में पोस्ट की तैनाती की है। किसान नेताओं का कहना है कि हम लोगों की मुख्य रूप से दो मांगे हैं। केंद्र सरकार अपने तीनों कृषि कानून वापस ले और किसानों को एमएसपी की गारंटी लिखित में दी जाए।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसानों का करीब 100 दिनों से आंदोलन चल रहा है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डालकर पड़े हुए हैं। दूसरी ओर हरियाणा और पंजाब में भी किसान आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन के दौरान अब तक करीब 200 किसानों की ठंड और दूसरे कारणों से मौत हो चुकी हैं। गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में लाल किले पर हुई घटना के बाद से सरकार और किसानों के बीच बातचीत का तारतम्य टूटा हुआ है। हालांकि, केंद्र सरकार और किसानों की ओर से लगातार बातचीत का आश्वासन एक-दूसरे को दिया जा रहा है। अब इसी सिलसिले में किसानों ने राष्ट्रव्यापी रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.