रेलवे लाइन पर लेट गए किसान और महिलाएं, तभी आ गई राजधानी एक्सप्रेस, देखिए VIDEO

ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसा पुलिस ने टाला : रेलवे लाइन पर लेट गए किसान और महिलाएं, तभी आ गई राजधानी एक्सप्रेस, देखिए VIDEO

रेलवे लाइन पर लेट गए किसान और महिलाएं, तभी आ गई राजधानी एक्सप्रेस, देखिए VIDEO

Tricity Today | रेलवे लाइन पर लेट गए किसान और महिलाएं

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में सोमवार की सुबह एक बड़ा हादसा पुलिस ने किसी तरह टाल दिया। ग्रेटर नोएडा शहर और दादरी कस्बे के बीच दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के समीप बोड़ाकी, पल्ला और पाली आदि गांवों के किसान आंदोलन कर रहे हैं। महीनों से चल रहे किसानों का यह आंदोलन रेलवे फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ी विकास योजनाओं को लेकर चल रहा है। इन प्रोजेक्ट के लिए यहां के किसानों की जमीन खरीदी गई है। पहले किसानों ने आपसी सहमति के आधार पर जमीन बेची थी। अब नए भूमि अधिग्रहण से जुड़ी सुविधाओं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। सोमवार की सुबह किसान और महिलाएं दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर पहुंचे और रेलवे लाइन पर लेट गए। तभी अचानक राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। पुलिस ने कड़ी मशक्कत करके रेलवे लाइन पर लेटे किसानों को हटाया। हालांकि, तब तक राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड बहुत कम हो चुकी थी। ड्राइवर को मजबूर होकर ब्रेक लगाने पड़े। मौके से ट्रेन आधी गुजरी और ठहर गई। कुछ मिनट बाद राजधानी एक्सप्रेस को रवाना किया गया।

क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा शहर और दादरी कस्बे के बीच से होकर दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन गुजरती है। यहीं बोड़ाकी रेलवे स्टेशन है। इसके आसपास के चार गांवों की जमीन पर ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के लिए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहे हैं। यहां नया रेलवे स्टेशन, रेलवे यार्ड, लॉजिस्टिक्स हब, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और इंटीग्रेटेड टाउनशिप का निर्माण हो रहा है। कई साल पहले इन परियोजनाओं के लिए भूमि किसानों से खरीदी गई है। उस वक्त किसानों ने प्राधिकरण से आपसी सहमति के आधार पर मुआवजा लिया था। अब करीब एक वर्ष से किसान नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत मिलने वाली सुविधाएं मांग रहे हैं। किसानों का कहना है कि नए कानून के तहत सर्किल रेट से 4 गुना ज्यादा मुआवजा, हर परिवार में नौकरी और आवासीय भूखंड देने होंगे। किसानों का आरोप है कि विकास प्राधिकरण इन योजनाओं के लिए उनके 80 साल पुराने घर तोड़ रहा है। दूसरी तरफ प्राधिकरण ने बताया कि इन घरों के बदले किसानों को आवासीय भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है। घर की कीमत के बदले पैसा दिया गया है। अब किसान मौके से हटने के लिए तैयार नहीं हैं।
 
घटनास्थल पर पहुंचा भारी फोर्स
सोमवार की सुबह गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट को जानकारी मिली कि बोड़ाकी में आंदोलनरत किसान रेलवे लाइन पर पहुंच रहे हैं। इन लोगों का उद्देश्य ट्रेन रोकना है। किसी अनहोनी से निपटने के लिए मौके पर भारी फोर्स भेज दिया गया। रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई। पुलिस ने पहले किसानों को रोकने का भरसक प्रयास किया। कुछ किसान और महिलाएं रेलवे लाइन पर जाकर लेट गए। ठीक उसी वक्त राजधानी एक्सप्रेस वहां पहुंची। ट्रेन के ड्राइवर ने करीब 2 किलोमीटर की दूरी से हॉर्न बजाना शुरू किया। पटरी पर लेटे किसान नहीं उठे। इससे पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस वाले एक किसान को पटरी से उठाकर एक तरफ खड़ा करते और दूसरे को उठाने पहुंचते तो पहला वापस आकर पटरी पर लेट जाता। इससे बेहद असहज स्थिति उत्पन्न हो गई। किसी तरह पुलिस ने किसानों को पटरी से हटाया। बड़ी बात यह है कि घटनास्थल तक पहुंचते-पहुंचते राजधानी एक्सप्रेस रुक नहीं पाई। करीब आधी ट्रेन गुजरने के बाद पूरी तरह ब्रेक लगे। इससे संभावित हादसे और खतरनाक स्थिति का अंदाजा आप सहज रूप से लगा सकते हैं।

प्राधिकरण और प्रशासन कर रहे तानाशाही : किसान
रेलवे लाइन की पटरी पर लेटने वाले किसानों का कहना है, "विकास प्राधिकरण और गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन तानाशाही कर रहे हैं। हमारी जमीन बेहद सस्ती दरों पर खरीदी गई है। हम लोग नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत निर्धारित किए गए लाभ मांग रहे हैं। यह हमारा हक है। इस हक को दिए बिना जमीन लेना न्यायपूर्ण नहीं है। प्रशासन और प्राधिकरण हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए हम लोग यहां आत्महत्या करने आए हैं। इसी वजह से ट्रेन के सामने लेट गए थे। जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएंगी, हमारा आंदोलन चलता रहेगा।" आपको बता दें कि इस प्रकरण को लेकर पिछले सप्ताह दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर, विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा और कई दूसरे नेता किसानों को साथ लेकर अधिकारियों से मिले थे। मामले का सहज समाधान निकालने पर चर्चा हुई थी। हालांकि, अभी तक इस प्रकरण में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसी बीच सोमवार को यह घटना हुई है, जिसमें पुलिस ने किसानों को बड़े हादसे का शिकार होने से बचाया है।

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