अंग्रेजी जमाने की सड़क बंद करने से किसान नाराज, अब सरकार बनाकर देगी बेहतरीन रोड

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : अंग्रेजी जमाने की सड़क बंद करने से किसान नाराज, अब सरकार बनाकर देगी बेहतरीन रोड

अंग्रेजी जमाने की सड़क बंद करने से किसान नाराज, अब सरकार बनाकर देगी बेहतरीन रोड

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida : जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Noida International Airport) की वजह से ब्रिटिश हुकूमत के दौर का सिकंदराबाद-जेवर मार्ग बन्द हो गया है। दरअसल, यह रास्ता हवाईअड्डे के परिसर में पड़ रहा है। लिहाजा, इसे बंद कर दिया गया। नया रास्ता बनाने के लिए सर्वे किया गया। इस सड़क के नए रूट से आसपास के गांवों के निवासी सहमत नहीं हैं। लोगों ने नए मार्ग को अनुपयोगी करार दिया है। साथ ही बेहतर रूट का सुझाव दिया है। ग्रामीणों के विरोध और मांग पर इस सड़क का नया रूट तैयार होगा।

क्या है पूरा मामला
जेवर एयरपोर्ट परियोजना के जद में आए गांवों के लिए बन रहे वैकल्पिक मार्ग की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है। अब नए सिरे से सड़क के लिए सर्वे किया जाएगा। इसके बाद निर्माण कार्य कराने की तैयारी है। जेवर एयरपोर्ट परियोजना की जद में जेवर-सिकंदराबाद सड़क का कुछ हिस्सा आ गया। इसको बंद कर दिया गया है। इसके बदले नया मार्ग बनाया जा रहा है। यह इनायतपुर रजवाहे के 1.8 किलोमीटर से 13.4 किलोमीटर तक की पटरी पर बनाया जाना है। अभी इसमें समतलीकरण का काम किया गया है। झाड़ियां काटी गई हैं। इस पर 17.51 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।

सीएम के एसीएस को पसंद नहीं आई नई सड़क
यह नया रास्ता बनाने के लिए सरकार ने 4.37 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। यह सड़क 3.75 मीटर चौड़ी है। चौड़ाई कम होने से भी आवागमन में बाधा होगी। बुधवार को अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने जेवर एयरपोर्ट साइट का दौरा किया था। इस दौरे में यह सड़क भी देखी। इसके बाद इस सड़क के काम को रुकवाने की बात हुई है। अब इस मार्ग की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। नए सिरे से सड़क बनाने की तैयारी है। सड़क का सर्वे किया जाएगा। उसके बाद नई सड़क पर काम शुरू होगा। यह सड़क पीडब्ल्यूडी ही बनाएगा। जल्द ही इस पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।

सैकड़ों साल पहले ब्रिटिश हुकूमत ने बनाया था यह मार्ग
इसके लिए अफसरों ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है। नई सड़क जेवर-रबूपुरा वाया सिकंदराबाद बनाई जाएगी। आपको बता दें कि यह रास्ता ब्रिटिश हुकूमत के दौर का है। यह ना केवल गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों को जोड़ता है बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच भी आवागमन का पुराना और महत्वपूर्ण मार्ग है।

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