बिरोड़ा गांव के किसानों को 22 साल बाद मिला हक, बोले- धन्यवाद रितु माहेश्वरी और Tricity Today

रंग लाई ट्राईसिटी टुडे की मुहीम : बिरोड़ा गांव के किसानों को 22 साल बाद मिला हक, बोले- धन्यवाद रितु माहेश्वरी और Tricity Today

बिरोड़ा गांव के किसानों को 22 साल बाद मिला हक, बोले- धन्यवाद रितु माहेश्वरी और Tricity Today

Tricity Today | रंग लाई ट्राईसिटी टुडे की मुहीम

Greater Noida News : एक बार फिर आपके पसंदीदा न्यूज़ वेबपोर्टल "ट्राईसिटी टुडे" की खबर का असर देखने को मिला है। ग्रेटर नोएडा के बिरोड़ा गांव के किसानों को करीब 22 साल बाद अपना हक मिला है। पिछले 22 सालों से इस गांव के किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन इंसाफ नहीं मिला था। इस मुद्दे को आपके पसंदीदा न्यूज़ वेब पोर्टल "ट्राईसिटी टुडे" ने काफी गंभीरता से उठाया। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने एक्शन लिया और किसानों का हक दे दिया। हक मिलने के बाद किसानों ने "ट्राईसिटी टुडे", उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और रितु माहेश्वरी का आभार व्यक्त किया है।

22 सालों से लड़ रहे थे लड़ाई
दरअसल, बिरोड़ा गांव के किसान पिछले 22 सालों से अपने प्लॉट लगवाने के लिए प्राधिकरण में दर-दर की ठोकरे खा रहे थे। गांव के 33 किसान करीब 22 सालों से अपना प्लॉट लगाने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। बिरोड़ा गांव के निवासी प्रधान चैनपाल सिंह का कहना है कि "ट्राईसिटी टुडे" से पहले किसानों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्राधिकरण के अफसरों तक मदद की गुहार लगाई थी। उसके बावजूद भी प्राधिकरण के ओएसडी सुनने के लिए तैयार नहीं थे। उसके बावजूद भी अफसर बिरोड़ा गांव के किसानों के 6 प्रतिशत आबादी के प्लाॅट नहीं लगा रहे थे। 

"अफसर कूड़े में डाल लेते थे किसानों की समस्याओं को"
चैनपाल सिंह ने बताया कि बिरोड़ा गांव के ये 33 किसान बीएसपी और एसपी सरकार में अधिकारियों से गुहार लगाते आ रहे थे। प्लानिंग विभाग के अफसर जनप्रतिनिधि और योगी आदित्यनाथ के लेटर को कूड़े में डाल देते थे। पिछले 22 सालों से गांव के 33 किसान अपने हक के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे। जिला प्रशासन और प्राधिकरण का जनता दरबार लगता है। वहां पर भी समस्याओं को काफी बार अधिकारियों को अवगत करवाया गया। अधिकारी बदल गए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

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