लीजबैक घोटाले पर एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ खड़े हुए किसान, बोले- प्राधिकरण ने धोखा दिया

लीजबैक घोटाले पर एसआईटी की रिपोर्ट लीजबैक घोटाले पर एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ खड़े हुए किसान, बोले- प्राधिकरण ने धोखा दिया

लीजबैक घोटाले पर एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ खड़े हुए किसान, बोले- प्राधिकरण ने धोखा दिया

Tricity Today | लीजबैक घोटाले पर एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ खड़े हुए किसान, बोले- प्राधिकरण ने धोखा दिया

ग्रेटर नोएडा में हुए लीजबैक घोटाले पर शासन के आदेश से गठित हुई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Special Investigation Team) की रिपोर्ट के खिलाफ किसान लामबंद होने लगे हैं। किसान सेवा संघर्ष समिति ने इसे किसानों के साथ धोखा करार दिया है। किसानों का आरोप है कि विकास प्राधिकरण रिपोर्ट को दबाकर बैठा है और सार्वजनिक नहीं कर रहा है। दूसरी ओर सरकार और विकास प्राधिकरण पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रहे हैं। अपनी जमीन देकर शहर बसाने में मदद करने वाले किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस मसले को लेकर संघर्ष समिति ने मंगलवार की दोपहर ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता बुलाई है। सोमवार की सुबह Tricity Today ने एसआईटी की रिपोर्ट पर विशेष समाचार प्रकाशित किया है।

किसान सेवा संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने कहा, "सोमवार की सुबह एसआईटी की रिपोर्ट के बारे में समाचार पढ़ने के बाद हमारा एक प्रतिनिधिमंडल ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी केके गुप्त से मिला। उनसे एसआईटी की रिपोर्ट मांगी गई। उन्होंने जवाब दिया कि रिपोर्ट उनके पास नहीं आई है। इसके बाद हम लोगों ने शासन से जानकारी हासिल की। वहां से पता चला कि एसआईटी की रिपोर्ट मिल चुकी है और विकास प्राधिकरण को भेज दी है।" मनवीर भाटी ने कहा, "यह जानकारी भी मिली है कि बाहरी पूंजीपति व्यक्तियों की आबादियों को हरी झंडी दे दी गई है। ग्रेटर नोएडा के मूल किसानों की आबादी के साथ उनको मिल चुके 6% प्लॉट को भी खत्म करने की सिफारिश की गई है। इसके बारे में किसान संघर्ष समिति कल दोपहर 12:00 बजे ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करेगी।"

मनवीर भाटी ने आगे कहा, "पत्रकार वार्ता के दौरान हम एसआईटी की जांच रिपोर्ट और सिफारिशों को सार्वजनिक करेंगे। किसान आगे की रणनीति तैयार करेंगे।" मनवीर भाटी ने विकास प्राधिकरण पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने और हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। किसानों ने कहा कि 10 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने अपने परिवारों की सामाजिक सुरक्षा हासिल की थी। जिसे विकास प्राधिकरण ने तबाह कर दिया है। इसके खिलाफ किसान एकजुट होकर आंदोलन करेगा।

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