जेवर टोल प्लाजा पर लगातार दूसरे दिन धरना-प्रदर्शन की वजह से यातायात प्रभावित रहा। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के आह्वान पर जेवर टोल पर चल रहा किसानों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह चिरौली किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर अपने समर्थकों के साथ जेवर टोल पर धरने पर बैठे हैं। उन्होंने टोल प्लाजा की एक लेन को बंद करा दिया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। देर रात को पुलिस व यूनियन के पदाधिकारियों के बीच धरना समाप्त करने को लेकर वार्ता हुई थी, मगर विफल रही।
केंद्र और राज्य सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही हैं
चिरौली ने बताया कि केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने किसान विरोधी तीन कानून बनाकर किसानों को पंगु बना दिया है। बार-बार आह्वान के बावजूद भी केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। इस बात को लेकर किसानों ने गुरुवार से जेवर टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।’’ अगर बहरी सरकारें नहीं सुनेंगी, तो किसान संगठन उन्हें सुनाने के लिए दूसरी रणनीति बनाएंगे।
5 टोल प्लाजा पर बैठे संगठन के कार्यकर्ता
उन्होंने बताया कि गुरुवार रात को दो बजे थाना जेवर पुलिस और धरने पर बैठे किसानों के बीच जेवर थाने में बातचीत हुई। मगर किसान अपनी मांगें पूरी होने तक धरना समाप्त करने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय संगठन के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी धरने पर बैठे हैं। ये टोल प्लाजा जेवर, मेरठ, अमरोहा, मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर में स्थित हैं।
रात दो बजे हुई वार्ता विफल रही
थाना जेवर के प्रभारी निरीक्षक उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि टोल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से देर रात को वार्ता की गई। किसानों को समझाने का प्रयास किया गया कि वे धरना समाप्त कर लें। मगर किसान धरना समाप्त करने को तैयार नहीं है। सीनियर अधिकारी आज भी किसानों से बात करेंगे और उन्हें धरना खत्म करने के लिए मनाया जाएगा। फिलहाल जेवर टोल पर यातायात की रफ्तार धीमी है।
6 महीने से चल रहा है विरोध-प्रदर्शन
बताते चलें कि केंद्र सरकार के 3 नए कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने 26 मई को काला दिवस मना कर विरोध जताया था। दरअसल बीते बुधवार को किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो रहे थे। इस मौके पर किसानों ने दिल्ली-एनसीआर के सभी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए गौतमबुध नगर, गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रहीं। कहीं से कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई। गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में किसानों ने काला दिवस मनाया। बुजुर्गों ने काली पगड़ी बांधकर अपना विरोध जताया। ट्रैक्टरों और घरों पर काले झंडे लहराए गए। किसानों की मांग है कि सरकार कानूनों को वापस ले। जबकि केंद्र उनमें संशोधन की बात कर कानूनों को निरस्त करने से इंकार कर रही है।