सैनी के किसान जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, पंचायत ने लिया फैसला

ग्रेटर नोएडा किसान भूखण्ड घोटाला : सैनी के किसान जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, पंचायत ने लिया फैसला

 सैनी के किसान जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, पंचायत ने लिया फैसला

Tricity Today | गांव में किसानों ने की पंचायत

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में हुए 4%, 6% और 10% आबादी भूखंड घोटाले में बड़ी खबर है। इस मामले की शिकायत अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) से करने वाले किसानों ने गुरुवार को सैनी गांव में पंचायत की। किसानों का कहना है कि 4 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन प्राधिकरण ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। मामले की जांच के बारे में भी शिकायत करने वाले किसानों को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। दूसरी ओर किसान आबादी भूखंडों की दलाली करने वाले प्रॉपर्टी डीलर लगातार गांव में सक्रिय हैं। लिहाजा, किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का फैसला लिया है।

'पता नहीं कितनी बड़ी जांच कर रहे हैं अफसर'
इस मामले की शिकायत करने वाले सैनी गांव के पूर्व प्रधान ब्रह्म सिंह ने बताया, "हम लोगों ने इस घोटाले की शिकायत करीब 4 महीने पहले तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह से की थी। उन्होंने जांच का आदेश दिया और 7 दिन में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह से रिपोर्ट मांगी। अदिति सिंह ने सौम्य श्रीवास्तव से करीब 3 महीने में जांच करवाई। रिपोर्ट करीब एक महीने पहले मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी को सौंप दी गई। इसके बाद हम लोग रितु महेश्वरी से जन सुनवाई के दौरान मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि कार्यवाही जल्दी की जाएगी, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। पता नहीं ये अफसर कैसी जांच कर रहे हैं?"

ब्रह्म सिंह आगे कहा, "हमें बताया जा रहा है कि एक बार फिर इस पूरे मामले में जांच करवाई जा रही है। जिसके लिए 3 अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की एक समिति बनाई गई है। कुल मिलाकर पूरे मामले को इधर से उधर घुमाया जा रहा है। अभी तक केवल सारी प्रक्रिया कागजों में चल रही है। कोई ठोस एक्शन नहीं हुआ है।" 

ब्रह्म सिंह ने आगे बताया, "हम लोगों ने विस्तार से दस्तावेज और सबूत सीईओ को सौंपे थे। जिनका सत्यापन करने में इतना वक्त लगने की कोई जरूरत नहीं थी। सारी चीजें बिल्कुल एकदम साफ-साफ नजर आ रही हैं। इसके बावजूद पता नहीं प्राधिकरण के अफसरों को यह पूरा घोटाला पकड़ने में 4 महीने का वक्त कैसे लग गया है? वह कहते हैं कि अगर अंगूठा छाप के सामने भी इन दस्तावेजों रख देंगे तो वह भी बता देगा कि यह बड़ा घोटाला है, लेकिन पढ़े-लिखे और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं को पास करके आए आईएएस अफसरों को यह घोटाला समझ नहीं पा रहे हैं।

किसान अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
गुरुवार को सैनी गांव में हुई पंचायत में किसानों ने फैसला लिया है कि अब इस घोटाले को लेकर एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाएगी। किसानों ने बताया कि 2 वकीलों से बात की गई है और 3 लोगों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। तीनों किसान दिल्ली जाकर वकीलों को सारे दस्तावेज सौंपेंगे और जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया पूरी करेंगे। ब्रह्म सिंह का कहना है कि फरवरी के तीसरे सप्ताह में हम जनहित याचिका दायर कर देंगे। अगर तब तक प्राधिकरण के अफसर अपनी जांच पूरी कर पाते हैं तो ठीक है, नहीं तो फिर सुप्रीम कोर्ट अपने आप पूरे मामले का संज्ञान लेकर फैसला करेगा।

भ्रष्ट अफसर कर रहे सीईओ को गुमराह
ब्रह्म सिंह ने कहा, "अगर हम लोग गलत होंगे तो हमें सजा मिलेगी और अगर प्राधिकरण के अफसरों ने घोटाला किया है तो उन सभी को सजा दिलवाएंगे।" किसानों का कहना है कि हमें प्राधिकरण की नई मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी पर भरोसा था। उनके बारे में पता चला था कि वह ईमानदार महिला अफसर हैं। इसलिए हम लोग अब तक धैर्य धरकर पूरी प्रक्रिया को देख रहे थे, लेकिन हमें लगता है कि प्राधिकरण में तैनात भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों ने उन्हें भी गुमराह कर दिया है। शायद उन्हें हमारी बात समझ नहीं आ रही है। हो सकता है सुप्रीम कोर्ट की बात समझ आ जाए।

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