नाले का निर्माण करने वाली फर्म के खिलाफ होगी एफआईआर, सीईओ ने दिए सभी नालों की जांच के आदेश

सीवर लाइन मामला : नाले का निर्माण करने वाली फर्म के खिलाफ होगी एफआईआर, सीईओ ने दिए सभी नालों की जांच के आदेश

नाले का निर्माण करने वाली फर्म के खिलाफ होगी एफआईआर, सीईओ ने दिए सभी नालों की जांच के आदेश

Tricity Today | मलबे के नीचे से मजदूरों को निकलते हुए साथी मजदूर

  • चाई फोर की घटना से आहत प्राधिकरण के सीईओ ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
  • प्रथम दृष्टया नाले के निर्माण की गुणवत्ता खराब होने की बात आई सामने
     
Greater Noida News : सेक्टर चाई फोर में पूर्व में निर्मित नाले की छत गिरने से दबकर दो मजदूरों की मौत की घटना पर करवई ताजी से जा रही है। जिसके चलते प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने नाले का निर्माण करने वाली फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बाकी के नालों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था से कराने को कहा है। खराब गुणवत्ता मिलने पर तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

यह है पूरा मामला 
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर चाई-फोर में पेरीफेरल रोड के किनारे पूर्व नाली का निर्माण कराया गया था। इसका निर्माण साईं कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया गया था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से जलभराव की स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार को नाले में जमीं सिल्ट की निकासी का कार्य कराया जा रहा था। बृहस्पतिवार दोपहर करीब 12:00 बजे सफाई कर रहे 3 मजदूरो के ऊपर छत टूटकर गिर गई। घटना के तुरंत बाद घायलों को यथार्थ अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान दो श्रमिकों रिहान (18 ) और दिलशाद (20) की मौत हो गई। वहीं, साहिल (25) का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। येतीनों ही कलौंदा (दादरी) के निवासी है। घटना की सूचना मिलते ही प्राधिकरण के महाप्रबंधक केआर वर्मा अपनी वर्क सर्किल के अधिकारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। 

सरिये की गुणवत्ता मिली खराब
महाप्रबंधक परियोजना केआर वर्मा ने बताया कि मौके पर पाया गया है कि पूर्व में निर्मित नाले की गुणवत्ता खराब होने से छत टूटने की घटना घटी है। नाले की छत में लगी सरिया भी निम्न गुणवत्ता की थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्द्र सिंह के निर्देश पर नाली का निर्माण करने वाली संबंधित एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही इसके गुणवत्ता की उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था से कराकर दोषी तत्कालीन अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने नाले का निर्माण करने वाली संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

सभी पुराने नालों की गुणवत्ता का होगा ऑडिट : एसीईओ
सेक्टर चाई फोर के जैसी घटना फिर न दोहराए, इसके लिए प्राधिकरण सभी पुराने नालों की गुणवत्ता का सेफ्टी ऑडिट कराएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डुली ने परियोजना विभाग को उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था का चयन कर सभी पुराने नालों की ऑडिट कराने को कहा है। ऑडिट रिपोर्ट में जिन नालों की गुणवत्ता खराब मिलेगी, उनको बनाने वाली फर्म से ही उसे रिपेयर कराया जाएगा।

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