Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा से सोमवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली बार विमान ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की। यह ऐतिहासिक क्षण ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो अब दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भर रहने की मजबूरी से मुक्त हो गए हैं। एयरपोर्ट पर हवाई जहाज के उतरने के साथ ही 23 साल पहले देखा गया सपना पूरा हो गया।
ऐसी भरी उड़ान
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा सभी सुरक्षा परीक्षणों के पूरा होने के बाद इस एयरपोर्ट को हरी झंडी दी गई। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के मात्र 10 मिनट बाद विमान ने जेवर एयरपोर्ट पर लैंडिंग की। इस दौरान विमान ने आसमान में लगभग 1.5 से 2 घंटे तक परीक्षण उड़ान भरी, जिसमें पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के बीच सावधानीपूर्वक समन्वय बनाए रखा गया। एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ स्नेलमैन ने पहले ही संकेत दिया था कि यदि आज का परीक्षण सफल रहता है, तो किसी अतिरिक्त मान्यता की आवश्यकता नहीं होगी। अनुमान के अनुसार अप्रैल से एयरपोर्ट उड़ानों के लिए खोल दिया जाएगा।
एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रियाधीन-17 अप्रैल तक एयरपोर्ट से कामर्शियल फ्लाइट शुरू
एयरपोर्ट को राष्टीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी
पहले दिन से 30 विमान सेवा शुरू
25 घरेलू, तीन अंतरराष्ट्रीय और दो कार्गो फ्लाइट शामिल
सिंगापुर, दुबई, ज्यूरिख के लिए लुफ्थांसा और सिंगापुर एयरलाइन से समझौता
घरेलू स्तर पर अकासा और इंडिगो फ्लाइट्स-पहले दिन घरेलू फ्लाइट लखनऊ समेत देश के प्रमुख शहर के लिए शुरू होगी।
लैंडिंग करने वाली फ्लाइट में कोई यात्री नहीं
आज लैंडिंग करने वाली फ्लाइट में कोई यात्री नहीं थे। इस दौरान विमान में सिर्फ चालक दल के सदस्य ही मौजूद। जेवर एयरपोर्ट के रनवे को काफी खास तरह से बनाया गया है। स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से बनाया गया है। जेवर एयरपोर्ट का रनवे करीब 3.9 किलोमीटर लंबा है. इसे 10 से 28 तक की संख्या दी गई है। एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ स्नेलमैन ने पहले ही कहा था कि अगर आज का ट्रायल सफल रहता है तो फिर किसी और वैलिडेशन की जरूरत नहीं होगी।
2001 में देखा गया था सपना
2001 में देखा गया था एयरपोर्ट बनाने का सपना। इसके बाद कई बार ऐसे दौर आए, यहां हवाई अड्डे का निर्माण मुश्किल लगने लगा। सपा शासनकाल में इसे गौतमबुद्धनगर से आगरा। कर दिया गया। 25 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके निर्माण के लिए जेवर में शिला किया था। प्रमुख परियोजनाओं में सबसे अहम है।